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अधिकारिक व जायज मांगो को लेकर आंगनवाड़ी वर्करों ने डीसी कार्यालय समक्ष धरना देकर किया प्रर्दशन

अधिकारिक व जायज मांगो को लेकर आंगनवाड़ी वर्करों ने डीसी कार्यालय समक्ष धरना देकर किया प्रर्दशन
  • PublishedNovember 26, 2020

गुरदासपुर, 26 नवंबर। अधिकारिक व जायज मांगों को लेकर आंगनवाड़ी वर्करों ने डीसी कार्यालय के समक्ष धरना देकर रोष प्रदर्शन किया। तीन घंटे चले रोष प्रदर्शन के दौरान जिला प्रधान वरिंदर कौर बाजवा के नेतृत्व में वर्करों ने पंजाब सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को डीसी गुरदासपुर के जरिए मांग पत्र भेजा गया। आंगनवाड़ी वर्करों को डीसी कार्यालय के अंदर घुसने से रोकने के लिए पहले से ही पुलिस मुलाजिम तैनात कर दिए गए थे।

वक्ताओं ने कहा कि पिछले लंबे समय से आंगनवाड़ी मुलाजिम यूनियन की ओर से लगातार मांगों को लेकर मांग पत्र दिए जा चुके है। मगर हर बार उनकी मांगों को अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस सरकार सत्ता में आई है, तब से कोई भी बैठक नहीं की गई। जिस कारण वर्कर्ज व हेल्पर्ज में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि वह अपनी डयूटी को पूरी तनदेही से निभा रही है। मगर सरकार जानबूझ कर उन्हें अनदेखा कर रही है। उन्होंने कहा कि अब सब्र का बांध टूट चुका है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, इसी तरह संघर्ष जारी रहेगा।

यह है मांगे?
तीन से छह साल के बच्चों का दाखिला आंगनावड़ी केंद्र में सुनिश्चित बनाते हुए प्री-प्राइमरी शिक्षा अनिवार्य किया जाए और शिक्षा को सार्थक बनाने के लिए आंगनवाड़ी में सभी सुविधाएं प्रदान की जाए।

केंद्रीय मानभत्ते में की 40 फीसदी कटौती तुरंत वापिस लैते हुए 40 फीसदी बजट तुरंत बहाल किया जाए।–आईसीडीएस स्कीम को विभाग बनाकर आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर को सरकारी मुलाजिम मानते हुए दर्जा तीन व दर्जा चार दिया जाए। कर्मचारी बनने तक कम से कम दिहाड़ी के घेरे में शामिल करते हुए 24 हजार रुपए वर्कर व 18 हजार रुपए हेल्पर दिहाड़ी दी जाए।

–एडवाइजरी बोर्ड व चाइल्ड वेलफेयर कौंसल के अधीन चलते प्रोजेक्टों को फिर से आईसीडीएस स्कीम के अधीन सामाजिक सुरक्षा, स्त्री व बाल विकास में लाया जाए।–मार्च 2020 की हुई बैठक में विभाग द्वारा आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर को दिए जाने वाला सफर भत्ते के 20 रुपए से बढ़ाकर 200 रुपए किए जाने की मांग पर सहमति जताई गई थी। मगर इतना समय बीतने के बावजूद भी यह मांग ज्यों की त्यों बनी हुई है। 200 रुपए सफर भत्ता तुरंत लागू किया जाए।

–आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए पक्की व साफ सुथरी बिल्डिंग व पीने वाले पानी, बच्चों के लिए फर्निचर, बिजली व शौचालय का प्रबंध किया जाए।–मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को पूरे केंद्र बनाते हुए केंद्र में हेल्पर का प्रबंध किया जाए और वर्कर को पूरी वर्कर का दर्जा दिया जाए।

–44वीं व 45वीं लेबर कान्फ्रेंस की सिफारिशों के अनुसार आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को ईएसआई, ईपीएफ के घेरे में लिया जाए और इन सिफारिशों को केंद्र सरकार तुरंत लागू करें।–आंगनवाड़ी वर्करों व हेल्परों को सामाजिक सुरक्षा देते हुए कम से कम छह हजार रुपए पेंशन का प्रबंध किया जाए।

–सुप्रीम कोर्ट की हिदायतों के अनुसार तीन माह से अधिक आंगनवाड़ी केंद्र वर्कर हेल्पर से खाली नहीं रखा जा सकता। मगर आंगनवाड़ी केंद्रो में पिछले 2016 से खाली पड़े वर्कर हेल्पर की पोस्टों को तुरंत भरा जाए।–आंगनवाड़ी सेंटरों में फीड पकाने के लिए लकडिय़ों के दिए जाते 40 पैसे से बढ़ाकर एक रुपए प्रति लाभपात्री किया जाए। क्योंकि आज बाजार में गैस सिलेंडर की कीमतें पहले से दुगनी हो चुकी है। नए केंद्रों में गैस सिलेंडर मुहैया किए जाए।

–केंद्र सरकार द्वारा तय किए पौषण अभियान के 500 रुपए वर्कर व 250 रुपए हेल्पर के तुरंत लागू किया जाए।–हरियाणा राज्य की तर्ज पर नर्सरी, एलकेजी कक्षाएं सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में बंद की जाए।

–बाल विकास प्रोजेकट कार्यालयों में स्टाफ की कमी व खाली पोस्टों को तुरंत भरा जाए।

इस मौके पर ब्लाक प्रधान फतेहगढ़ चूडिया राजविंदर कौर, ब्लाक प्रधान डेरा बाबा नानक पलविंदर कौर, ब्लाक प्रधान कलानौर कुलविंदरजीत कौर, इंद्रजीत कौर, संदीप कौर, कुलविंदर कौर, जगजीत कौर, सरबजीत कौर, रुपिंदर कौर, कुलदीप कौर आदि उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire