चंडीगढ़/28फरवरीः पांच बार मुख्यमंत्री रह चुके तथा शिरोमणी अकाली दल के सरंक्षक सरदार परकाश सिंह बादल आज वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के आवास से जबरदस्ती उठाकर तथा मारपीट करके थाने में बंद किए किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों को सांत्वना देने के लिए सैक्टर 3 के पुलिस स्टेशन पहुंचे।
इस कार्रवाई पर गहरा दुख प्रकट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने इसे ‘लोकतंत्र का कत्ल’ करार दिया। उन्होने कहा कि सिर्फ जागीरदारी निजाम में ही शासक अपनी प्रजा के साथ ऐसा सलूक करते थे। उन्होने कहा कि राज्य के इतिहास में ऐसी घटना कभी भी नही हुई है।
सरदार बादल ने कहा कि सभी किसान आत्महत्या पीड़ित परिवार वित्तमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर मिलना चाहते थे ताकि वह उसे अनुरोध कर सकें कि वह पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी तथा 10 लाख रूपए मुआवजा की कांग्रेस की प्रतिबद्धता को राज्य के बजट में शामिल कर लें। वित्तमंत्री बाहर आकर उनकी मांगें सुन सकता था। पर ऐसा करने की बजाय उसने पीड़ित परिवारों को भगाने के लिए पुलिस को खुली छूट दे दी।
चंडीगढ़ पुलिस द्वारा पीड़ित परिवारों में जिनमे विकलांग, महिलाएं तथा बच्चे भी शामिल थे तथा उनका साथ दे रहे अकाली विधायकों से किए गए दुर्व्यवहार की सख्त निंदा करते हुए सरदार बादल ने कहा कि यह कार्रवाई लोकतंत्र के सभी सिद्धांतों के खिलाफ थी तथा पहले कभी नही हुई थी। उन्होने अकाली विधायकों से की धक्का-मुक्की, खींचा-तानी, दुर्व्यवहार की भी सख्त निंदा की।
पूर्व मुख्यमंत्री ने किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों का साथ देने वाले अकाली विधायकों के खिलाफ एक विशेषाधिकार प्रस्ताव लाने के लिए कांग्रेस सरकार को सख्त फटकार लगाई। उन्होने कहा कि अकाली विधायक सिर्फ पीड़ित परिवारों की सहायता कर रहे थे तथा उन्होने एक सार्वजनकि मुद्दा उठाया था। उन्होने कहा कि ऐसी कार्रवाई अकाली दल को इंसाफ की लड़ाई लड़ने से रोक नही सकती। गरीबों, दलितों तथा अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए लड़ने का अकाली दल का लंबा इतिहास है। सरदार बादल ने इस विशेषाधिकार प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए आम आदमी पार्टी की भी निंदा की। सरदार बादल ने कहा कि इससे साबित हो गया है कि आप न सिर्फ कांग्रेस पार्टी की बी टीम है, बल्कि अंदरूनी तथा बाहरी तौर पर पूरी तरह कांग्रेस का हिस्सा है।
सरदार बादल ने कहा कि लोगों की आवाज को दबाने की बजाय कांग्रेस सरकार को लोगों से किए सभी वादे जैसे कि मुकम्मल कर्जा माफी, किसान आत्महत्या पीड़ित परिवारों को राहत, घर घर नौकरी तथा समाज कल्याण योजनाओं के लाभ बढ़ाना आदि पूरे करने चाहिए।