अनएडेड कॉलेजों ने लंबित 1850 करोड़ को तुरंत जारी करने की मांग की
मोहाली, 1 नवंबर । ज्योईंट एसोसिएशन ऑफ कॉलेजिस (जैक) ने पंजाब सरकार द्वारा घोषित नई पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति को अस्वीकार कर दिया है। हाल ही में जैक ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020-21 के लिए है। लेकिन हमारा पहला सवाल यह है कि वर्ष 2016-17 (415.60 करोड़), 2017-18 (538 करोड़ रुपये, 2018-19 (437.19 करोड़ रुपये) और 2019-20 (लगभग 450 करोड़) जो कि 1850 करोड़ है की लंबित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के बारे में क्या निर्णय लिया?
जैक के अध्यक्ष डॉ जगजीत सिंह, डॉ गुरमीत सिंह धालीवाल, चेयरमैन और डॉ अंशु कटारिया को-चेयरमैन ने कहा कि पंजाब के 1650 अनएडेड कॉलेजों में से अधिकांश कॉलेज पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में 4 साल की देरी के कारण एनपीए में बदले जा चुके है। नई नीति में लंबित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है।
सरदार चरणजीत सिंह वालिया और सरदार मनजीत सिंह, संरक्षक, जैक ने कहा कि नई नीति में भी सरकार ने निजी गैर-सहायता प्राप्त कॉलेजों से 40त्न योगदान की शर्त जैक की सहमति के बिना रखी है। यह सरकार का एकतरफा फैसला है जिसे हम स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम पंजाब के 3 लाख एससी छात्रों के भविष्य के लिए चिंतित हैं, लेकिन साथ ही हम एससी छात्र की ट्यूशन फीस के खिलाफ किसी भी राशि का योगदान नहीं कर सकते हैं क्योंकि यह देश में कहीं भी नहीं किया जा रहा है।
सरदार निर्मल सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, जैक; सरदार एस एस च_ा, महासचिव, जैक और सरदार राजेंद्र सिंह धनोआ, सचिव, जैक ने कहा कि सरकार को तुरंत यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि 309 करोड़ रुपये जो केंद्र सरकार द्वारा पंजाब को मार्च-अप्रैल में दिए गए हैं वह सरकार कब जारी करेगी। जैक ने कहा कि सरकार को तुरंत यह सपष्ट कर देना चाहिए कि वो 1550 करोड़ की लंबित राशि को कब जारी करेगी?
शिमांशु गुप्ता, वित्त सचिव, जैक; सरदार जसनिक सिंह कक्कड़, सरदार सतविंदर सिंह संधू और विपन शर्मा, उपाध्यक्ष जैक ने कहा कि इस मुद्दे को संबोधित करने के लिए अगले सप्ताह 6 नवंबर को एक बैठक आयोजित की जाएगी।