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अकाली दल द्वारा बिजली दरें घटाकर 5 रूपए प्रति यूनिट करने की मांग

अकाली दल द्वारा बिजली दरें घटाकर 5 रूपए प्रति यूनिट करने की मांग
  • PublishedFebruary 20, 2020

शिकायतकर्ता से मिलने से इंकार करने के लिए मुख्यमंत्री की निंदा की तथा बड़े बिजली बिलों के मामले में न्याय की मांग की

चंडीगढ़/20फरवरीः शिरोमणी अकाली दल के विधायक दल ने आज विधानसभा के बाहर उन लोगों से मिलकर रोष प्रदर्शन किया, जिन्हे बहुत बड़े बिजली के बिल भेजे गए हैं। पार्टी ने बिजली दरों में की बढ़ोतरी को तत्काल वापिस लेने तथा 4300 करोड़ रूपए के बिजली घोटालों की स्वतंत्र जांच करवाने की मांग की।

अकाली विधायकों ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया तथा यहां तक कि संदेश भी भेजे कि वह बड़े बिजली के बिल प्राप्त करने वाले कुछ व्यक्तियों, जिनमें से मोती बाग के नजदीक रहने वाला एक गरीब परिवार भी शामिल था, से बातचीत करने के लिए कुछ समय निकालें। परंतु वरिष्ठ सिविल तथा पुलिस अधिकारियों ने उन प्रभावित व्यक्तियों को अंदर दाखिल नही होने दिया, जिनके बार बार फरयाद करने के बावजूद कनेक्शन काटे जा चुके हैं, जिससे कांग्रेस सरकार के जन विरोधी तथा असंवेदनशील व्यवहार की झलक मिलती है।

मीडिया को संबोधित करते हुए विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों तथा पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि कांग्रेस सरकार को बिजली दरों में की बढ़ोतरी को तत्काल वापिस लेना चाहिए तथा पार्टी के घोषणा पत्र में किए वादे के अनुसार घरेलु तथा औद्योगिक उपभोक्ताओं को 5 रूपए प्रति यूनिट बिजली देनी चाहिए। अकाली नेताओं ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री द्वारा वाईट पेपर लाने की घोषणा को रद्द करते हुए कहा कि यह सिर्फ वास्तविक समस्याओं से ध्यान हटाने का बहाना है। उन्होने कहा कि लोगों की वाईट पेपरों में कोई दिलचस्पी नही है। वह पंाच रूपए प्रति यूनिट बिजली चाहते हैं। तुम्हे जल्द से जल्द इस रेट में बिजली उपलब्ध करानी चाहिए।

सरदार मजीठिया ने यह भी बताया कि किस तरह कांग्रेस सरकार पिछले तीन सालों में 15 बार बिजली की दरों में बढ़ोतरी कर चुकी है, जिससे अकाली-भाजपा कार्यकाल के दौरान 5.25 रूपए प्रति यूनिट दी जाती बिजली 9 रूपए प्रति यूनिट तक पहुंच गई है। उन्होने कहा कि पंजाब में बिजली सैक्टर पर सबसे भारी टैक्स लगाया गया है।

अकाली नेता ने 4300 करोड़ रूपए के बिजली घोटाले की भी स्वतंत्र जांच करवाने की मांग की, जहां प्राईवेट थर्मल प्लांटों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए सरकार जानबूझ कर सुप्रीम कोर्ट में तथा एक पंचायती ट्रिब्यूनल के आगे अपना केस हार गई थी। उन्होने कहा कि लोग चाहते हैं कि बिजली मंत्री, जिसके कार्यकाल के दौरान यह घोटाला हुआ को तत्काल बर्खास्त किया जाए तथा इस घोटाले के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।

सरदार मजीठिया ने कहा कि बिजली दरों में बार बार की बढ़ोतरी ने आम आदमी के साथ साथ अनुसूचित जातियों तथा पिछड़े वर्गों समेत समाज के गरीब वर्गों पर सबसे ज्यादा बोझ डाला है। उन्होने बताया कि अकाली-भाजपा सरकार के समय एससी तथा बीसी समुदायों को 200 यूनिट बिजली निःशुल्क दी जाती थी। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय बीसी समुदाय से निःशुल्क बिजली की सुविधा छीन ली गई है जबकि एससी समुदाय को दी जाती सुविधा को भी फिजूल बना दिया है। उन्होने कहा कि अपने निकम्मेपन तथा भ्रष्टाचार का बोझ आम आदमी पर डालना इस सरकार की नीति है, इसी कारण बिजली दरों को बार बार बढ़ाया गया है।

Written By
The Punjab Wire