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बुलंद इरादे-कोरोना को चैलेज की तरह लेकर जंग में डटी गुरदासपुर में महिला चिकित्सक, आल ही वैल बोल दूसरों को कर रही प्रोत्साहित

बुलंद इरादे-कोरोना को चैलेज की तरह लेकर जंग में डटी गुरदासपुर में महिला चिकित्सक, आल ही वैल बोल दूसरों को कर रही प्रोत्साहित
  • PublishedJuly 30, 2020

इंसान चाहे तो हर मुश्किल से आसानी से निकला जा सकता है, चीजे हो सकती है मैनेज

मरीजों के साथ साथ परिवार पर भी निरंतर फोक्स कर रही महिला चिकित्सक

मनन सैनी

गुरदासपुर। एक तरफ जहां कोरोना वायरस के भय ने संसार भर में अपना दबदबा बना रखा है और कई स्वस्थ्य माहिर इस आपदा में ​बाहर निकलने से गुरेज कर रहे है। वहीं जिले में तैनात ​महिला डॅाक्टर महामारी के इस काल को भी एक चुनौती की तरह लेकर चल रही है। अस्पताल के काम के साथ साथ घर परिवार की देखरेख तथा आनलाईन मीटिंगों के ओवर लोड़ का वह आनन्द उठाती है। काम तथा परिवार के बीच तालमेल बिठा कर वह एक डॉक्टर पेशे के साथ साथ मां, बीवी, बहूं इत्यादि फर्ज भी बाखूबी निभा रही है और अन्य महिलाओं के लिए मिसाल पेश करती हुई ऑल इज वैल कह कर दूसरों को प्रोत्साहित कर रही है।

प्रमुख पदों पर तैनात जिला एपिडिमोलोजिस्ट का पद संभाल रही डॉ प्रभजोत कलसी तथा सिवल अस्पताल में एसएमओं का पद संभाल रही डॉ चेतना का कहना है कि कोरोना वायरस से डर उन्हे भी लगता है परन्तु वह एहतियात बरतती है तथा इंसान चाहे तो सब चीजे मैनेज हो सकती है तथा इस लोगो के सहयोग से इस आपदा से भी सरलता से निकला जा सकता है। उनका कहना है कि अगर आपमें जज्बा हो तथा टीम वर्क हो तो मुश्किल से मुशिकल पहाड़ भी खोदा जा सकता है।

एक तरफ जहां डॉ कलसी कोविड़ मरीज की ट्रेसिंग कर उनके संपर्क में आने वाले लोगो की टीमें गठित कर रही है, सैंपलिंग से पॉजिटिव मरीज की​ शि​फ्टिंग की प्लानिंग कर रही है। वहीं डॉ चेतना के उपर पॉजिटिव आए मरीज की देखभाल का जिम्मा है। मरीजों के खाने पीने से लेकर उनकी दवाईयों तक का इंतजाम डॉ चेतना के उपर है, उनसे बातचीत कर मरीज के अंदर से भय खत्म कैसे किया जाए इस पर वह ज्यादा ध्यान देती है।

लॉकडाउन के दौरान इनकी दिक्कत और ज्यादा बढ़ गई जब घर पर काम करने वाली बाई का आना बंद हो गया और इन्हे ही घर के काम काज मैनेज करने पड़े। परन्तु उक्त का कहना है कि वह इससे और मजबूत हुई है तथा उन्हे परिवार का बेहद साथ मिला है। जिसके चलते किसी भी प्रकार की एमरजैंसी में वह लगातार कोविड़ महामारी से निपटने का प्रयास कर रही है।

डॉ प्रभजोत कलसी कोविड़ के साथ साथ नैशनल वैक्टर बोर्न डिजीज तथा डिजास्टर मैनेजमेंट प्रोग्राम भी साथ ही चला रही है। उनका एक छोटा 9 साल का बेटा है जबकि एक बेटी कनाडा तथा एक बेटी जमा दो में मेडिकल की छात्रा है। लॉक डाउन में उन्हे बेटे की आन लाईन क्लास पर भी फोक्स करना था, शुरु में दिक्कत जरुर हुई परन्तु मैनेज हो गया। शुरुआत में मुश्किल दौर था परन्तु उन्होने हिम्मत नही हारी।

वहीं एसएमओं डॉ चेतना ने बताया कि महामारी की शुरुआत में अस्पताल में मरीजों को संभालने की बेहद दिक्कत आई। कई मरीज टैस्ट देते वक्त भागने का प्रयास करते तो कोई सिफारिश ले आता, किसी को जल्द छुट्टी चाहिए, परन्तु हर काम आसान होता गया। जिसमें उनकी टीम में डॉ हरलीन, डॉ प्रेम ज्योति, डॉ मीरा, डॉ ज्योति का भी अहम योगदान है तथा फ्रंट पर लडने वाले हर उस कर्मचारी का अहम योदगान है जो कोरोना के खिलाफ मैदान में डटा है। फ्रंट पर लड़ने वालों की बदौलत ही वह अभी तक कोरोना के खिलाफ बहादुरी से लड़ रह रही है।

उक्त ने बताया कि डिप्टी कमिशनर मोहम्मद इश्फाक स्वस्थ्य विभाग का बेहद सहयोग कर रहे है तथा उनकी ओर से स्वस्थ्य विभाग के साथ निरंतर मीटिंग कर पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन तथा आम लोगो के बीच तालमेल बिठाया जा रहा है। इसी के साथ साथ उनके मल्टी पर्पज हैल्थ वर्कर, हैल्थ सुपरवाईजर, मलेरिया वर्कर , सैंपल लेने वालों से लेकर सफाई कर्मचारी तक इस लड़ाई में अहम योगदान डाल रहे है। उक्त ने बताया कि सिवल सर्जन डॉ किशन चंद की ओर से भी उन्हे काफी साथ मिल रहा है जिसमें लोगो के भी बेहद सहयोग की जरुरत है।

Written By
The Punjab Wire