बेअंत कालेज को मिला यूनिर्वसिटी का दर्जा, कलानौर में 47 करोड़ की लागत से बनेगा गन्ना अनुसंधान विकास संस्थान
गुरदासपुर, 8 मार्च (मनन सैनी)। 2021-22 के बजट में कोरोना काल में आर्थिक तंगी के बावजूद पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के पिटारे से गुरदासपुर जिले को कुछ बड़ी सौगातें दी गई है। जिसमें बेअंत कॅालेज एडं टैक्नोलोजी इंस्टीट्यूट को यूनिर्वसिटी का दर्जा देना, कलानौर में गन्ना अनुसंधान विकास संस्थान बनाना, गुरदासपुर तथा बटाला शूगर मिल के अपग्रेड़ेशन तथा आधुनिकरण के लिए 60 करोड़ रुपए आदि शामिल है। परन्तु वहीं दूसरी ओर केंद्र की ओर से मंजूरी न मिलने के चलते गुरदासपुर मेडिकल कॉलेज अधर में लटका हुआ है। हालांकि वित्त मंत्री की ओर से दूसरी बार फिर बजट में मंजूरी मिलने पर कॉलेज बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। मेडिकल काॅलेज को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसकी घोषणा खुद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की ओर से 2018 में की गई थी। जिसके इससे पहले 2019-20 के बजट में गुरदासपुर मेडिकल कॉलेज को बजट में पीपीपी के तहत मंजूरी मिली थी। परन्तु काम में रफ्तार न आ सकी। मुख्यमंत्री की ओर से किए गए वायदे को वफा करने हेतू अब इस प्रोजेक्ट ने दोबारा रफ्तार पकड़ी है तथा खुद कैप्टन नीति आयोग की मीटिंग में गुरदासपुर मेडिकल कालेज की मंजूरी जल्द देने तथा कादियां- ब्यास रेलवे लाईन प्रोजेक्ट को लेकर मुद्दा उठा चुके है।
सोमवार को वित्त मंत्री की ओर से इस बार बजट में बरियार स्थित आर्थिक तौर पर दम तोड़ रहे बेअंत कालेज एडं टैक्नोलोजी इंच्टीट्यूट को यूनिर्वसिटी का दर्जा दे कर जीवन दान दिया गया तथा इसे 45 करोड़ की ग्रांट देने का भी प्रस्ताव रखा गया है। जिससे गुरदासपुर निवासियों की काफी लंबे समय से पेडिंग यूनिर्वसिटी की मांग पूरी होकर जिले को अपनी पहली यूनिर्वसिटी मिल गई है। गौर रहे कि आर्थिक रुप से तंग उक्त काॅलेज में कर्मचारियों के वेतन तक अदा करने में देरी होती थी। इसी के साथ बजट में 4 करोड़ की लागत से दीनानगर तहसील कंप्लैक्स को मंजूरी दे दी गई है।
इस संबंधी मंत्री अरुणा चौधरी का कहना है कि इस यूनिर्वसिटी में नए कोर्स शुरु होने से जहां इसकी माली हालत में भी सुधार होगा वहीं इलाके में पंजाब एवं दूसरे राज्यों से विद्यार्थियों के आगमन से इस हलके में रोजगार के अवसर भी पैदा होगें व हलके व जिले में शिक्षा के सुधार संभव होगें।
वहीं बजट में सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा तथा अन्य विधायकों एवं मंत्रियों के प्रयत्नों के चलते जिले की दो सहकारी मिले बटाला तथा गुरदासपुर को अपग्रेड तथा इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए 60 करोड़ रुपए का भी प्रावधान रखा गया है। वहीं कलानौर में 47 करोड़ की लागत से गन्ना अनुसंधान विकास संस्थान को मंजूरी दी गई है। जिससे इलाके में गन्ना किसानों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा तथा अनुसंधान और विकास गतिविधियों को ओर बल मिलेगा। गौर रहे कि जिला गुरदासपुर में पूरे पंजाब का करीब 30 प्रतिशत गन्ना इसी जिले से आता है जिसके चलते यह किसानों के लिए बेहद लाभदायक साबित हो सकता है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा का कहना है कि इस संस्थान से गन्ने की नई फसल तथा अनुसंधान से नई नई शोध की जा सकेगी जिससे जिले के किसानों को काफी लाभ मिलेगा। उन्हें गन्ने का बढ़िया बीज उपलब्ध करवाया जाएगा तथा जिससे उनकी आमदनी में इजाफा हो सके। इसी तरह अब गुरदासपुर शूगर कंप्लैक्स में इथैनोल बनेगी तथा बटाला में दवाओं में उपयोग होने वाली शूगर तैयार की जाएगी। उन्होने बताया कि बटाला की सहकारी मिल1962 में स्थापित की गई थी, जो अब आधुनिक दौर में काम कर रही है।
वहीं गुरदासपुर जिले में बनने वाले पहले मेडिकल कॉलेज को लेकर संजश अभी भी बरकरार है, क्योंकि अभी तक केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी न दिए जाने के चलते अधर में लटका है। 2019-20 के बजट में इसे बनाने के लिए बजट में पास किया गया था। परन्तु यह प्रोजेक्ट अमली जामा नही पहन सका। हाल ही में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की ओर से नीति आयोग की बैठक के समक्ष भी गुरदासपुर मेडिकल कॉलेज का मुद्दा भी उठाया था। परन्तु अभी तक केंद्र की ओर से इसकी मंजूरी नही दी गई है। 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री की ओर से फिर गुरदासपुर मेडिकल कॉलेज का प्रावधान रखा गया है और कहा गया है कि केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद इसे पूरा किया जाएगा। लोगों का इस कॉलेज को लेकर बेहद आशाएं है क्योंकि 2018 में मुख्यमंत्री खुद गुरदासपुर में मेड़िकल कॉलेज खोलने की घोषणा कर गए थे।
इस संबंधी गुरदासपुर के विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा ने बताया कि मेडिकल कॉलेज बनाने संबंधी पंजाब सरकार की ओर से सभी शर्तो को पूरा कर लिया गया है। नर्सिंग कालेज संबंधी जमीन भी दे दी गई है। अस्पताल को 200 बिस्तर हो चुका है। परन्तु अब मंजूरी केंद्र सरकार की ओर से फाइनल मंजूरी दी जानी है, जिसके चलते यह काम अधर में लटका है जबकि पंजाब ने अपना हिस्से की शर्तों को पूरा कर लिया है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद जल्द काम शुरु हो जाएगा। उन्होनें कहा कि सैनिक स्कूल का प्रोजेक्ट भी केंद्र की मंजूरी के इंतजार के चलते अभी तक लटका है और उम्मीद है कि वह जल्द शुरु होगा।
वहीं गुरदासपुर के जिला अस्पताल में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य विंग , पानी की गुणवत्ता के बुनियादी ढांचे की निगरानी के लिए कार्य, तहसील कंप्लैक्स बटाला में सीसीटीवी कैमरे तथा बनेगा रीजनल ड्राईविंग ट्रेनिंग सैंटर बनाने का भी प्रस्ताव बजट में रखा गया है । वहीं गुरदासपुर – डेरा बाबा नानक रोड़ को अगवान तक सड़क की मंजूरी मिली है।