मां बोली मेरा पुत्त गहरी नींद में सोया, थोड़ी देर में उठ जाएगा
गुरदासपुर । भारतीय सेना की आर्डीनेंस कोर यू्निट के 23 वर्षीय एसकेटी इंजीनियर सिपाही योगेश्वर सिंह,जो जबलपुर में तैनात थे तथा पिछले कुछ दिनों से बीमार चले आ रहे थे। जिन्हें जबलपुर सैन्य अस्पताल दाखिल करवाया गया था। जहां 20 जून को उनका देहांत हो गया था। सोमवार को उनके पैतृक गांव भोला में सैन्य सम्मान से उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। तिब्बड़ी कैंट से आए 24 सिख रेजीमेंट के जवानों ने रीथ चढ़ाकर मृतक सैनिक को सलामी दी। इससे पहले तिरंगे में लिपटी मृतक सैनिक की पार्थिव देह जब गांव भोला पहुंची तो पत्थर की मूर्त बनी मां संतोष कुमारी व बहन प्रीति ठाकुर पत्थराई आंखों से सिपाही योगेश्वर की पार्थिव देह को एकटक निहारते हुए बेसुध हो रही थी।मां संतोष चीखते हुए कह रही थी कि मेरा पुत्त गहरी नींद में सोया हुआ है, थोड़ी देर में उठ जाएगा। हमारे घर का इकलौता चिराग बुझ गया।
मृतक सैनिक योगेश्वर सिंह के पिता शक्ति सिंह व माता संतोष कुमारी ने नम आंखों से बताया कि योगेश्वर उनका इकलौता बेटा था तथा तीन साल पहले सेना में भर्ती हुआ था। वह मार्च महीने में एक महीने की छुट्टी काटकर यूनिट में वापिस चला गया था। उन्होंने कहा कि 16 जून को उसका फोन आया था तथा उसने पूरे परिवार से बात करते हुए कहा कि वह बिल्कुल ठीक है। उसकी चिंता मत करें। मगर चार दिन बाद आई उसकी मौत की खबर ने हमें गहरे सदमे में डाल दिया है। योगेश्वर हमारे घर का इकलौता तिराग था, उसके बुझने से हमारे घर में अंधेरा छा गया है।
इस अवसर पर सिपाही योगेश्वर की यूनिट के एडम अफसर लेफ्टिनेट कर्नल के जे सिंह की ओर से हवलदार मक्खन सिंह के अलावा तिब्बड़ी कैंट से आए 24 सिख यूनिट के नायब सूबेदार हरविंदर सिंह, हलवदार मेजर सिंह, सिपाही अत्तर सिंह, दिवगंत सैनिक के पिता रिटा. हवलदार शक्ति सिंह व शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने रीथ चढ़ाकर सिपाही योगेश्वर को सैल्यूट किया। मृतक सैनिक की चिता को मुखाग्नि उसके पिता शक्ति सिंह व चाचा के बेटे मनेश्वर व रितेश्वर ने दिखाई। इस अवसर पर पूर्व सरपंच जगदीश सिंह भोला, कैप्टन शिव दयाल,पुरुषोत्तम सिंह, वासुदेव,बजीर सिंह, सुरजीत सिंह,बलदेव सिंह आदि उपस्थित थे।