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सिवल अस्पताल के डाक्टरों द्वारा अधिकार क्षेत्र का बहाना बताकर,बलात्कार पीड़िता का मेडिकल करने में देरी करने पर मंत्री का कड़ा संज्ञान, दिए जांच के आदेश, डीसी गुरदासपुर ने भी की थी इंक्वायरी मार्क

सिवल अस्पताल के डाक्टरों द्वारा अधिकार क्षेत्र का बहाना बताकर,बलात्कार पीड़िता का मेडिकल करने में देरी करने पर मंत्री का कड़ा संज्ञान, दिए जांच के आदेश, डीसी गुरदासपुर ने भी की थी इंक्वायरी मार्क
  • PublishedJanuary 21, 2021

एसएमओं का कहना कि मेडिकल करने से नही किया मना, महिला का करवाया गया मेडिकल, सिविल सर्जन की ओर से जारी निर्देश का कर रही थी पालन,  

सिवल सर्जन ने बताया कि​ जांच के लिए करेंगें तीन सदस्यीय बोर्ड का गठन

गुरदासपुर, 21 जनवरी (मनन सैनी)। सिविल अस्पताल गुरदासपुर की एसएमओं तथा अन्य मेड़िकल अधिकारियों पर नाबालिग बलात्कार पीड़ित का मेडिकल करने में अधिकार क्षेत्र सीमा का बहाना बताते हुए मेडिकल करने में देरी करने संबंधी पंजाब के स्वस्थ्य मंंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कड़ा संज्ञान लेते हुए सिवल सर्जन गुरदासपुर  को निर्देश दिए है कि वह तीन दिन के अंदर अंदर इस मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करें। इस संबंधी गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक की ओर से भी मामला एसएसपी राजिंदर सिंह सोहल की ओर से ध्यान में लाने के चलते इंक्वायरी मार्क की गई है।

गुरुवार को चंड़िगढ़ में आयोजित सिविल सर्जन्स की रिव्यू मीटिंग के दौरान सिद्धू ने कहा कि अस्पतालों में बलात्कार के मामलों की जांच में अधिकार क्षेत्र की सीमाएं नहीं होती हैं और अस्पताल में आई किसी भी पीडि़ता को तुरंत इलाज सेवाएं मुहैया करवाने की जि़म्मेदारी मेडीकल अफ़सर की होती है। उन्होंने कहा कि ऐसी सभी गंभीर घटनाओं में दिशा निर्देशों को लागू करने को यकीनी बनाना भी सिविल सर्जन की ही जिम्मेदारी है। मंत्री ने यह भी भरोसा दिया कि सिविल सर्जन द्वारा पेश की जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी विभागीय कार्यवाही की जायेगी। 

क्या था मामला

गौर रहे कि शनिवार को भैणी मिआं खां थाने अधीन आते एक गांव में 10 वर्षीय लड़की के साथ दुराचार हुआ। एफआईआर दर्ज करने के बाद डीएसपी कुलविंदर सिंह विर्क ने एक महिला अफसर अंजू बाला को पीड़िता और उसकी मां के साथ गुरदासपुर सिवल अस्पताल में मेडिकल जांच करवाने के लिए नियुक्त किया। जो रविवार को सिवल अस्पताल में आरोपी का मेडिकल करवाने आई थी। परन्तु डाक्टरों  ने उन्हे बताया कि लड़की का मेडिकल सोमवार को होगा। सोमवार को उन्हे एसएमओं डॉ चेतना की ओर से बताया गया कि मेडिकल काहनूवान में होगा और वहां संपंर्क करने के लिए कहा। जिस पर महिला अधिकारी ने काहनूवान की डाक्टर पूर्णिमा से संपर्क किया, जिन्होने पहले उन्हे काहनूवान आ जाने के लिए कहा तथा बाद में सूचित किया कि वह खुद गुरदासपुर आकर उनका मेडिकल कर देती है। इसी बीच बच्ची तथा उसकी मां कहीं​ छिप गई तथा उन्हे तलाश करने में काफी देर हो गई। 

उसके उपरांत डॉ पूर्णिमा ने बताया कि शाम होने के चलते वह अब चले गई है तथा अभी मेडिकल नही कर सकती। इस उपरांत उन्होने डाक्टर चेतना को फोन किया, परन्तु उनकी ओर से भी कोई कारवाई नही की गई। इसी बीच मामले ने तूल पकड़ गया और पीड़िता का मेडिकल करवाने के लिए डीएसपी विर्क खुद अस्पताल आए। इसकी जानकारी एसएसपी गुरदासपुर राजिंदर सिंह सोहल को दी गई। इस उपरांत एसएसपी सोहल ने डीसी और सिवल सर्जन को सारी बातों से अगवत करवाया। डीसी इश्फाक ने सिवल सर्जन को जल्द मेडिकल करवाने के निर्देश दिए तथा देर रात एसएमओं डाॅ चेतना की ओर से डॉ अमिशा को बुलाकर पीड़िता का मेडिकल करवाया गया। इस संबंधी डिप्टी कमिशनर मोहम्मद इश्फाक की ओर से भी सिवल सर्जन को इंक्वायरी मार्क कर सौंपने के लिए कहा गया। 

क्या कहती हैं एसएमओं डॉ चेतना

वहीं एसएमओं डाक्टर चेतना का कहना था कि उन्हे सिवल सर्जन की ओर से पत्र लिख कर आदेश दिए गए थे कि जहां भी महिला डाक्टर हो वहां का ​मेडिकल लीगल केस उसी इलाके में पड़ती महिला डाक्टर करेगी। जिसके चलते उन्होने मरीज को मेडिकल करने के लिए मना नही बल्कि काहनूवान जाने के लिए कहा था। हालाकि बाद में सिवल सर्जन की ओर से निर्देश मिलने के बाद पीड़िता का मेडिकल करवा दिया गया था। 

क्या कहते है ​सिवल सर्जन डॉ वरिंदर जगत

सिवल सर्जन गुरदासपुर डॉ वरिंदर जगत ने बताया कि उनकी ओर से जारी निर्देश केवल लोगों को जल्द स्वस्थ्य सुविधाएं देने के लिए दिए गए थे। जिसमें पहले गायनोकोलोजिस्ट ही रेप केस में मेडिकल करती थी। परन्तु उनकी ओर से कहा गया था कि जहां कहीं महिला डाक्टर उपलब्ध है वहां मेडिकल करवाया जाएगा जिससे पीडित को खऱाब न होना पडे। हालांकि आपातकालीन स्थिती में सबसे पहले मरीज का उपचार बेहद जरुरी है। मंत्री की ओर से जांच के दिए गए आदेशों संबंधी उन्होने कहा कि फिल्हाल अभी उन्हे मंत्री की चिठ्ठी नही मिली है । चिठ्ठी के अनुसार तीन सदस्यों का बोर्ड बना कर पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी। 

Written By
The Punjab Wire