किसान नेताओं का कहना, मैनेजमेंट को किसानों के एजेंडे की भनक लगने पर किया रद्द, लगातार तीसरा अधिवेशन जो पूरा नहीं हुआ
जीएम का कहना किसानों की संख्या कम होने की वजह से अधिवेशन किया रद्द
गुरदासपुर,29 दिसंबर (मनन सैनी)। शूगर मिल पनियाड़ की मैनेजमेंट की ओर से बुलाए गए किसान सदस्यों का आम अधिवेशन आज किसानों की कम शिरकत होने के कारण मिल मैनेजमेंट द्वारा रद्द कर दिया गया। जिसके विरोध में अधिवेशन में भाग लेने आए किसानों ने अधिवेशन छोड़कर जा रहे मिल के जीएम की गाड़ी का घेराव किया और मिल मैनेजमेंट के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
गौरतलब है कि शूगर मिल पनियाड़ की ओर से मिल की कार्यगुजारी के लेखे जेखों के लिए मंगलवार को मिल के किसान सदस्यों का आम अधिवेशन बुलाया गया था। मगर अधिवेशन शुरु होने से पहले ही मिल मैनेजमेंट द्वारा किसानों की कम आमद होने के बारे में कहते हुए अधिवेशन रद्द किए जाने के बारे में ऐलान कर दिया। जिसके बाद मिल पनियाड़ में किसानों प्रतिनिधित्व कर रहे किसान संगठन लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी के जिला प्रधान हरदेव सिंह चिट्टी ने मंच संभाल लिया और किसानों को मिल मैनेजमेंट की नीतियों व खामियों के बारे में संबोधन करना शुरु कर दिया। इस दौरान ही अधिवेशन का नेतृत्व कर रहे शूगर मिल पनियाड़ के जनरल मैनेजर सुरेश कुमार अन्य अधिकारियों के साथ अधिवेशन से उठकर बाहर आ गए। जिसके बाद किसानों ने जीएम की गाड़ी का घेराव करके मिल मैनेजमेंट के खिलाफ नारे बाजी की और मिल मैनेजमेंट पर आरोप लगाए।
क्या कहते है जीएम-
उधर मिल के जीएम सुरेश कुमार का कहना है कि नियमों के अनुसार अधिवेशन के दौरान किसान सदस्यों की आमद कम से कम 500 होनी चाहिए। उन्होंने किसान सदस्यों को निमंत्रण पत्र भेजे थे। मगर फिर भी आमद कम रही। जिस कारण उन्हें अधिवेशन रद्द करना पड़ा।
क्या कहते है किसान नेता-
उधर किसानों का नेतृत्व कर रहे लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी के जिला प्रधान हरदेव सिंह चिट्टी का कहना है कि वास्तविक में मिल मैनेजमेंट को किसानों के एजेंडे की भनक लग गई थी। जिस कारण अधिवेशन रद्द किया गया। यह लगातार तीसरा अधिवेशन है, जो पूरा नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि 2018-19 के आम अधिवेशन के दौरान भी मिल में गड़बड़ी होने के कारण किसान सदस्यों द्वारा प्रस्तावों को परवानगी नहीं दी गई थी। जिसके बाद 2019-20 का अधिवेशन कोरोना महामारी संकट के कारण रद्द हो गया था और अब भी मैनेजमेंट को पता लग गया था कि किसानों द्वारा प्रस्तावों को सहमति नहीं मिलेगी। जिस कारण अधिवेशन रद्द कर दिया गया है। यह अधिवेशन मिल मैनेजमेंट के रवैये के कारण रद्द हुआ है। जिस कारण अधिवेशन का पूरा खर्चा जीएम से वसूल किया जाना चाहिए।