मुख्यमंत्री द्वारा बिना किसी छूट के पूर्ण रूप से कफ्र्यू के आदेश, डिप्टी कमिश्नरों को विशेष मंतव्य और समय के लिए छूट देने के लिए अधिकृत किया
लोगों की मदद के लिए राहत कार्यों का ऐलान, मुख्यमंत्री राहत कोष में से खाने, रात बसेरा और दवाओं के लिए 20 करोड़ रुपए मंज़ूर किए
बिजली, पानी, सिवरेज के बिल, परिवहन करों आदि की अदायगियों की आखिरी तारीख मुलतवी करने का ऐलान
चंडीगढ़, 23 मार्च: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सोमवार को राज्य स्तरीय कफ्र्यू लगाने का आदेश दिया। पंजाब देश का पहला राज्य है जिसने कोविड-19 के मुकाबले के लिए यह सख्त और सर्वोत्कृष्ट फ़ैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव करन अवतार सिंह और डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता के साथ स्थिति की समीक्षा करने के बाद बिना छूट के पूर्ण रूप से कफ्र्यू का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘डिप्टी कमिश्नरों को इसके अनुसार आदेश जारी करने के लिए कहा है। जिस व्यक्ति को छूट की ज़रूरत है, उसे विशेष मंतव्य और तय समय के लिए छूट दी जाये।’’
कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए अनिश्चित समय के लिए लगाई जा रही पाबंदियों के नतीजे के तौर पर प्रभावित लोगों की मदद के लिए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कई तरह की रियायतों का भी ऐलान किया। ज़रूरतमंदों को खाने, रहने और दवाएँ मुहैया करवाने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 करोड़ रुपए मंज़ूर कर दिए गए और डिप्टी कमिश्नरों और एस.डी.एमज़ को ज़रूरतमंदों को हर तरह की मदद मुहैया करवाने के लिए भी कहा गया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में बिजली, पानी और सिवरेज आदि के बिलों की आखिरी तारीख़ मुलतवी करने का भी ऐलान किया। कोविड-19 को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों के हिस्से तौर पर राज्य सरकार ने घरेलू एकांतवास का उल्लंघन करने वालों के खि़लाफ़ कानूनी कार्यवाही भी आरंभ की है।
मुख्यमंत्री ने पहले ट्वीट किया, ‘‘हरेक के कल्याण के लिए सभी उपाय किये जा रहे हैं। हालाँकि मैं खुश हूँ कि हर कोई सहयोग दे रहा है परन्तु मैं कुछ व्यक्तियों को कोविड के खि़लाफ़ उठाए गए कदमों के रास्ते में रुकावट नहीं बनने दूँगा।’’ राज्य सरकार द्वारा ऐलान किए गए राहत कार्यों का विस्तार में विवरण देते हुए मुख्य सचिव करन अवतार सिंह ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्थानीय निकाय विभाग को आदेश दिए हैं कि सभी नगर निगमों, कौंसिलों और नगर पंचायतों में पानी और सिवरेज के बिलों की आखिरी तारीख़ मुलतवी कर दी जाये जबकि प्रॉपर्टी टैक्स में माफी की स्कीम 31 मई, 2020 तक बढ़ा दी गई है। इसी दौरान सभी घरेलू, व्यापारिक और छोटे बिजली औद्योगिक खपतकारों के 10,000 हज़ार रुपए तक के एक/दो महीनों के बिजली बिल जो 20 मार्च, 2020 या बाद में भरे जाने थे, में 15 अप्रैल, 2020 तक विस्तार कर दिया गया है।
पंजाब राज्य बिजली निगम को खपतकारों से देरी से अदायगी करने पर लगने वाले चार्ज न वसूलने के लिए कहा जिससे 35 लाख खपतकारों को फ़ायदा पहुँचेगा। मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट के अधीन सभी टैक्सों की आखिरी तारीख़ 30 अप्रैल, 2020 तक बढ़ाने के हुक्म दिए हैं। सरकारी और प्राईवेट वाहनों को इस समय के दौरान चलने की आज्ञा नहीं होगी जिस कारण इनको उस समय तक मोटर व्हीकल टैक्स से 100 प्रतिशत छूट मिलेगी। इनके अलावा 15 मार्च से 15 अप्रैल, 2020 से नवीकरण/पास होने वाले वाहनों पर देरी के लिए कोई जुर्माना नहीं वसूला जायेगा।
इस मुश्किल घड़ी में किसानों की मदद की तरफ हाथ बढ़ाते हुए सहकारिता विभाग ने उनकी फसलों पर दंड ब्याज दो महीने (मार्च-अप्रैल, 2020) के लिए माफ करने का फ़ैसला लिया है और यह किसान 30 अप्रैल, 2020 तक फ़सलीय कजऱ्े अदा कर सकेंगे। समाज के कमज़ोर वर्गों की मुश्किलों को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ने सामाजिक सुरक्षा विभाग को मार्च, 2020 के लिए तुरंत 150 करोड़ रुपए की पैंशन जारी करने के हुक्म दिए हैं। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पैंशनों के सभी लाभपात्रियों के खातों में पैंशन डालने के लिए 21 मार्च को 296 करोड़ जारी किये हुए हैं। यहाँ यह बताने योग्य है कि मुख्यमंत्री की हिदायतों पर श्रम विभाग को 3,18,000 रजिस्टर्ड निर्माण कामगारों को वित्तीय सहायता मुहैया करवाने के लिए उनके खातों में डी.बी.टी. के द्वारा तीन-तीन हज़ार रुपए डालने का फ़ैसला पहले ही लिया जा चुका है जिस पर लगभग 96 करोड़ खर्च किए जाने हैं।