किसान संगठनों के दिल्ली चलो कार्यक्रम को विफल करने के लिए हरियाणा की सीमाओं को सील करने की निंदा
केंद्र से कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों को गलत दिशा में न धकेलें: डॉ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़/24नवंबर: शिरोमणी अकाली दल ने आज केंद्र के निर्देश पर तीन अन्यायपूर्ण कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने वाले किसानों के खिलाफ दमनकारी हथकंडों का इस्तेमाल करने के लिए हरियाणा सरकार की निंदा की और जोर देकर कहा कि ‘लोक लहर’ का ऐसे अलोकतांत्रिक तरीकों से दमन नही किया जाना चाहिए।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि हरियाणा की सीमाओं को सील करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होने कहा कि हरियाणा सरकार को अपनी सड़कों पर किसानों की आवाजाही रोकने का कोई अधिकार नही है। ‘ किसानों को कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए दिल्ली जाने का अधिकार है। हरियाणा सरकार को केंद्र सरकार को खुश करने के लिए ‘अन्नदाता’ को दबाने के लिए बलपूवर्क हथकंडों का इस्तेमाल नही करना चाहिए।
डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने केंद्र सरकार पर 26-27 नवंबर को दो दिन के योजनाबद्ध विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली जाने से रोकने के लिए अलोकतांत्रिक तरीकों को इस्तेमाल कर किसानों के आंदोलन को गलत दिशा में धकेलने का भी आरोप लगाया है। उन्होने कहा कि ऐसा करने की बजाय केंद्र को किसानों से बातचीत करनी चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अनाज की सुरक्षित खरीद सुनिश्चित की गारंटी देने सहित उनकी मांगो को स्वीकार करना चाहिए। ‘ उन्हे हरियाणा सरकार को बताना चाहिए कि किसानों को शांति से दिल्ली में आगे बढ़ने दें’।
अकाली नेता ने यह भी स्पष्ट किया कि शिरोमणी अकाली दल ने किसान संगठनों के ‘दिल्ली चला’ के आहवाहन का तहे दिल से समर्थन किया है। ‘ हम कार्यक्रम में भाग लेने में किसान समुदाय के साथ एकजुट खड़े हैं। अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने दिल्ली की शिरोमणी अकाली दल इकाई के साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) से कहा है कि वे ‘लंगर सेवाओं सहित दिल्ली में रहने के दौरान किसानों की हर संभव सहायता प्रदान करें। हमारा कैडर भी हर संभव दिल्ली हाने वाले मार्ग पर किसानों की सहायता करेगा