2019 में आईसीयू युक्त एंबुलैंस करवाई थी बुक, नही दी गई समय पर डिलिवरी, बाद में बी.एस-4 गाड़ी की रजिस्ट्रेशन हुई बंद,
गुरदासपुर, 24 फरवरी। थाना सिटी की पुलिस द्वारा छह महीने की जांच के बाद गुरदासपुर के मल्टी स्पेशलिस्ट अस्पताल अबरोल मेडिकल सेंटर के चेयरमैन डा. अजय अबरोल के साथ 19.75 लाख रुपए की ठगी का आरोप में अमृतसर की कर्ण मोटर्ज जीटी रोड के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
जानकारी देते हुए डीएसपी सिटी सुखपाल सिंह ने बताया कि 2019 के नवंबर माह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरदासपुर दौरे के चलते सरकार द्वारा अबरोल मेडिकल सेंटर गुरदासपुर को सेफ हाऊस बनाने के निर्देश दिए गए थे। जिसकी तैयारियों के तहत अबरोल मेडिकल सेंटर के चेयरमैन डा. अजय अबरोल द्वारा सितंबर 2019 में एक आईसीयू युक्त एंबुलैस खरीदने के लिए कर्ण मोटर्ज जीटी रोड अमृतसर को बुकिंग करवाई गई थी। डा. अबरोल द्वारा दो लाख रुपए का चेक देकर बुकिंग करवाई गई। इस दौरान एजेंसी मालिक द्वारा उन्हें दो तीन सप्ताह के भीतर एंबुलैंस देने का वायदा किया गया था।
उन्होने बताया कि डा. अबरोल द्वारा एचडीएफसी बैंक से लोन करवा कर एजेंसी मालिक को सारा भुगतान भी कर दिया गया। लेकिन एजेंसी मालिक द्वारा उन्हें एम्बुलेंस नहीं दिया गया। जबकि वह एचडीएफसी बैंक को हर महीने 37 हजार 794 रुपए की किस्तें भी अदा कर रहे हैं। इसके बाद एजेंसी द्वारा डाक्टर अबरोल को जुलाई-अगस्त 2020 में एम्बुलेंस देने को कहा गया। लेकिन तब तक डाक्टर अबरोल द्वारा बुक करवाई गई बीएस-4 डीजल गाडिय़ों की रजिस्ट्रेशन केंद्र सरकार द्वारा बंद कर दी गई थी। जिसके चलते डा. अबरोल ने उक्त एम्बुलेंस लेने से मना कर दिया। अब मार्किट में बीएस-5 की गाडिय़ां चल रही है। एजेंसी होल्डर द्वारा न तो डा. अबरोल को एम्बुलेंस मुहैया करवाई जा रही है और न ही उनके पैसे वापिस किए जा रहे है। डीएसपी सुखपाल द्वारा छह महीने तक की गई कड़ी छानबीन के बाद कर्ण मोटर्ज के मालिक कुलविंदर सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
डा. अजय अबरोल ने बताया कि नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से पहले उन्हें एजेंसी द्वारा एम्बुलेंस मुहैया नहीं करवाई गई थी। जिसके चलते उन्होंने मजबूरी में दिल्ली में अपने एक डाक्टर दोस्त के अस्पताल से आईसीयू युक्त एम्बुलेंस मंगवा कर समय निकाला था। उन्होंने कहा कि एजेंसी मालिकों द्वारा उन्हें काफी आर्थिक नुकसान तो पहुंचाया ही जा रहा है और साथ ही मानसिक रुप से परेशान भी किया गया है।