चंडीगढ़, 9 नवम्बर: केंद्र सरकार द्वारा कृषि कानूनों के मामले पर बातचीत के दिए बुलावे के मद्देनजऱ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसान संगठनों को राज्य में यात्री गाड़ीयाँ चलाने की इजाज़त देने के लिए रेल रोकने को पूर्ण तौर से हटाने की अपील की है। सोमवार की शाम यहाँ जारी बयान में मुख्यमंत्री ने किसान संगठनों से अपील की कि वह केंद्र की तरफ से उनको दिए बातचीत के बुलावे को ध्यान में रखने के साथ-साथ सैनिकों समेत लाखों पंजाबियों को पेश आ रही मुश्किलों पर भी गौर करें क्योंकि हमारे फौजियों समेत बड़ी संख्या में पंजाबी राज्य में रेल यातायात बंद होने के कारण दीवाली के त्योहार पर अपने घर लौटने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि रेल रोकने को हटाने से इन सैनिकों और अन्यों को अपने परिवारों के साथ त्योहार मनाने में सहायता मिलेगी।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उम्मीद ज़ाहिर की कि भारत सरकार की तरफ से दिए बातचीत के बुलावे जो मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक 13 नवंबर का दिन निर्धारित है, के साथ कृषि संबंधी केंद्रीय कानूनों पर पैदा हुए संकट के जल्द सुलझ जाने का रास्ता सपाट होगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार इन कानूनों के लागू होने के मद्देनजऱ किसानी को पेश मुश्किलों को सुखदायक ढंग से हल करने के लिए रास्ता तलाशना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों का गुस्सा स्पष्ट तौर पर केंद्र सरकार तक पहुँचा है जिस कारण केंद्र आखिर में किसानों की बात सुनने के लिए तैयार हुई लगती है। उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से रोकों के द्वारा केंद्र तक अपना बात पहुंचाने का संदेश अब पहुँच गया और यही वह चाहते थे, जिस कारण किसान संगठनों को अपने आंदोलन से पीछे हटकर इस मसले के हल होने की भावना के साथ बातचीत में शामिल होना चाहिए।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि राज्य और यहाँ के लोगों को पैदा हुई समस्याएँ और बड़े आर्थिक घाटे के बावजूद उनकी सरकार कृषि कानूनों के विरुद्ध किसानों की लड़ाई में उनके साथ खड़ी रही। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनको विश्वास है कि किसान संगठन सभी हिस्सेदारों के हितों में स्थिति को सुखदाई बनाने के लिए बदले में अपना सहयोग देंगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानूनों के साथ पैदा हुई पेचदीगी का एकमात्र हल सभी पक्षों के दरमियान शांतमई और सुखदाई बातचीत है। उन्होंने किसान संगठनों को सकारात्मक पहुँच के साथ प्रतिक्रिया देने की अपील की। मुख्यमंत्री ने संगठनों को भरोसा दिया कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर किसानों के हितों के साथ समझौता होने की इजाज़त नहीं देगी, क्योंकि वह सीधे तौर पर राज्य के हितों के साथ जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संकट के हल के लिए किसानों को जिस भी तरह की मदद की ज़रूरत हुई, वह जारी रखेगी।