गांव के मुकाबले शहरों में पनप रहा है डेंगू का ज्यादा खतरा, साफ सफाई तथा एहतियात ही एकमात्र डेंगू की दवा
गुरदासपुर, 07 अक्तूबर (मनन सैनी)। अगर आप को बुखार है और लक्षण डेंगू के हैं तो डेंगू कार्ड से जांच आपकों दगा दे सकती है। कार्ड टैस्ट को भारत सरकार मान्यता नही देती। इसलिए जरुरी है कि डेंगू कार्ड में लक्ष्ण पाए जाने पर दोबारा इलाइजा टैस्ट सिर्फ सरकारी अस्पताल में ही करवाया जाए। मात्र प्लेटलैट कम होना ही डेंगू नही है। यह कहना है गुरदासपुर सिवल अस्पताल में एपिडिमोलोजिस्ट डॉ प्रभजोत कौर कलसी का, जो इस समय कोरोना के साथ साथ डेंगू की रोकथाम के लिए भी डटी हुई है।
डॉ कलसी ने कहा कि कार्ड की जांच में डेंगू पॉजिटिव आने का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति को वास्तव में डेंगू ही हो। कई बार डेंगू न होने पर भी कार्ड से रिपोर्ट पॉजिटिव आती है। इसलिए कार्ड की रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर डेंगू से डरें नहीं। स्वस्थ्य मंत्रालय के नियमों के मुताबिक कार्ड टेस्ट को सिर्फ संभावित मरीज कहा जा सकता है। जिसकी जांच दोबारा सिवल अस्पताल में एलिसा टैस्ट करवा कर पुष्टी की जाती है। स्वस्थ्य विभाग सिर्फ इलाइजा टैस्ट में पॉजिटिव आने पर ही डेंगू मरीज मानता है।
पहले पांच दिन में एनएस 1 इलाइजा किया जाता है तथा सातवें दिन के बाद आईजीएम इलाइजा टैस्ट होता है। पहले कार्ड टेस्ट कराया जा सकता परन्तु रैपिड कार्ड से पॉजिटिव आने पर आईजीएम इलाइजा टेस्ट जरुर कराएं । इलाइजा टेस्ट में कम से कम 6 घंटे लगते हैं और सभी सैंपल की रिपोर्ट सात घंटे में रिपोर्ट से भेजी जा रही है।
डॉ कलसी ने बताया कि डेंगू और चिकनगुनिया ऐडीज नाम के मच्छर के काटने से फैलते है जो साफ पानी के स्त्रोंतों में ही पैदा होता है तथा सिर्फ दिन के वक्त ही काटते है। उन्होने बताया कि डेंगू से न तो पिछले साल कोई मौत हुई है और न ही इस साल अभी तक कोई जान गई है।
गुरदासपुर में 30 सितंबर तक पाए गए 16 मरीज, निजी लैंब वालों ने करीब 30 मरीजों के कार्ड टैस्ट कर बताया डेंगू।
जिला एपिजिमोलोजिस्ट डॉ कलसी ने बताया कि पिछले साल सितंबर माह तक 160 डेंगू के केस सामने आए थे जिसमें 53 बटाला, 28 गुरदासपुर तथा 44 कलानौर में मुख्य थे जबकि शेष केस निजी लैब में संक्रमित पाए गए थे। इस साल 30 सितंबर तक गुरदासपुर में 16 केस पाए गए है। हालाकि गुरदासपुर के निजी लैंब में जनता में करीब 30 मरीज डेंगू पीड़ित बताए जा रहे है तथा इस संबंधी लैब वालों को निरंतर रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है।
उन्होने बताया कि टीमों की ओर से बटाला एवं गुरदासपुर में जुलाई से अभी तक 11698 घरों में जाकर ब्रिडिंग चेक की गई है। जिसमें से 1023 घरों में डेंगू का लार्वा पाया गया है। जोकि करीब 9 प्रतिशत है तथा चिंता का विषय है। डेंगू की अभी तक कोई वैक्सीन नही निकली है।
