बिक्रम मजीठिया ने डीजीपी से पूछा कि वह जवाब दे कि श्री करतारपुर साहिब जाने वाले 50 हजार श्रद्धालुओं में से कितने आतंकवादी बन चुके हैं
डीजीपी को 24 घंटे में बयान का स्पष्टीकण देने यां आंदोलन तथा विधानसभा में प्रदर्शन का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा
चंडीगढ़/22फरवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज पंजाब के डीजीपी दिनकर गुप्ता की गांधी परिवार की गहरी साजिश को अमल में लाते हुए सिखों को आंतकवादियों के तौर पर पेश करके सिख भाईचारे की भावनाओं को ठेस पहुंचाने तथा कांग्रेस पार्टी के निर्देशों पर करतारपुर कॉरिडोर बंद करवाने के लिए हालात पैदा करने की कोशिशों के लिए सख्त निंदा की है।
यहां मीडिया से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि गांधी परिवार का डीजीपी उस समय चहेता बन गया था, जब यूपीए की सरकार के समय खुफिया विभाग में अपने आठ साल के कार्यकाल के दौरान उसने करतारपुर कॉरिडोर का खोले जाना रूकवाया था। उन्होने कहा कि उसका यह कहना कि पाकिस्तान में श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले एक आम सिख को छह घंटे में आतंकवादी बनाया जा सकता है, उन करोड़ों गुरु नाम लेवा संगतों की अरदास का अपमान है, जिसके कारण 73 साल बाद यह कॉरिडोर खोला है।
सरदार मजीठिया ने डीजीपी से पूछा कि वह जवाब दें कि श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए जाने वाले उन 50 हजार सिखों में से, जिनमें मुख्यमंत्री कैबिनेट मंत्री तथा सभी पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल है, कितनों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होने कहा कि इससे पता चलता है कि वह सिखों को कितना कमजोर समझता है। उन्होने कहा कि यह बयान कि श्री अकाल तख्त साहिब तथा इसके जत्थेदार सिंह साहिब हरप्रीत सिंह का भी अपमान करता है, जिन्होने पहले जत्थे का नेतृत्व किया था तथा अब भी गुरुघामों के दर्शनों के लिए पाकिस्तान गए हुए हैं।
डीजीपी से 24 घंटे में अपने बयान का स्पष्टीकरण देने के लिए कहते हुए अकाली नेता ने कहा कि यदि पुलिस अधिकारी ने ऐसा न किया तो अकाली दल एक रोष आंदोलन शुरू करेगा तथा 24 फरवरी को विधानसभा का कामकाज नही चलने देगा। उन्होने कहा कि हम ऐसा अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नही कर सकते। डीजीपी को इस बारे सार्वजनिक तौर पर स्पष्ट करना पड़ेगा कि उन्होने यह बयान स्वयं दिया है यां 10 जनपथ के गांधी परिवार के इशारे पर दिया है।
सरदार मजीठिया ने कहा कि सिख श्रद्धालु श्री करतारपुर साहिब में आतंकवादी गतिविधियों में भाग लेने के लिए नही, बल्कि उस वातावरण की खुशबु लेने के लिए जाते हैं, जिसमें श्री गुरु नानक देव जी ने ‘नाम जपो, किरत करो, वंड छकों’ का संदेश दिया था। उन्होने कहा कि यह यात्रा करके श्रद्धालु उस अरदास के फल को महसुस कर रहे हैं, जो उन्होने अनगिनत बार की थी। उन्होने कहा कि डीजीपी का बयान उस समय आया है, जब इस पवित्र स्थान के ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं को खुले दर्शन दीदार करवाने के लिए पासपोर्ट की पाबंदियों को हटाने की बात चल रही है। इससे साफ पता चलता है कि दिनकर गुप्ता ने ऐसा सिख विरोधी बयान उस पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सोच पर चलते हुए दिया है, जिसने सिखों को आतंकवादी के तौर पर पेश किया था, श्री दरबार साहिब पर तोपों तथा टैंकों से हमला करवाया था तथा करतारपुर साहिब को खोलने नही दिया था।
अकाली नेता ने कहा कि कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि डीजीपी सिख श्रद्धालुओं को निशाना बनाना चाहता है, पर पाकिस्तान द्वारा ड्रोनों द्वारा गिराए जा रहे हथियारों को रोकने में बेबस महसूस करता है। उन्होने कहा कि इसी तरह डीजीपी इस मामले की जांच करवाने में भी विफल रहा है कि पुलिस अधिकारियों हरजिंदर गिल तथा परमजीत पन्नू के नाम बहबलकलां में सिखों की फायरिंग करने पर उनके खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर से क्यों हटा दिए गए? क्या सिर्फ इस कारण क्योंकि उनपर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा का हाथ है? उन्होने बताया कि पुलिस फायरिंग का शिकार हुए कृष्ण भगवान सिंह के भाई रेशम सिंह को इस संबधी उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस के पास पहुंच करनी पड़ी है, परंतु डीजीपी ने अभी भी इस मामले में कोई कार्रवाई नही की है।