गुरदासपुर। खेती से संबंधित आर्डिनेंस व बिजली संशोधन बिल रद्द करवाने के लिए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब का तीसरे दिन भी डीसी कार्यालय के समक्ष धरना जारी रहा।
सीनियर किसान नेता बख्शीश सिंह सुलतानी ने बताया कि केंद्र की मोदी सरकार कोरोना की आड़ में आम लोगों के खून पसीने से निर्मित किए गए सरकारी क्षेत्र के विभागों को बड़े कारपोरेट घरानों को सौंपने के लिए लगी हुई है। मोदी सरकार ने लगातार देश के एयरपोर्ट, रेलवे, एलआईसी, बिजली, स्कूल, अस्पतालों को प्राइवेट हाथों में अपने चहेतों को कोडिय़ो के भाव बेच रही है। मगर खेती को भी कारपोरेट घरानों को सौंपने जारी रहे है। इस लिए मोदी सरकार तीन आर्डिनेंस लेकर आई है। जिससे पंजाब सरकार का रेगुलेटरी सिस्टम को खत्म कर राज्य के ढाचे पर हमला कर दिया है। इससे बिजली आम लोगों की पहुंच से बाहर हो जाएगी।
इस दौरान गुरप्रीत सिंह, सतिंदरपाल सिंह, गुरनाम सिंह, दीदार सिंह, कुलदीप सिंह, अमरीक सिंह, अश्वनी कुमार, मेजर सिंह, बलदेव सिंह ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों मजदूरों, दुकानदारों, आढ़तियों, छोटे व्यापारी कारोबारियों को तबाह करने की नीति पर चलकर आम लोगों को मारने पर तुली हुई है। उन्होंने मांग की है कि तीन खेती आर्डिनेंस, बिजली संशोधन बिल 2020 बंद किया जाए, खेती फसलों का भाव डा. स्वामीनाथन कमिशन की रिपोर्ट मुताबिक दी जाए, फसली बीमार सरकार अपने बीमे पर खर्च करें ताकि किसानों की तबाह हुई फसल की भरपाई हो सके। 60 साल से ऊपर किसानों मजदूरों को दस हजार रुपए महीना पेंशन दी जाए। मोनटेक सिंह आहलूवालिया के नेतृत्व में बनाई गई कमेटी की सिफारिशें रद्द की जाए। किसान नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार तुरंत किसानो की मागों को लागू किया जाए, नहीं तो किसान मजबूर होकर ख्त कदम उठाने के लिए मजबूर होगी। इस मौके पर सुखविंदर सिंह, सतनाम सिंह, कश्मीर सिंह, कुलवंत सिंह, करनैल सिंह, दयाल सिंह, प्रीतम सिंह, निशान सिंह, लखविंदर सिंह, सुच्चा सिंह, जसपाल सिंह आदि उपस्थित थे।