माता-पिता पूरी जांच पडताल करने के उपरांत ही अपने बच्चों को विदेश भेजें -डा.ओबराए
हमारे लिए किसी फ़रिश्ते से कम नहीं हैं डा. ओबराए -पीड़ित लड़कियाँ
अमृतसर, 22 जनवरी। समाज सेवा के क्षेत्र में नित्य नये मील -पत्थर लगा रहे दुबई के प्रसिद्ध कारोबारी और सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डा. एस.पी.सिंह ओबराए ने एक बार फिर ज़रूरतमंदों का मसीहा बनते, भारत से रोज़ी -रोटी कमाने दुबई गई और वहाँ ग़ुलाम बना दीं गई 12 बेबस लड़कियों के सिरों पर हाथ रखते अपनी जेब में से लाखों रुपए ख़र्च कर उन में से 11 को सुरक्षित वापिस वतन पहुँचा दिया।
आर्थिक पक्ष से कमज़ोर परिवारों की यह बेटियाँ जब हवाई अड्डे पर पहुंची बाद फिर अपने माँ बाप के गले लग रोईं तो एक बार ऐसे लगा जैसे समय रुक गया हो। वहाँ मौजूद हर आँख नम थी। इन 11 लड़कियाँ में से तीन लड़कियाँ 20 जनवरी को जहाज़ के द्वारा कोलकाता और पटना स्थित अपने घरों में पहुंच गई थीं जब कि पंजाब के साथ सबंधित बाकी 9में से 8लड़कियाँ आज अमृतसर के श्री गुरु रामदास अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दुबई’से आई उड़ान के द्वारा सुरक्षित वापस अपने माँ बाप के पास पहुंच गई हैं जब कि एक लड़की अचानक आई सेहत समस्या कारण कुछ दिन बाद पहुँचेगी।
इस दौरान हवाई अड्डे पर प्रत्येक का सरबत का भला चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रमुख डा. एस.पी. सिंह ओबराए ने ख़ुद इन लड़कियों का स्वागत किया और जानकारी देते बताया कि आर्थिक मजबूरियों के कारण पंजाब समेत दूसरे सूबों के बहुत से माता पिता लालची एजेंटों के चंगुल में फंस कर अपनी, मासूम बेटियाँ को अरब देशों में नौकरी के लिए भेज देते हैं परन्तु बदकिस्मती के कारण वहाँ जा कर उक्त लालची एजेंटों की तरफ से लड़कियाँ को ज़िमींदारों या अन्य कारोबारियें के पास बेच दिया जाता है जो अपने खुद से पैसा ख़र्च कर कर इन लड़कियाँ को लीगल कराने उपरांत इन के पास से ज़रूरत से और ज्यादा काम लेते हैं। जिस कारण बहुत सी लड़कियों की सेहत भी ख़राब हो जाती है परन्तु इन के लिए वहाँ से निकलना बहुत कठिन हो जाता है। उन्होंने बताया कि भारत की ऐसीं बहुत सी लड़कियाँ मस्कट, शारजाह रासलखेमे और दुबई अंदर फंसी हुई हैं जो अपने खरीददारों से बहुत तंग हैं और वहाँ से हर हालत में छूट कर अपने घर वापस आना चाहतीं हैं। डॉ.ओबराए ने बताया कि आज पहुँची लड़कियों ने उन को फ़ोन किया और रोते हुए अपने बुरे हालात बताकर वापस भारत भेजने के लिए विनती की थी,जिस पर कार्यवाही करते उन्होंने इन लड़कियों के खरीददारों को खुद से इन के बनते पैसे वापस करन के इलावा इंमीग्रेशन और ओवर स्टे आदि के जुर्माना भरने के साथ-साथ वापस ले कर आने के लिए हवाई टिकटों का भी प्रबंध किया है।
एक सवाल का जवाब देते डॉ. ओबराए ने बताया कि एक लड़की को वापस ले कर आने के लिए डेढ़ लाख रुपए से ले कर तीन लाख रुपए तक का ख़र्च आया है। उन्होंने कहा कि उन की जानकारी मुताबिक इस समय पर भी अरब देशों के अंदर करीब 200 लड़कियाँ ओर भी फंसी हुई हैं। आज आईं 11 लड़कियॉं के इलावा वह पहले भी 7लड़कियों को वापिस भारत ला चुके हैं और उन की पूरी कोशिश है कि बाकी बचतीं लड़कियों को भी जल्द वापिस लाया जायेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन की तरफ से हमेशा ही प्रत्येक के भले के संकल्प पर पहरा देते , पंजाब समेत दूसरे सूबों की लड़कियाँ को भी अपनी ही बेटियाँ समझ कर मुश्किलें में से निकाल कर वापिस माँ बाप को सौंपा जा रहा है।
डा.ओबराए ने एक बार फिर माँ बाप से अपील की कि वह अच्छी तरह जाँच पड़ताल करने के उपरांत ही अपनी, बेटियाँ को विदेश भेजें जिसके बाद में पछताना न पड़े। उन्होंने यह भी सलाह दी कि यदि कोई अपने बच्चों को अरब देशों में भेज भी रहा है तो वह प्रत्येक का सरबत का भला ट्रस्ट के हर ज़िलो में मौजूद दफ़्तर से सबंधित कंपनी या उसके कामकाज के बारे पूछताछ कर सकता है।
इसी दौरान दुबई से वापस लौटीं लड़कियों ने नम आँखों के साथ बताया कि वहां उन के जो हालात थे, वह या तो ईश्वर जानता है और या ख़ुद वह। उन्होने कहा कि डा. एस.पी. सिंह ओबराए उन के लिए किसी फ़रिश्ते से कम नहीं हैं, जिन्होंने अपने पास से लाखों रुपए ख़र्च कर उन को नरक में से निकाल आज फिर माँ बाप की झोली में डाल दिया है।इस दौरान ट्रस्ट के माझा जोन के सलाहकार सुखदीप सिद्धू, ज़िला प्रधान सुखजिन्दर सिंह हेर,जनरल सचिव मनप्रीत संधू, मीत प्रधान शिशपाल सिंह लाडी,वित्त सचिव नवजीत सिंह घई भी मौजूद थे। कैप्शन: दुबई से छुड़ा कर भारत लाईं लड़कियों के साथ डा. एस.पी.सिंह ओबराए,सुखजिन्दर हेर,सुखदीप सिद्धू,मनप्रीत संधू,नवजीत घई, शिशपाल लाडी और ओर।
अब तक भारत पहुँची लड़कियों की सूची:-
- दलजीत कौर , ज़िला ऐस्स. बी.ऐस्स.नगर।
2.सरबजीत कौर तहसील गढ़शंकर,ज़िला एस.बी.एस. नगर।
3.रवीना रानी ज़िला जालंधर।
4.बब्बली कुमारी ग्वाल मंडी,अमृतसर।
5.सुरजीत कौर मुकेरियाँ,ज़िला होशियारपुर।
6.अंमृतपाल कौर शेखूपुरा,ज़िला लुधियाना ।
7.रणजीत कौर महताबगढ़ कपूरथला।
8.मनदीप कौर ज़िला श्री मुक्तसर साहब।
9.जाबिरा खातून (बिहार)।
10.रुकमनी खायरा (वेस्ट बंगाल)
11.बेगम संजू कोलकता (वेस्ट बंगाल)