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सरकारी दमन से नहीं दबेगा यह आंदोलन, और मजबूती से आगे बढ़ेगा – हरपाल चीमा

सरकारी दमन से नहीं दबेगा यह आंदोलन, और मजबूती से आगे बढ़ेगा – हरपाल चीमा
  • PublishedJanuary 29, 2021

कहा बिजली-पानी रोककर किसानों की आवाज नहीं दबा सकती मोदी सरकार

किसानों की आवाज उठाने के कारण आप सांसद भगवंत मान और संजय सिंह को संसद में घुसने से रोका गया

भाजपा अपने गुंडो से किसानों पर पथराव करवाने से बाज आए, कहा लाल किले की घटना के पीछे बीजेपी का हाथ, 26 जनवरी को लालकिले पर मौजूद थे बीजेपी के गुंडे

मनीष सिसोदिया, राघव चड्ढ़ा और जरनैल सिंह को पानी के टैंकरों से साथ दिल्ली बॉर्डर पर रोका गया

चंडीगढ़, 29 जनवरी। किसान आंदोलन स्थलों पर बिजली और पानी की सप्लाई रोके जाने और पुलिस के द्वारा आंदोलन को खत्म करने के सरकार के प्रयासों पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पंजाब विधान सभा में विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने शुक्रवार को कहा कि आंदोलन पर बैठे हुए किसानों की बिजली और पानी रोककर मोदी सरकार किसान आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है। लेकिन सरकार के दमन के आगे किसान घुटने टेकने वाले नहीं हैं। अब यह आंदोलन और मजबूती के साथ आगे बढ़ेगा और मोदी सरकार को सत्ता से उखार फेकेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने गुंडों को भेजकर किसानों का विरोध करवा रही है और किसानों को डराने का प्रयास कर रही है। कल पूरे देश ने देखा कि कैसे बीजेपी ने गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों को जबर्दस्ती खाली करवाने का प्रयास किया और किसानों में दहशत फैलाने की कोशिश की। 
पार्टी मुख्यालय में मीडीया को संबोधित करते हुए चीमा ने कहा, रिपोर्ट के अनुसार पिछले 25 साल में पूरे देश में लगभग साढ़े तीन लाख किसानों ने आत्महत्या की है। ये पूरे देश के लिए शर्म की बात है। इतने किसानों की अत्महत्या करने के बाद मोदी सरकार ने किसानों के जले पर नमक छिडक़ते हुए इन काले कानूनों को बनाकर किसानों की खेती को उनसे छीन कर दो-चार कॉरपोरेट घरानों को देने का चक्रव्यूह रच रही है। इस समय किसानों के लिए जीवन और मौत का सवाल है कि अब अगर वो सडक़ों पर नहीं उतरे तो किसानी नहीं बचेगी और ये कल्पना करना मुश्किल है कि किसानी के बिना किसानों के जीवन और उनके परिवार के भविष्य का क्या होगा। उन्होंने कहा, इतनी ठंड में किसान सडक़ पर इसीलिए बैठा है क्योंकि उसको अपने भविष्य की चिन्ता है। मोदी सरकार के सांसद पार्लियामेंट में मेज थपथपा रहे हैं और देश का किसान खुले में संघर्ष कर रहा है लेकिन सरकार उनकी बात नहीं सुन रही।

बहुत दुर्भाग्य की बात है कि जो किसान पूरे देश को खाना खिलाता है, आज मोदी सरकार उसी किसानों को पानी देने से रोक रही है। संघर्षशील किसान नेता राकेश टिकैत जी ने कल रात को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी से बात करके पानी की व्यवस्था करने की बात कही। किसानों के प्रति अपने फर्ज का निर्वहन करते हुए उन्होंने पानी के टैंकरों को आंदोलन स्थल पर भेजने का आदेश दिया। बहुत दुख की बात है कि हमारे पार्टी के दिल्ली के विधायक और पंजाब के प्रभारी राघव चड्ढ़ा और जरनैल सिंह पानी के टैंकरों के साथ सिंघु बॉर्डर पहुंचे तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें पानी ले जाने से रोक दिया। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी भी जब पानी के टैंकरों के साथ राकेश टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे तो पुलिस ने पानी ले जाने से मना किया।   

आदमी पार्टी के सांसद के अंदर और बाहर हर जगह किसानों की आवाज उठाते आ रही है। आज पार्लियामेंट के सेशन में हमारे सासद भगवंत मान जी और संजय सिंह जी को संसद के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी गई क्योंकि पिछली बार उन्होंने संसद के सेन्ट्रल हॉल में प्रधानमंत्री मोदी के सामने किसानों के समर्थन में नारे लगाए थे। इसी डर से आज मोदी सरकार लोकतत्र की मर्यादा का उल्लंघन करते हुए आम आदमी पार्टी के निर्वाचित सांसदों को संसद में घुसने से रोक दिया। हमारी आवाज़ को बंद करने का प्रयास किया जा रहा है परन्तु हम अंतिम सांस तक किसानों और आमलोगों की आवाज उठाते रहेंगे। 

लाल किले की घटना पर बोलते हुए चीमा ने कहा, 26 जनवरी को जो भी हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था और जो भी इसके लिए असल तौर पर जिम्मेदार है उन व्यक्तियों और उससे जुड़ी पार्टी पर कार्रवाई करनी चाहिए। लाल किले पर जो भी हुआ उसके पीछे बीजेपी के गुंडो का हाथ था। बीजेपी ने किसानों को बदनाम करने की शाजिश के तहत खुद अपने गुंडे को भेजकर हिंसा करवायी। 

हिंसा होने से किसानों के मुद्दे ख़त्म नहीं हो गए हैं। किसानों के मुद्दे अभी भी जस के तस है। उनको ये काले कानून नहीं चाहिये। लाखों किसान पिछले दो महीने से चिल्ला-चिल्ला कर सरकार को बोल रहे हैं कि इन तीनों काले कानूनों को रद्द करो। किसानों का आन्दोलन अभी ख़त्म नहीं हुआ है। आन्दोलन तभी ख़त्म होगा जब मोदी सरकार अपनी गलता मानते हुए इन काले कानूनों वापस लेगी। चीमा ने कहा जिस देश का किसान दुखी हो, वह देश कभी सुखी नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि ये समझ से परे है कि मोदी सरकार पूरे भारत के किसानों के विरोध के बावजूद ये काले कानून क्यों लाना चाहती है, क्यों उनकी जमीनें छीन कर पूंजीपतियों के हाथ में देना चाहती है?

आम आदमी पार्टी सदैव किसानों के साथ खड़ी है। हम सबको मिलकर अभी किसानों का साथ देना है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में किसानों के साथ उनके संघर्ष में शामिल होंगे। पार्टी कार्यकत्र्ता बिना पार्टी के झंडे  के एक आम इंसान और किसान के रुप में आन्दोलन में शामिल होंगे। उन्होंने चीमा ने हैरानी जताते हुए आगे कहा, यह बेहद शर्मनाक है कि जो किसान पूरे देश का पेट पालता है उसको गद्दार और देशद्रोही कहा जा रहा है। लेकिन सच्चाई ये है कि भारत में किसानों से बड़ा कोई देशभक्त नहीं हैं। किसान भारत माता के सच्चे सपूत हैं। इसलीए मोदी सरकार किसानों को आतंकवादी कहना बंद करे।

Written By
The Punjab Wire