माहिरों का कहना स्वस्थ्य विभाग को आपस में तालमेल बिठाने की जरुरत, नतीजे देर से आने में भी सुधार लाने की जरुरत
गुरदासपुर (मनन सैनी)। जिला गुरदासपुर में कोविड़-19 संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ होने के साथ ही मरीजों की कुल संख्या 128 हो गई है। इससे पहले पॅाजिटिव मरीजों की संख्या 122 पाई गई थी। पांच मरीजों की रिपोर्ट रात को तथा 1 अन्य मरीज की रिपोर्ट सुबह पॅाजिटिव आई है। उक्त सभी मरीज भी श्री हजूर साहिब के श्रदालु थे। जबकि एक संक्रमित भैणी पसवाल के मरीज की मौत हो चुकी है।
हालाकि 128 संक्रमित मरीज निकलने के बाद भी गुरदासपुर में कोविड-19 ने गुरदासपुर में अपने पैर लगभग न के बराबर ही पसारे है तथा खतरा बेहद कम है। क्योकिं गुरदासपुर में अभी तक कोई भी केस सामने नही आया है जो आए है वह पकड़े गए है तथा उक्त पाॅजिटिव पाए गए मरीज बाहरी राज्यों या जिलों से आए थे।
बाहरी राज्यों से सबसे ज्यादा श्री हजूर साहिब से लौटने वाले श्रदालु थे जिनकी तादात सबसे ज्यादा है। वहीं समाज सेवी जोकि संत नगर मोहल्ले से था भी दूसरे जिला अमृतसर के एक अस्पताल गया था जहां से वह संक्रमित पाया गया, गांव भून की महिला भी हिमाचल प्रदेश के बद्दी से गांव में आई थी तथा एक नामी गैंगस्टर पटियाला से बटाला लाया गया था। जिनके प्रथम संपर्क में आने वाले लोगो के टैस्ट लिए जा चुके है और कुछ एक की रिपोर्ट नैगेटिव पाई गई है। जबकि ज्यादा की रिपोर्ट पेडिंग है।
वहीं कुछ डाइवर संक्रमित पाए गए जो हजूर साहिब से जत्था लेकर आए थे संक्रमित पाए गए थे। जबकि श्री हजूर साहिब से लौटने वाले सभी श्रदालुओं तथा ड्राइवरों को पहले से ही इंस्टीट्यूट क्वारंटाइन में अलग रखा गया तथा पाॅजिटिव पाए गए मरीजों को विभिन्न जगह आईसोलेट किया गया। ताकि उनके जरुिए बिमारी आम लोगो में फैल न सके। गौर रहे कि सिर्फ मृतक मरीज को छोड़ कर उक्त सभी लोगो में कोविड़-19 संक्रमण के कोई लक्ष्ण नही पाए गए थे।
वहीं अब मजनू का टीला नई दिल्ली से भी 325 मजदूरों तथा अन्य लोगो का पंजाब के विभिन्न जिलो में उनके घर भेजा जाएगा। जिसके चलते गुरदासपुर में भी करीब 56 लोग जिले में पहुंचेगें। परन्तु स्वस्थ्य विभाग की ओर से पहले से ही निर्धारित प्रोटोकोल के तहत उनके टैस्ट किए जाएगें तथा उन्हे क्वांरटाइन किया जाएगा। उन सभी के टैस्ट प्राथमिकता के आधार पर लिए जाएगें तथा सैंपल भी प्राथमिकता के आधार पर भेजे जाएगें।
जिसके चलते जानकारों की माने तो उनसे कोई खतरा नही है। जानकारों का कहना है कि टैस्ट के बाद हो सकता है कि वह पाॅजिटिव या नैगेटिव पाए जाए परन्तु उन सभी को पहले ही एहतियात के साथ ऐकांतवास में रखना है।
वही माहिरों का कहना है कि लोगो को अब सिर्फ एस.एम.एस को अपने जीवन का हिस्सा बनाना है। जिसमें एस फार सोप (हाथ धोने), एम फार (मास्क) तथा एस फार सोशल डिस्टैंसिंग बनाए रखनी है। जिससे ही वह बच सकते है।
माहिरों का कहना है कि फिलहाल यह देखा गया है कि पहले से भेजे गए टैस्टों के नतीजे काफी देर बाद आ रहे है और स्वस्थ्य विभाग में भी तालमेल की कमी देखी जा रही है। जिसे दरुस्त करने की जरुरत है।