वहीं इस संबंधी सिवल सर्जन डॉ वरिंदर जगत ने बताया कि स्वस्थ्य विभाग की ओर से निजी लैब एवं सरकारी लैंब में पाए गए मरीजों के घरों में जाकर भी लारवा की चेकिंग की जा रही है और शहरों में नगर कौंसिल को हरेक वार्ड में 15 दिन के अंतराल के बाद फागिंग करने के लिए कहा गया है। सिवल सर्जन ने कहा कि सिवल अस्पताल में डेंगू वार्ड आईसोलेशन सैंटर बनाया गया है। डेंगू और चिकनगुनिया का टैस्ट और स्पोर्टिव इलाज सिवल अस्पतालों में मुफ्त है। उन्होने लोगो से अपील करते हुए कहा कि किसी भी प्रकार का बुखार होने पर तुरंत सिवल अस्पतालों में जाएं तथा अपने टैस्ट करवाएं।
डेगूं रोग के लक्षण
1. तेज बुखार, तेज बदन दर्द, सिरदर्द तथा शरीर पर चकत्ते हो सकते हैं।
2. दांत से, मुंह से, नाक से, खून आने की शिकायत हो सकती है।
3. डेंगू रोग पूर्व से ग्रसित रोग जैसे डायबिटीज, रीनल फेलियर, श्वसन रोगी और इम्यूनो कम्प्रेस्ड व्यक्तियों में अधिक गंभीर हो सकता है।
ऐसे करें बचाव–
1. फॉगिंग के समय खिड़की दरवाजे यथा संभव खुले रखें।
2. घर में कूलर, बाल्टी, घड़े तथा ड्रम का पानी साप्ताहिक अन्तराल पर बदलते रहें।
3. कूलर का पानी निकालने के बाद उसकी टंकी दीवारों को स्क्रब से साफ करके 04-05 घंटे सूखने दें जिससे दीवारों से चिपके लार्वा भी मर जायें।
4. घर के आस-पास पानी एकत्रित न होने दें, खासकर फ्रिज की ट्रे की जांच करें और घर में इंडोर लगाए गए पौधे की भी जांच करें।
5. सोते समय मच्छरदानी उका प्रयोग करें। शरीर पर मच्छर निरोधक औषधियों को खुले भागों पर लगाये।
6. फुल बांह के कपड़े और पैरों में जूता मोहा पहने, स्कूल ड्रेस भी फुल आस्तीन वाली हो।
7. बुखार आने पर नजदीक के अस्पताल में जांच कराएं।
इसी के सात प्रतेक शुक्रवार को ड्राई ड्रे के तौर पर मनाया जाए क्योंकि डेंगू का मच्छर हफ्ते में अंडे से पूरा मच्छर बनता है, इसलिए कूलरों, गमलों, फरिज की ट्रे तथा और पानी के बर्तनों को हफ्ते के हरेक शुक्रवार को साफ रख कर सूखा किया जाए।
क्या न करें:
1. घर के आस-पास कूड़ा एकत्रित होने न दें।
2. घर में यदि बुखार का रोगी है तो उसे बिना मच्छरदानी के न रहने दें। या ऐसे कमरे में रहें जिसकी खिड़की, दरवाजे पर जालियां लगी हों।
3. चिकित्सीय परामर्श एवं जांच के बिना दवा का प्रयोग न करें।
5. संभावित डेंगू से ग्रसित रोगी एस्प्रीन, ब्रूफेन, कार्टिस्ट्रायेड, निमोसुलाइड आदि दवाओं का प्रयोग कतई न करें।
शहर में करवाई जा रही है फाॅगिंग तथा साफ सफाई का रखा जा रहा विशेश ध्यान- ईओ अशोक कुमार
नगर कौंसिल के कार्य साधक अफसर अशोक कुमार ने बताया कि शहर भर में फाॅगिंग का काम करवाया जा रहा है। शहर के लगभग सारे हिस्सों में फाॅगिंग हो चुकी है और साफ सफाई का भी बेहद ध्यान रखा जा रहा है। जिसके चलते शहर में कई जगह से डंपर भी उठाए गए है तथा कूड़ा कचरा घर घर से उठाया जा रहा है। उन्होने कहा कि नगर कौंसिल की ओर से घर घर कूड़ा एकत्र किया जा रहा है ताकि शहर में लोग सड़कों पर कूड़ा न फैंके। इस संबंधी नगर रखने के लिए शहर में कैमरे भी लगाए गए है।