कहा कि दहिया को बर्खास्त किया जाए और शराब माफिया के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई करने में विफल रहने पर केस दर्ज किया जाए: सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
डीजीपी से पूछा कि वह दहिया के विवादास्पद अतीत के बावजूद उसका क्यों संरक्षण कर रहे हैं
चंडीगढ़/12अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज राज्य के पुलिस प्रमुख दिनकर गुप्ता से कहा है कि वह पंजाबियों को बतांए कि वह विवादास्पद पुलिस अधिकारी और अमृतसर के एस एस पी ध्रुव दहिया का संरक्षण क्यों कर रहे हैं, जिनकी शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकामी के कारण एस एस पी तरनतारन के कार्यकाल के दौरान 100 से ज्यादा मौंतें हुइ थी।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि तरनतारन के लोग एस एस पी ध्रुव दहिया को तुरंत निलंबित करने और शराब माफिया के खिलाफ उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर केस दर्ज करने की मांग कर रहे थे। उन्होने कहा कि तरनतारन निवासियों ने अवैध शराब का निर्माण करने वाले अपराधियों के बारे में स्पष्ट जानकारी दहिया को दी थी और यहां तक कि उसे शराब माफिया द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों के लाइसेंस प्लेट नंबर भी उपलब्ध कराए। हालांकि दहिया ने इस मामले में कार्रवाई करने से इंकार कर दिया जिसके कारण अकेले तरनतारन में सौ से अधिक लोगों की जाने गई।
सरदार मजीठिया ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल इन तथ्यों को सामने लाया था और डीजीपी दिनकर गुप्ता से भी इस मामले में कार्रवाई करने को कहा था। ‘लेकिन ऐसा लगता है कि डीजीपी को दहिया से विशेष लगाव है और इसीलिए वह उनके खिलाफ कार्रवाई नही कर रहे हैं,यह बेहद निंदनीय है। लोग डीजीपी से व्यवहारिका की उम्मीद करते हैं, लेकिन वह दहिया को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं तथा उसके खिलाफ कार्रवाई नही कर रहे हैं। यह पुलिस वालों के सभी मानदंडों के खिलाफ है डीजीपी को दहिया के खिलाफ कार्रवाई करने में अपनी असमर्थता स्पष्ट करनी चाहिए।
अकाली नेता ने कहा कि जहां तक जहरीली शराब त्रासदी का सवाल है तो डीजीपी की भूमिका पहले से ही संदेह के घेरे में थी। उन्होने कहा कि डीजीपी ने दहिया के खिलाफ कार्रवाई करने से इंकार कर दिया जो एस एस पी तरनतारन के तौर पर सीधे तौर पर इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार थे। ‘ दहिया के खिलाफ कार्रवाई करने में यह विफलता इनाम में बदल गई क्योंकि उसे पुलिस अधिकारी से ग्रामीण अमृतसर एसएसपी के तौर पर तैनात किया गया था’।
सरदार मजीठिया ने कहा कि यह पहला मौका नही है जब डीजीपी ने दहिया को अपना आंखों का तारा साबित किया है। उन्होने कहा कि दहिया वही अधिकारी थे जिन्होने 2019 में फादर एंटनी के आवास पर ‘दिन दिहाड़े’ डकैती की योजना बनाई थी और उन्हे चुनाव आयोग द्वारा खन्ना एसएसपी के तौर पर बाहर कर दिया गया था। उन्होने कहा कि छापे के दौरान खन्ना पुलिस के खिलाफ लगाए गए
6.65 करोड़ रूपये की हेराफेरी के आरोपर के अलावा खन्ना पुलिस पर पुलिस पर छापे के दौरान अवैध रूप से हिरासत में रखने का आरोप भी लगाया था और विभागीय जांच में आरोपी ठहराया गया था। अदालत में यह भी निर्णायक साबित हुआ कि दहिया ने झूठ बोला था किए एक ‘नाका’ में तलाशी अभियान के दौरान पैसे जब्त किए गए थे। दहिया की निगरानी मेें अवैध तरीके से जब्त किए गए
16.66 करोड़ रूपये में से 1.50 करोड़ रूपये का अभी भी कोई हिसाब नही है, लेकिन फिर भी उन्हे एसएसपी तरनतारन के रूप में तैनात करने पुरस्कृत किया गया।
सरदार मजीठिया ने कहा कि खन्ना की तरह, दहिया भी छापे मारने के लिए पुलिस का इस्तेमाल कर रहा था, तरनतारन में उस पर शराब माफिया को छूट देने का आरोप लगा था। उन्होने कहा कि जहरीली शराब त्रासदी के बाद दहिया के तबादले के बाद तरनतारन पुलिस ने इन शिकायतों पर कार्रवाई की थी और अवैध शराब अभियान के दौरान छापा मारा था जिसमें 31,500 लीटर ‘लाहन’ बरामद की गई। ‘अगर दहिया ने पहले की शिकायतों पर कार्रवाई की होती तो इस हादसे को टाला जा सकता था। सरदार मजीठिया ने कहा कि उनकी इस अपराध में सीधी मिलीभगत है और उनपर केस दर्ज किया जाना चाहिए, नही तो हम विवादास्पद पुलिस अधिकारी को बचाने के लिए डीजीपी दिनकर गुप्ता के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे।