आईडी कार्ड बनाने में जिला लुधियाना दूसरे तथा जिला जालंधर तीसरे स्थान पर रहा
अनुमानित आबादी के अनुसार 1.69 प्रतिशत कम होने के चलते पहले स्थान पर आने से चूका गुरदासपुर
मनन सैनी
गुरदासपुर। दिव्यांगों की यूनिक डिसएबिलटिी आईडी बनने में गुरदासपुर ने पूरे पंजाब में पहला स्थान हासिल किया है। जिले में अभी तक कुल 17 हजार 774 कार्ड बनाए गए है जो पूरे पंजाब में सबसे ज्यादा है। वहीं कुल 17 हजार 536 कार्ड बनाने पर जिला लुधियाना दूसरे कुल 15 हजार 571 बना कर जिला जांलधर तीसरे स्थान पर रहा। जिला गुरदासपुर ने 21वें नंबर से पहले पायदान पर आने का सफर स्पेशल कैंप लगा कर तय किया। जिसमें आंगनवाड़ी वर्करों से लेकर डाक्टरों का सहयोग रहा। इस संबंधी स्पेशल केसों में दिव्यांगों को सरकारी एंबुलैंस के जरिए कैंपों तक लाया गया और उनके कार्ड बनाए गए।
वहीं दूसरी ओर अनुमानित 2.2 प्रतिशत जिले की आबादी के हिसाब से भी जिला ने शानदार प्रर्दशन करते हुए 45.57 प्रतिशत काम पूरा कर पंजाब में दूसरा स्थान हासिल किया है। जो मात्र पहले स्थान से 1.69 प्रतिशत कम है। अनुमानित आबादी के हिसाब से पहले स्थान पर पठानकोट तथा तीसरे स्थान पर शहीद भगत सिंह नगर रहा। गौर रहे कि योग्य लाभार्थियों को पारदर्शी ढंग से अपने हक लेने के योग्य बनाने के लिए पंजाब के सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग ने दिव्यांग व्यक्तियों (नेत्रहीन, अपंग, बोलने और सुनने में असमर्थ और मानसिक तौर पर कमजोर व्यक्तिों) के लिए वित्तीय सहायता योजना के लाभार्थियों के लिए पहचान दस्तावेज के तौर पर आधार नंबर जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है
19 फरवरी को जारी आंकडों के अनुसार गुरदासपुर जिले में अनुमानित कुल आबादी के 2.2 प्रतिशत के हिसाब से जिला गुरदासपुर में करीब 39 हजार कार्ड बनने का अनुमान है। जबकि अभी तक कुल 25 हजार 660 आवेदन ही पोर्टल पर आए। उक्त आवेदनों में से कुल 17 हजार 774 कार्ड बना लिए गए जोकि पंजाब भर में सबसे ज्यादा है। जबकि अभी तक कुल 1445 आवेदन पेंडिग है। आवेदनों में कुल 6441 आवेदन विभिन्न कारणों से रद्द हो गए है। वहीं पठानकोट जिले में कुल 47.26 प्रतिशत तथा तीसरा स्थान पर रहे जिला शहीद भगत सिंह नगर में 44.44 प्रतिशत काम पूरा हुआ है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए गुरदासपुर के डिप्टी कमिशनर मोहम्मद इश्फाक ने बताया कि पंजाब के सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से विभिन्न स्कीमों के साथ आधार नंबर जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की है जिससे लाभार्थियों को निर्विघ्न ढंग से अपने हक मिल सकें। इसके चलते स्वस्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों की ओर से व स्पेशल कैंप लगाए गए तथा टीम वर्क तथा कड़ी मेहनत के चलते गुरदासपुर पहले स्थान पर आया।
वहीं सिवल सर्जन गुरदासपुर डॉ वरिंदर जगत ने बताया कि आंगनवाड़ी वर्करों की ओर से गांव स्तर पर कैंप लगाए गए। जहां प्रार्थियों ने आवेदन भरें, फार्म भरने के बाद उन्हे ऑनलाईन किया गया। जिसके उपरांत उनकी ओर से डॉक्टरों की ओर से कैंप लगाएं गए जहां डॉक्टरों की माहिरों की टीम, जिसमें कान और गलें के माहिर, आंखों के माहिर डाक्टर, मेडिकल विशेशज्ञ, मनोचिकित्सक, हड्डियों के विशेशज्ञ डाक्टर का कैंप लगाया जाता है। जिनकी ओर से जांच की जाती है। जिसमें कई केस रिजेक्ट भी होते है।
वहीं डीसी इश्फाक तथा सिवल सर्जन डॉ जगत ने जगत ने बताया कि उनकी ओर से विशेश कर अति आवस्यक केस में प्राथी को लाने के लिए एंबुलैंस के जरिए कैंप तक लाया गया ताकि उन्हे सरकारी लाभ मिल सकें। क्योंकि कई ऐसे मरीज है जो बिस्तर पर है तथा उन्हे भी सुविधा लेने का पूरा हक है।