चंडीगढ़, 17 जून:2015 में घटी बहबल कलाँ पुलिस गोलीबारी की घटना के मामले में एक बड़ी सफलता दर्ज करते हुये इस मामले की जांच कर रही पंजाब पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) की तरफ से बुधवार को इस केस में दूसरी गिरफ़्तारी की गई है। पुलिस की तरफ से फरीदकोट के रहने वाले व्यक्ति को झूठे सबूत घडऩे और दोषी पुलिस अधिकारी चरनजीत सिंह शर्मा जो उस समय एस.एस.पी. मोगा के तौर पर तैनात थे, के साथ मिलीभुगत के दोषों के तहत गिरफ़्तार किया गया है।
शर्मा को पहले गिरफ़्तार किया गया था और इस केस में चार्जशीट किया गया था परन्तु फि़लहाल वह स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर हाई कोर्ट से अंतरिम ज़मानत पर बाहर है।
दूसरी गिरफ़्तारी के विवरण देते हुये विशेष जांच टीम के मुख्य जांच अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि मुलजिम सुहैल सिंह बराड़ को अदालत में पेश किया गया था जिसको 4 दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया।
प्राथमिक पड़ताल से पता चला कि शर्मा के करीबी बराड़ के घर शर्मा और उस समय के अन्य भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को बचाने की पूरी साजिश घड़ी गई। बराड़ ने कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों को उसकी रिहायशी जगह और उसकी 12 बोर की बंदूक देकर शर्मा की पायलट जिप्सी और गोलियाँ चलाने में मदद दी जिसने दावा किया था कि प्रदर्शनकारियों की भीड़ द्वारा जिप्सी पर गोलियाँ चलाने के बाद ही पुलिस ने जवाबी कार्यवाही की।
विशेष जांच टीम की जांच के अनुसार जब बरगाड़ी और अन्य स्थानों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की क्रमबद्ध घटनाओं के बाद 14.10.2015 को बहबल कलाँ में शांतमयी ढंग से धरने पर बैठे निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग हुई तो गोलीबारी के लिए जि़म्मेदार पुलिस टीम ने अपने बचाव के लिए एक साजिश घड़ी। उनकी तरफ से अपने बचाव की कहानी की हिमायत के लिए उस समय के मोगा के एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा की पायलट जिप्सी पर जाली गोलियों के निशान लगा कर झूठे सबूत घड़े गए।
शर्मा के ड्राईवर गुरनाम सिंह, जोकि एसकोर्ट वहीकल चला रहा था, ने पुष्टी की है कि उसकी मारुति जिप्सी पर कोई गोली नहीं चलाई गई थी।
कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि बराड़ की गिरफ़्तारी से बहबल कलाँ केस में घटीं क्रमबद्ध घटनाओं के साथ जुड़े बड़े सम्बन्ध सामने आए हैं और अगली जांच में साजिश के अन्य पहलूओं से पर्दा उठने की उम्मीद है।
इस दौरान कोटकपूरा गोलीबारी की घटना में भी जांच जारी है, जिसमें फरीदकोट की अदालत में उस समय के हलका इंचार्ज और विधायक मनतार बराड़, आईजी परमराज सिंह उमरानंगल, एसएसपी चरनजीत सिंह शर्मा और तीन अन्य समेत छह व्यक्तियों के खि़लाफ़ तीन चार्जशीटें दाखि़ल की हैं।
सी.बी.आई. के जांच को किसी ठोस नतीजे पर लाने से असफल रहने के बाद बहबल कलाँ और कोटकपूरा गोलीबारी की घटनाओं के मामलों की निष्पक्ष जांच को यकीनी बनाने के लिए इस साल फरवरी में विशेष जांच टीम का गठन किया गया था।