राज्य सरकार ने अपने खर्चे पर प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने का किया प्रबंध-सिद्धू
गुरदासपुर। जिला प्रशासन द्वारा कोविड-19 की रोकथाम के लिए किए गए प्रबंधों व तैयारियों का जायजा लेने के लिए सेहत व परिवार भलाई व किरत मंत्री पंजाब बलबीर सिंह सिद्धू ने अधिकारियों के साथ बैठक की।
पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कैबिनेट मंत्री सिद्धू ने बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से पंजाब में रहते प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए विशेष प्रयास किए गए है और पंजाब सरकार द्वारा पहले पड़ाव में प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा तय रेल यातायात की लागत के अपने हिस्से के तौर पर 35 करोड़ रुपए की प्रवानगी दी गई है और शीघ्र ही उनकी घर वापसी हो रही है।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रधान सोनिया गांधी द्वारा कहा गया है कि कांग्रेस पार्टी की राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का खर्चा उठाएंगी। प्रवासी मजदूरों का पंजाब की आर्थिकता को मजबूत करने में बहुत योगदान है और हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उन्हें बिना मुश्किल के उनके घरों तक पहुंचाएं। जिस संबंधी आवश्यक कदम उठाए गए है।
एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा तख्त श्री हजूर साहिब, नांदेड़ से लौटे सभी श्रद्धालुओं को बहुत बढिय़ा तरीके से ठहराने के प्रबंध किए गए है और जिन श्रद्धालुओं की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई है, उन्हें अस्पतालों के आईसोलेशन वार्डों में रखा गया है और सेहत विभाग द्वारा इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बतया कि आज शाम तक सबी संगत के कोरोना वायरस महामारी की सैपलिंग हो जाएगी। जिन श्रद्धालुओं को विभिन्न जिलों में बने क्वारंटाइन केंद्रों में ठहराए गए है, उनके रहने व खाने पीने के पुख्ता प्रबंध किए गए है। इसी तरह बाहरी राज्यों से पंजाब पहुंची तीन हजार के करीब लेबर की भी सैपलिंग की जा रही है। इनमें दो-तीन फीसदी ही पाजिटिव रिपोर्ट सामने आई है और कोटा से आए विद्यार्थियों में नामात्र पाजिटिव केस देखने को मिले है।
सिद्धू ने कहा कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज कर रहे मेडिकल स्टाफ के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं जिनमें पीपी किटें, मास्क, मेडिकल यंत्र आदि के सभी आवश्यक प्रबंध मौजूद है और जहां पर भी अन्य मेडिकल सुविधाओं की जरुरत पड़ती है, वहां पर जरुरत अनुसार पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि आज उनके विभिन्न जिलों का दौरा करने का यही उद्देश्य है कि कोविड-19 की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन द्वारा क्या प्रबंध किए गए है और सेहत विभाग द्वारा कोविड-19 की रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है। उनकी समीक्षा की गई है।
उन्होंने सेहत विभाग के अधिकारियों को कहा कि पंजाब सरकार इस संकट की घड़ी में लोगों की सेहत संभाल को लेकर कोई मुश्किल न आने देने के लिए वचनबद्ध है और अस्पतालों में जिस भी मेडिकल सुविधाओं की जरुरत होगी, उसे तुरंत पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आवश्यक दवाईयों समेत अस्पताल कंप्लेक्स, कमरो, शौचालयों की निरंतर सफाई करवाई जाए और सेनिटाइज करने को यकीनी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में प्रत्येक कर्मचारी यह यकीनी बनाए कि उसने मास्क पहनना हो, हाथों को गलवज व पूरी तरह से सेनिटाइज हुआ हो। इसके अलावा प्रत्येक क्षेत्र में चाहे वह जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन या सेहत विभाग है, फिजिकल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा जाए।
इस दौरान उन्होंने अस्पतालों में पीपीई किटें, एन-95 मास्क, सेनिटाइजर, गलवज आदि संबंधी सिविल सर्जन गुरदासपुर से जानकारी हासिल की और कहा कि अस्पतालों में मरीजों के इलाज व सेहत विभाग के स्टाफ में किसी किस्म की कोी कमी नहीं आने को यकीनी बनाया जाए।
डीसी मोहम्मद इशफाक ने बताया कि जिले में कोरोना वायपस बीमारी से पीडि़त मरीजों का विभिन्न अस्पतालों के आईसोलेशन वार्डो में इलाज किया जा रहा है और उनकी हर सुख सुविधा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है और मरीजों को श्री दरबार साहिब से लाइव कीर्तन दरबार व पाठ सुनने के प्रबंध किए गए है। उन्होंने बताया कि श्री हजूर साहिब से लौटे श्रद्धालुओं को जिले के विभिन्न केंद्रों में एकांतवास किया गया है और उनके रहने व खाने पीने के पुख्ता प्रबंध किए गए है। मरीजों को खाने के अलावा दूध, फल, समोसे, मैगी आदि मुहैया करवाई जा रही है। गुरबाणी कीर्तन व पाठ सुनने के विशेष प्रबंध किए गए है।
इस मौके पर हलका गुरदासपुर के विधायक बरिंदरमीत सिंह पाहड़ा, एसएसएस बोर्ड पंजाब के चेयरमैन रमन बहल, डीसी मोहम्मद इशफाक, एसएसपी स्वर्णदीप सिंह, एडीसी तेजिंदरपाल सिंह संधू, राजनीतिक सचिव हरकेश चंद शर्मा, एसडीएम गुरदासपुर सकत्तर ंस सिंह बल्ल, एसडीएम दीनानगर रमन कोछड़, एसडीएम डेरा बाबा नानक गुरसिमरन सिंह, एसडीएम बटाला बलविंदर सिंह, जिला प्रधान कांग्रस कमेटी रोशन जोसफ, संजीव त्रिखा, डा. किशन चंद सिविल सर्जन, केपी पाहड़ा, लखविंदर सिंह तुंग उपस्थित थे।