‘आप’ नेताओं ने महंगाई के मुद्दे पर मोदी के साथ-साथ बादलों को भी जमकर कोसा
चंडीगढ़, 12 मार्च । आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने केंद्र की मोदी सरकार पर लोगों की बजाए बड़े कॉर्पोरेट घरानों और तेल कंपनियों के साथ खड़े होने का आरोप लगाते हुए मांग की है कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की 35 से 40 प्रतिशत तक कम हुई कीमतों के अनुसार देश में पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतें घटाए और लोगों को राहत दे।
‘आप’ हैडक्वाटर द्वारा जारी संयुक्त बयान में पार्टी के सीनियर नेता और विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा, मुख्य प्रवक्ता और विधायक प्रो. बलजिन्दर कौर, कुलवंत सिंह पंडोरी, मीत हेयर, रुपिन्दर कौर रूबी और पूर्व संसद मैंबर प्रो. साधु सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के पास देश की जनता को महंगाई से निजात दिलाने की न नीयत है और न ही लोग समर्थकी नीति है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि जब कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढऩे के बहाने से देश में रातो-रात डीजल-पेट्रोल और गैस की कीमतें बडा दी जातीं हैं तो कच्चे तेल की कीमतें घटने पर देश के उपभोक्ताओं के लिए पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतें घटाईं क्यों नहीं जा रही? हरपाल सिंह चीमा ने इस को सरकार की तरफ से ही देश के लोगों के साथ धोखा करार दिया और कहा कि मोदी सरकार चंद कॉर्पोरेट घरानों की गोदी में बैठी है, जो डीजल, पेट्रोल और गैस आदि के द्वारा प्रति दिन करोड़ों रुपए लोगों की जेबों से लूट रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज कल कच्चे तेल की कीमतें 16 सालों में सबसे नीचे गिर चुकी है।
प्रो. साधु सिंह ने कहा कि पैट्रोलियम पदार्थों की ऊंची कीमतों ने आज किसान, मजदूर, दुकानदार, कारोबारी, ट्रांसपोर्ट, मुलाजिम समेत हरवर्ग को बुरी तरह प्रभावित किया है, परंतु मोदी सरकार को लोगों की बजाए तेल कंपनियों की फिक्र अधिक है।
प्रो. बलजिन्दर कौर और मीत हेयर ने कहा कि 2004 में पेट्रोल 37.84 रुपए, डीजल 26.28 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस प्रति सिलेंडर 281.60 पैसे थी। मोदी सरकार इस हिसाब के साथ पैट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में 30 से 40 प्रतिशत कमी करने का फैसला तुरंत लेना चाहिए।
‘आप’ विधायक कुलवंत सिंह पंडोरी और रुपिन्दर कौर रूबी ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में घाटे के मुकाबले मोदी सरकार ने पेट्रोल प्रति लीटर 2.69 रुपए और डीजल प्रति लीटर 2.33 रुपए घटा कर देश की जनता के साथ भद्दा मजाक किया है।
‘आप’ नेताओं ने प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के साथ-साथ केंद्रीय मंत्री और बठिंडा से संसद मैंबर हरसिमरत कौर के हवाले से बादल परिवार को भी जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि बादल ऐसे लोक हितैषी मुद्दे पर चुप क्यों हैं? जबकि सुखबीर सिंह बादल और हरसिमरत कौर बादल अपने नेताओं को साथ लेकर मोदी सरकार पर आसानी के साथ दबाव बना सकते हैं, परंतु ऐसा दबाव तब ही संभव है यदि बादलों में हरसिमरत कौर की कुर्सी कुर्बान करने का हौंसला हो, जो कि नहीं है।