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राहुल गांधी और कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा काले खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने का संकल्प‘ अपने जीवन के हर दिन मैं पंजाब और इसके लोगों के लिए लड़ूंगा’, मुख्यमंत्री का ऐलान

राहुल गांधी और कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा काले खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने का संकल्प‘ अपने जीवन के हर दिन मैं पंजाब और इसके लोगों के लिए लड़ूंगा’, मुख्यमंत्री का ऐलान
  • PublishedOctober 17, 2020

लम्बे समय से लाल डोरे की ज़मीन में रहने वाले निवासियों को जल्द ही मालिकाना हक देने का ऐलान

चंडीगढ़, 17 अक्तूबर:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को कांग्रेसी नेता राहुल गांधी के साथ मिलकर यह संकल्प लिया कि किसान विरोधी काले खेती कानूनों को रद्द करवाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव डाला जायेगा। इन कानूनों पर सोमवार को पंजाब विधानसभा के विशेष सैशन में गहराई से बहस की जायेगी ताकि इन कानूनों के किसानों पर पडऩे वाले बुरे प्रभावों का ठोस रूप में मुकाबला किया जाये।कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि उनकी सरकार की तरफ से इन काले कानूनों का मुकाबला करने और पंजाब की किसानी के हितों की रक्षा करने के लिए सभी ज़रुरी कदम उठाए जाएंगे और उनके शेष जीवन का हर दिन पंजाब के पुनर्जीवन को समर्पित होगा। उन्होंने ऐलान किया कि जितना समय मेरे पास बचा है, मैं किसानों और राज्य के प्रत्येक दूसरे वर्ग के लोगों के लिए लड़ता रहूँगा।

केंद्र के किसान विरोधी कानूनों की आलोचना करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने इनको देश के प्रत्येक किसान की आत्मा और पंजाब के भविष्य पर हमला करार दिया। उन्होंने अपनी सरकार की तरफ से यह ऐलान भी किया कि लम्बे समय से लाल डोरे की ज़मीन में रहते आ रहे लोगों को मालिकाना हक दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की तरफ से इस उद्देश्य के लिए जल्द ही मिशन ‘लाल लकीर’ शुरू किया जायेगा और निवासियों को उनकी मलकीयत वाली रिहायशी संपत्तियों के लिए ‘सनद’/प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

विधानसभा का विशेष सैशन बुलाने वाले मुख्यमंत्री के फ़ैसले का स्वागत करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि संसद में किसानों की आवाज़ को दबा दिया गया था परन्तु अब यह आवाज़ पंजाब विधानसभा और मुल्क के हर हिस्से में तब तक गूँजेगी जब तक केंद्र सरकार इन खेती कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर नहीं हो जाती। उन्होंने आगे कहा कि यदि यह कानून किसानों के हित में थे तो फिर केंद्र की भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने लोकसभा और राज्यसभा में इन पर बहस की इजाज़त क्यों नहीं दी?स्मार्ट विलेज मुहिम के दूसरे पड़ाव की कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ वर्चुअल आग़ाज़ करते हुए कांग्रेसी सांसद ने यकीन दिलाया कि उनकी पार्टी सभी पंचायतों, किसानों और खेत मज़दूरों की इन नये कानूनों के खि़लाफ़ जंग में समर्थन करेगी।

इस मौके पर पंजाब के गाँवों की समूची पंचायतों के नुमायंदों ने भी शिरकत की।खेती कानूनों को भाजपा की तरफ से देश के प्रत्येक किसान की आत्मा पर घातक प्रहार करार देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पंजाब और इसके किसानों पर ऐसे असंवैधानिक और बिना किसी योजनाबंदी के तैयार किये बिलों के द्वारा हमला किया गया गया है और इसकी पीड़ा प्रत्येक किसान और मज़दूर झेल रहा है।अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेता ने बिल्कुल ऊपरी स्तर से और ज़मीनी स्तर पर लोगों को विश्वास में लिए बिना ऐसे कानून देश पर थोपने के लिए भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा और कांग्रेस के दरमियान फर्क यह है कि भाजपा की तरफ से सिफऱ् इमारत बनाने की बात की जा रही है और नींव को भूलाया जा रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि कृषि वाली ज़मीन हर गाँव की नींव है और यह ऐलान किया कि कांग्रेस कभी भी ऐसे ढंग से भारत की नींव को कमज़ोर किया जाना बर्दाश्त नहीं करेगी और इनको मज़बूत करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार के बीते समय के दौरान लिए गए फ़ैसलों के कारण अर्थचारे के पूर्ण तौर पर चरमारा जाने की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि इनसे बड़े स्तर पर बेरोजगारी बढ़ी है। कांग्रेसी नेता ने इस बात के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह को बधाई दी कि उन्होंने नौजवानों के लिए रोजग़ार के मौके सृजन किए हैं।पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने भी खेती कानूनों सम्बन्धी भाजपा पर तीखे हमले करते हुए कहा कि यह कानून किसानों और कृषि क्षेत्र को ख़त्म करने के लिए अस्तित्व में लाए गए हैं और राज्य सरकार ऐसा न होने देने के लिए हर कदम उठाएगी।

Written By
The Punjab Wire