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पंजाब के खेती सैक्टर को अम्बानियों-अडानियों के हवाले करने में लगी मोदी सरकार-भगवंत मान

पंजाब के खेती सैक्टर को अम्बानियों-अडानियों के हवाले करने में लगी मोदी सरकार-भगवंत मान
  • PublishedMay 19, 2020

एम.एस.पी खत्म करने की प्रक्रिया शुरू, बर्बाद हो जाएंगे पंजाब-हरियाणा के खेती पर निर्भर सभी वर्ग 

लगाए आरोप कैप्टन का हुआ भगवाकरण, हरसिमरत की वजीरी के खातिर बादलों ने गिरवी रखा पंजाब

मोदी की मनमानी न रोकी तो गुलामों और भूमि रहित वाले मुजाहरा कल्चर की वापसी तय 

चंडीगढ़, 19 मई। आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने केंद्र की मोदी सरकार पर खेती सैक्टर को तबाह करने और अम्बानी-अंडानी जैसे कॉरपोरेटस घरानों को ओर मजबूत करने के गंभीर आरोप लगाते हुए बादल परिवार और मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह पर तीखे हमले किए हैं। भगवंत मान मंगलवार को राजधानी में मीडिया के रूबरू हुए और उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से कोरोना प्रकोप के दौरान लिए गए कई फैसलों व की गई घोषणाओं को गरीबों के साथ धोखा, किसानों-मजदूरों के लिए बर्बादी और कॉरपोरेटस घरानों के लिए वरदान बताया।

भगवंत मान ने कहा कि संघी ढांचे के मुताबिक राज्यों के अधिकारों पर डाका मारने में मोदी सरकार ने कांग्रेस को भी पीछे छोड़ दिया है। अब तक किसानों और असली संघी ढांचो का अलम्बरदार कहलवाने वाले अकाली दल (बादल) ने हरसिमरत कौर की वजीरी के बदले पंजाब और पंजाबियों के हक मोदी के पास गिरवी रख दिए। भगवंत मान ने बादलों को पूछा कि जब खुली मंडी या एक राष्ट्र एक मंडी के नारे के तहत पंजाब और हरियाणा के मंडीकरण ढांचे (जिस को दुनिया का सर्वोत्तम मंडी व्यवस्था माना जाता है) को खत्म कर प्राईवेट घरानो को पंजाब की मंडियों में खतरनाक प्रेवश के मंसूबे (नीतियां) बन रहे थे तो हरसिमरत कौर बादल ने विरोध क्यों नहीं किया? जब संविधान मुताबिक खेती, जमीन और अंदरूनी मंडी प्रबंध राज्य सूची में आता है तो बादलों और कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने खेती उत्पाद मंडी समिति (एपीएमसी) कानून में केंद्र के तानाशाही दखल का विरोध क्यों न किया और पहले ई-मंडी और अब प्राईवेट कंपनियों की पंजाब की मंडियों में सीधे प्रवेश के बारे में हां क्यों की?

भगवंत मान ने कहा कि मोदी सरकार ने फसलों के कम से कम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके साथ ही एग्रीकल्चर क्लस्टर (खेती जोन) पंजाब में भी स्थापित करने की तैयारी कर ली है। यदि मोदी सरकार को यह घातक कदम उठाने से न रोका गया तो किसान, मजदूर, आढ़तिया, पल्लेदार, ट्रांसपोर्टरों की बर्बादी तय है। यहां तक कि मंडी फीस के द्वारा पंजाब के खजाने की ओर जाते अरबों का भी कॉरपोरेट घरानों की झोली में गिरेंगे। एग्रीकल्चर क्लस्टर के द्वारा जब अम्बानी-अडानी और अन्य कॉरपोरेटस घराने 500-500 या 1000-1000 एकड़ का एक साथ कट सरकार के द्वारा 21-21 या 31-31 सालों के लिए लीज पर हड़प लेंगे तो उन गांवों के सभी छोटे-बड़े किसान भूमि रहित हो कर पुराने समय के मुजाहरा कल्चर के तहत कार्य करने के लिए बेबस हो जाएंगे।

भगवंत मान ने कहा कि बादल तो वजीरी के लिए बिक गए परंतु किसी मजबूरी या मिलीभुगत वश कैप्टन अमरिन्दर सिंह का ‘भगवाकरण’ पंजाब के लिए बेहद भारी साबित होगा। मान ने व्यंग्यमय अंदाज में कहा, ”हैरान न हों कैप्टन अमरिन्दर सिंह जी की दाढ़ी बांधने वाली जाली का रंग कभी भी भगवा हो सकता है, यही कारण है कि वह मोदी की बोली-बोलते हैं।”

मान ने केंद्र सरकार की तरफ से ज्यादातर खेती वस्तुओं को जरूरी वस्तुओं की सूची से निकाल कर बड़े घरानों और साहूकारों को जो जमाखोरी करने की कानूनी छूट दी है। इस विरोधी फैसले की भारी कीमत गरीब, किसान से लेकर हर उपभोक्ता को उठानी पड़ेगी।

 मान ने कहा कि कोरोना वायरस की आड़ में मोदी सरकार ने 80 प्रतिश्त फैसले खुद कर लिए हैं, जबकि इनके लिए संसद की मंजूरी जरूरी थी। मान ने कहा कि कोरोना की महांमारी के दौरान गरीब, मजदूर और किसानों को नकद रुपए की जरूरत थी, परंतु निर्मला सीता रमन के ऐलानों में गरीबों के लिए कुछ भी नहीं निकला। गरीबों-मजदूरों के लिए अगर कुछ नजर आया है तो नंगे पैरी भूखे प्यासे सडक़ों पर पैदल चलते मजदूरों की असली तस्वीरें दुनिया ने जरूर देखीं हैं, जो 70 साल राज करने वाली जमातों के मुंह पर करारा थप्पड़ है।

इसके इलावा भगवंत मान ने पंजाब में शराब माफिया समेत धक्के के साथ चल रही माफिया की लूट को लेकर कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार को आड़े हत्थों लिया और ऐलान किया कि यदि 2022 में पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को मौका दिया तो कैप्टन से लेकर बादलें तक के माफिया राज में हुई लूट की एक-एक पाई का हिसाब लिया जाएगा।

इस मौके उनके साथ पार्टी के राज्य खजांची और कोर समिति मैंबर सुखविन्दर सुखी, सीनियर नेता नरिन्दर सिंह शेरगिल, सन्दीप सिंगला और पार्टी प्रवक्ता गोविन्दर मित्तल उपस्थित थे।
    

Written By
The Punjab Wire