घुसपैठ की आशंका को मुख्य रखते हुए सरहद पर रखी जा रही विशेश निगरानी, पहले भी हो चुकी है आंतकी घुसपैठ
गुरदासपुर, 21 दिसंबर (मनन सैनी)। भारत पाकिस्तान सरहद पर स्थित जिला गुरदासपुर में पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए बढ़ाई गई गतिविधियों से साफ लग रहा है कि इस जिले के जरिए दोबारा पाक अपने नापाक मंजूबों को अंजाम देने की फिराक में है। हालांकि अभी तक सीमा में एंटी ड्रोन टैक्नोलोजी स्थापित न आने के बावजूद सरहद पर फर्स्ट लाईन ऑफ डिफैंस के तौर पर डटी सीमा सुरक्षा बल तथा सैकेंड लाईन ऑफ डिफैंस के तौर पर तैनात पंजाब पुलिस की चौकसी तथा सतर्कता के चलते पाकिस्तान को मुंह की ही खानी पड़ी है।
सूत्रों के अनुसार सरहदी क्षेत्रों में उग्रवाद को पुनर्जीवित करने के लिए हथियारों तथा ड्रग्स की सप्लाई के लिए पाकिस्तानी सेना तथा आईएसआई की ओर से चीन निर्मित ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह ड्रोन 10 किलों तक के हथियार और ड्रग पेलोड़ ले जा सकते है। इनमें लाईट की भी जरुरत नही होती। जिनका इस्तेमाल इन दिनों पाकिस्तान की ओर से किया जा रहा है।
परन्तु वहीं अभी तक सरहद पर एंटी ड्रोन टैक्नोलोजी न आने के बावजूद बीएसएफ तथा पंजाब पुलिस कड़ी ठंड तथा घने कोहरे में भी हर संदिग्ध गतिविधि पर बाज से पैनी नजर टिकाए हुए है। बीएसएफ की ओर से विशेश उपकर्णों जिसमें सीसीटीवी कैमरा , हाईबीम लाईटों, सैंसर इत्यादि शुमार है की मदद से घुसपैठ न होने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। वहीं पंजाब पुलिस की भूमिका भी विशेश प्रशंसनीय रही है तथा वह भी सीमा प्रहरियों के बाद अपनी अहम भूमिका दर्ज करवाने में सफल रहे है ।
पाकिस्तान की ओर से बढ़ाई गई गतिविधियों से इस सरहदी जिले में घुसपैठ का खतरा भी बड़ा है। पहले की घुसपैठ पर अगर गौर किया जाए तो पाकिस्तान की शकरगढ़ तहसील में मंसूरबडा भाई तथा अमिहाल डोगरा लांचिग पैड़ से आंतकी घुसपैठ करते आए है। जिसके चलते बीएसएफ और ज्यादा सतर्कता बरते हुए है। इससे पहले 2010 में दो पाकिस्तानी आंतकियों ने घुसपैठ की। जिन्हे पंजाब पुलिस के जवानों की ओर से 25 अप्रैल 2010 को गांव रतड़वां में ढेर किया। वहीं 27 जुलाई 2015 को बमियाल सैक्टर के जरिए तीन आंतकियों ने घुसपैठ की तथा दीनानगर में कोहराम मचाया जिन्हे दीनानगर के थाने में ढेर किया गया । इसी तरह 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर हमला हुआ। परन्तु उक्त घटनाओं के बाद से बीएसएफ तथा पंजाब पुलिस विशेश चैकसी रखे है तथा आपस में तालमेल बिठाए हुए है, जिसके उपरांत अभी तक पाकिस्तान दोबारा इस इलाके से दूर ही रहा।
बीएसएफ के गुरदासपुर सैक्टर में जम्मू तथा अमृसतर कई इलाके पड़ते है तथा इस सैक्टर अधीन करीब 136 किलोमीटर लंबी भारत पाकिस्तान सरहद पर रावी दरिया समेत अन्य नालों के 13 गैंप है, जहां कंटीली तार नही लगी है। हालाकि ऐसे स्थानों पर बोट के जरिए गश्त तथा कैमरों के जरिए बीएसएफ की ओर से निगरानी की जा रही है तथा पिछले करीब दो तीन सालों से इस सैक्टर पर कोई खास गतिविधियां पाकिस्तान की ओर नही की गई। जिसका क्षेय बार्डर सिक्योरिटी फोर्स को जाता है।
वहीं डीआरडीओ की ओर से एंटी ड्रोन टैक्नोलोजी को विकसित किया गया है,जो भारतीय निजी क्षेत्र सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ समवर्ती ड्रोन प्रणाली विकसित करने में सक्षम है। प्रणाली को नियंत्रण रेखा पर परीक्षण किया गया है और जो हवाई खतरे को सफलतापूर्वक रद्द करने में सक्षम है। इस तरह सरहद पर एंटी ड्रोन टैक्नोलोजी लगाने से सीमा पर ड्रोन गतिविधियों पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।