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नीले कार्ड बहाल करने तथा कांग्रेस सरकार के कथित घोटालों की जांच संबंधी सौंपा मांग पत्र

नीले कार्ड बहाल करने तथा कांग्रेस सरकार के कथित घोटालों की जांच संबंधी सौंपा मांग पत्र
  • PublishedJune 18, 2020

अकाली भाजपा की ओर से लगाए गए कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप

गुरदासपुर, 18 जून (मनन सैनी)। नीले कार्ड बहाल करने तथा कांग्रेस सरकार की ओर से किए गए कथित स्कैंडलों की जांच करवाने संंबंधी शिरोमणि अकाली दल तथा भाजपा की ओर से संयुक्त रुप से डीसी गुरदासपुर के जरिए राज्यपाल पंजाब के नाम मांग पत्र सौेंपा गया। इस रोष प्रर्दशन की अगवाई अकाली दल के जिला प्रधान गुरबचन सिंह बब्बेहाली की ओर से की गई, जिसमें विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल समेत बड़ी गिनती में अकाली नेता मौजूद रहे। 

इस संबंधी बातचीत करते हुए अकाली दल के जिला प्रधान गुरबच​न सिंह बब्बेहाली ने कहा कि 28 मई 2020 को जिले के डीसी को मांग पत्र सौंपा गया था। परन्तु उस संबंधी कोई कारवाई नही की गई।  बब्बेहाली ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते देश के अलावा पंजाब में भी कफ्र्यू लगाया गया। कफ्र्यू के दौरान लाखों की संख्या में दिहाड़ीदार मजदूर, खेत मजदूर, दलित परिवार, रिक्शा चालक, आटो चालक, दुकानदार व अन्य मेहनती लोग अपने अपने कारोबार से वंचित हो चुके है। 
परन्तु पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने गरीबों को राशन बांटने में लापरवाही की है। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानीजनक की बात है कि भयंकर महामारी में पहले सरकार ने दो सप्ताह के करीब राशन बांटने के लिए थैलो पर फोटो छिपाने में समय व्यर्थ कर दिया। जब राशन को बांटना आरंभ हुआ तो इसमें घटिया दर्जे की राजनीतिक कांग्रेस के नेताओं ने खेली।राज्यों की घटिया प्रंबंधन के चलते लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने राज्यों को वापिस लौट चुके है। यदि राशन के बांटने में घपला न होता तो यह लोग यहीं रुक सकते थे और इससे धान की रोपाई व इंड्स्ट्री के लिए लेबर की कमी न होती। 

वहीं बटाला के विधायक लखबीर सिंह लोधीनंगल ने कहा कि शिअद व भाजपा की सरकार ने पंजाब की गरीब जनता की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए आटा दाल की स्कीम शुरु की गई थी। इसके तहत सभी जरुरतमंदों को एक यूनिफार्म पालिसी के तहत बिना किसी पक्षपात के सस्ता अनाज दिया जाता था। इस स्कीम के तहत सभी गरीब परिवार को नीले कार्ड जारी किए गए थे। 2007 से लेकर 2017 तक यह स्कीम निरंतर सफलतापूर्वक चलती रही और लाखों की संख्या में परिवार पंजाब भर में इसका लाभ उठाते रहे। मगर अफसोस की बात है कि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार बनने के उपरांत राजनीति से प्रेरित एक विशेष मुहिम चलाई गई। जिसके तहत सभी नीला कार्ड होल्डर्ज की वेरीफिकेशन का सहारा लेकर एक अप्रैल 2019 से लाखों की संख्या में पंजाब भर में नीला कार्ड होल्डरों के कार्ड रद्द कर दिए गए है। तब से लेकर अब तक ये गरीब परिवार इंसाफ के लिए दर दर भटक रहे है और सरकार की बेरुखी का सामना कर रहे है। 

इस मौके पर रविकरण सिंह काहलों, राजनबीर सिंह घुमाण, इंद्रजीत सिंह रंधावा, दलजीत सिंह मंड, सुखबीर सिंह वाहला, कुलबीर सिंह बिट्टू, गुरइकबाल सिंह माहल, लखविंदर सिंह, जिला प्रधान भाजपा परमिंदर सिंह गिल, कुलवंत सिंह चीमा, अमरजोत सिंह बब्बेहाली, बाल कृष्ण मित्तल, विकास गुप्ता, एडवोकेट विनोद कुमार, पूर्व चेयरमैन सतीश कुमार, पूर्व चेयरमैन महिंदर सिह, पूर्व चेयरमैन अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।

अकाली दल की ओर से रखी गई मांगे

  • सरकारी खजाने को 5600 करोड़ रुपए का माली घाटे की निष्पक्ष जांच 
  • सीबीआई से करवा कर आरोपितों को कड़ी सजाएं दी जाए।
  • शराब व रेत माफिया को बड़ी रियायतों की भी उच्च स्तरीय जांच की जाए। 
  • गरीब व मध्यवर्गीय सभी परिवारों के चार महीने के बिजली, सीवरेज व वा्टर सप्लाई के बिल पंजाब सरकार द्वारा राज्य के स्टेट डिजास्टर फंड में से दिए जाए।
  • गन्ने के सभी बकाए तुरंत जारी किए जाए।
  • धान की रोपाई में मजदूरी की लागत बढऩे से हर किसान को प्रति एकड़ तीन हजार रुपए मुआवजा दिया जाए।
  • कोरोना महामारी से प्रभावित आटो रिक्शा, टेक्सी, बस चालकों व कंडक्टरों को कम से कम पांच हजार रुपए प्रति मासिक मदद की जाए और उनका चार महीने का बनता टेक्स माफ किया जाए।
  • नकली बीजों के स्कैंडल की सीबीआई द्वारा जांच करवाई जाए और सभी आरोपियों को कड़ी सजाएं व किसानों को बनता मुआवजा दिया जाए।

Written By
The Punjab Wire