गुरदासपुर, 27 दिसंबर (मनन सैनी)। केंद्र सरकार की ओर से पारित किए गए काले कानून के विरोध में यहां कंपकंपाती सर्दी के दौरान पिछले समय से आंदोलन कर रहे 42 के करीब किसान अपनी जान गंवा चुके है। वहीं इस आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंचे गुरदासपुर जिले के गांव गिल्लांवाली निवासी बुजुर्ग किसान अमरीक सिंह (75) की टीकरी-बहादुरगढ़ सीमा पर ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई। घटना की सूचना इलाके में पहुंचने के बाद शौक की लहर दौड़ गई। गौरतलब है कि दस वर्षों से भारती किसान यूनियन (उगराहां) के साथ जुडे इस किसान का बेटा दलजीत सिंह इस पार्टी का जिला पदाधिकारी है और यह परिवार सात कनाल के मालिक है।
दलजीत सिंह ने बताया कि गत 24 दिसंबर को वह अपने पिता अमरीक सिंह, माता मनजीत कौर, छोटे भाई बलजीत सिंह, पत्नी इंद्रजीत कौर व साढ़े तीन साल की बेटी दिलसांझ कौर के साथ दिल्ली पहुंचे थे। बीकेयू उगराहां ने किसान संघर्ष का शहीद बताते हुए उसकी मौत के लिए सरकार से आर्थिक मुआवजे की मांग की है।