कैप्टन ने बादलों की तरह बिजली कंपनियों के समक्ष घुटने टेके -अमन अरोड़ा
‘आप’ का दावा – अगर समझौते रद्द हो जाएं तो 4 रुपए प्रति यूनिट तक सस्ती हो जाएगी बिजली
बिजली पर सदन के अंदर व बाहर प्रदर्शन, वॉकआउट
चंडीगढ़, 4 मार्च। आम आदमी पार्टी ने महंगी बिजली के मुद्दे पर अपने आंदोलन को ओर आगे बढ़ाते हुए एक 17 पन्नों का वाइट पेपर और दूरदर्शी दस्तावेज (विजन डाक्यूमेंट) जारी किया है, जिस में सरकार बिजली विभाग और निजी बिजली कंपनियों की तथ्यों-साबूतों के साथ पोल खोली गई है। यह दस्तावेज ‘आप’ विधायक अमन अरोड़ा की तरफ से तैयार किया गया है।
बुद्धवार को बजट सत्र के अंतिम दिन ‘आप’ नेताओं ने पहले सदन के बाहर दीया जला कर कैप्टन अमरिन्दर सिंह और सुखबीर सिंह बादल पर बिजली माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया, जिनकी लूट ने पंजाब और पंजाबियों का दिवाला निकाल दिया है। इस उपरांत सदन में बिजली के मुद्दे पर ‘आप’ के काम रोकू प्रस्ताव को रद्द किए जाने के विरोध में ‘आप’ विधायकों ने हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में नारेबाजी की और रोष के तौर पर वॉकआउट किया। इस दौरान अमन अरोड़ा ने सदन में वाइट पेपर और विजन डाक्यूमेंट लहराते कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह तो बिजली के मुद्दे पर वाइट पेपर जारी नहीं कर सके आम आदमी पार्टी कर रही है, जिस में न सिर्फ बिजली माफिया की लूट की पोल खोली गई है, बल्कि भविष्य का ‘रोड मेप’ भी दिखाया गया है।
इस उपरांत प्रैस गैलरी में मीडिया के समक्ष वाइट पेपर जारी करते हुए अमन अरोड़ा ने दावा किया कि यदि पंजाब सरकार निजी बिजली कंपनियों के साथ किए घातक बिजली खरीद समझौते रद्द करके समीक्षा किए जाएं तो पंजाब में हरे वर्ग के बिजली खप्तकार के लिए बिजली प्रति यूनिट 4 रुपए तक सस्ती बिजली मिल सकती है।
अमन अरोड़ा के साथ इस मौके हरपाल सिंह चीमा, कुलतार सिंह संधवां, मीत हेयर, जै कृष्ण सिंह रोड़ी, प्रवक्ता नवदीप संघा, नील गर्ग, गोबिन्दर मित्तल, दिनेश चड्ढा और स्टेट मीडिया हैड मनजीत सिंह सिद्धू मौजूद थे।
अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब में निजी बिजली कंपनियों के पैर कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अपनी पिछली सरकार दौरान 2006 में पकड़ा था, परंतु इन की जड़ें बादलों ने जरूरत की अपेक्षा ज़्यादा और महंगे बिजली समझौतों के द्वारा लगाई। राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइन्दवाल साहिब थर्मलों के साथ बिना बिजली लेने के बावजूद जो 3513 करोड़ रुपए सालाना 25 सालों के लिए फिक्सड चार्ज तय किया गया वह पंजाब और पंजाबियों को 87,825 करोड़ का पड़ रहा है। अमन ने कहा कि यदि गुजरात की तर्ज पर भी समझौते किए होते तो यह प्राईवेट थर्मल पंजाब पर इस कद्र भारी न पड़ते। इन के इलावा कोल-वाश के 2800 करोड़ रुपए बकाए के बिना प्रति साल 500 करोड़ रुपए के साथ 20 सालों में 10,000 करोड़ की चपत अलग है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि प्राईवेट थर्मल प्लांट सरकारी थर्मल प्लांट की कीमत पर पाले जा रहे हैं, 2010-11 में बिजली पूर्ति के लिए सरकार के अपने थर्मलों और स्रोतों पर निर्भरता 59.59 प्रतिशत था जो 2018-19 में कम कर केवल 15.21 प्रतिशत रह गई है जबकि प्राईवेट थर्मलों पर यह मात्रा 34.5 प्रतिशत से अधिक कर 83.73 प्रतिशत हो गई है, जो बेहद घातक रुझान है।
अमन अरोड़ा ने कहा कि अपने सरकारी थर्मल प्लांटों को पूरी समर्था में इस्तेमाल (पीऐलऐफ) के मामले में पंजाब 15.21 प्रतिशत के साथ पूरे देश से सबसे पीछे है। जिस कारण 741 करोड़ रुपए का बोझ खप्तकारों पर पड़ रहा है। प्रति यूनिट 1.36 रुपए फिक्सड चार्जज तय करके भी पंजाब ने सब को पीछे छोड़ दिया है, जबकि सासन थर्मल प्लांट के साथ यह सिर्फ 0.17 पैसे तय हैं। इस के साथ 25 सालों में 68203.61 करोड़ देने होंगे। पछवाड़ा की कोयला खड्ढ न चलने के कारण सरकार को 700 करोड़ रुपए का वार्षिक नुक्सान हो रहा है, जबकि बिजली चोरी 1800 करोड़ रुपए में पड़ रही है। 16.34 प्रतिशत टीएनडी घाटे के साथ पंजाब सब से ऊपर है, जबकि 1 प्रतिशत टीएनडी घाटे का मतलब 300 करोड़ रुपए का नुक्सान है।
अमन अरोड़ा ने बताया कि दूसरी तरफ बिजली पर प्रति यूनिट 1.33 पैसों का टकैस लगा कर पंजाब सरकार ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है, जो यूपी में 5 पैसे और हरियाणा में 21 पैसे और दिल्ली में 25 पैसे है। अमन अरोड़ा ने दावा किया कि 2022 में ‘आप’ की सरकार बनने पर सबसे पहले बिजली समझौते रद्द,समीक्षा और आडिट किए जाएंगे तांकि लूट रोकी जाएगी।