सिवल अस्पताल की महिला एसएमओं डॅा चेतना की से हुई काफी प्रभावित
रेड़ क्रास नशा छुड़ाओ केंद्र के साथ मिल कर कंधे से कंधा मिला कर बांटे मास्क
गुरदासपुर, 5 मई (मनन सैनी)। डेनमार्क से आई विदेशी बहु इन दिनों रेड़ क्रास नशा छुड़ाओ केंद्र के स्टाफ के साथ कंंधे से कंधा मिला कर कोरोना वायरस के खिलाफ मैदान ए जंग मे उतर कर लोगो की सेवा कर रही है। डेनमार्क निवासी नताशा सोमर स्लम एरिया में बस्ती वालों में जा कर उन्हे जागरुक करने का प्रयास कर रही है तथा आकृष्ण का केंद्र बनी है।वगत दिनों उनकी ओर से गुरदासपुर के सिवल अस्पताल में मरीजों को मास्क बांटे गए।
विदेशी बहू की ओर से गुरदासपुर सिवल अस्पताल की बेहतर कमान महिला डाक्टर चेतना की ओर से बहादुरी से थामें देख तथा उनकी कार्य प्रणाली जान कर काफी प्रभावित पाई गई। विदेशी बहू ने देसी डाक्टर की जहां प्रशंसा के पुल बांधे वहीं उन्होने सिवल अस्पताल गुरदासपुर को काया कल्प प्रोजेक्ट के तहत नंबर एक पर लाने की बधाई भी दी तथा इस महामारी के दौरान भी मरीजों की देखरेख करने की प्रशंसा की। वहीं रैड़क्रास नशा छुड़ाओं केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोमेश महाजन ने भी एसएमओं का उनकी बेहतर सेवाओं के लिए आभार जताया।
इस मौके पर रेड़ क्रास नशा छुड़ाओं केंद्र के रोमेश महाजन ने बताया कि उनकी ओर से रामनगर, भुल्लेचक्क, शिवा रिजोर्ट , धारीवाल में जाकर मास्क, राशन इत्यादि बांटने का काम किया जा रहा है। जिसमें नशा छोड़ने आए युवक मिल कर कार्य कर रहे है तथा नताशा से लोग काफी प्रभावित होते है।
इस संबंधी केंद्र के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रोमेश महाजन का कहना है कि “हम स्लम क्षेत्रों में सेवा कर रहे हैं और जागरूकता फैला रहे हैं। मुझे पता है कि यह महामारी बहुत खतरनाक है क्योंकि यूरोप में कई लोग इस बीमारी की चपेट में हैं। यहां भी स्थिति अच्छी नहीं है। हमें महामारी को नियंत्रण में रखने के लिए गरीबों की सेवा करनी होगी। उन्होने कहा कि लोग काफी प्रतोसाहित होकर जागरुक हो रहे है।
गौर रहे कि नताशा सोमर गुरदासपुर के गांव सुंदर के मलकीत सिंह के साथ प्रेम बंधन में बंध कर शादी के बंंधन में बंधी थी। नताशा पिछले साल जनवरी में भारत आई और सिख परंपरा के अनुसार उनके साथ शादी रचाई। मलकीत सिंह नशे का आदी था तथा उसने गुरदासपुर के नशा छुड़ाओं केंद्र में अपना इलाज करवाया।