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1984 कत्लेआम पीड़ितों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला, टाईटलर, कमलनाथ तथा बाकी दोषियों को अनुकरणीय सजाएं दी जाने की मांग की

1984 कत्लेआम पीड़ितों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला, टाईटलर, कमलनाथ तथा बाकी दोषियों को अनुकरणीय सजाएं दी जाने की मांग की
  • PublishedFebruary 20, 2020

दिल्ली की तर्ज पर 27 हजार पीड़ित परिवारों के लिए 5 लाख रूपए प्रति परिवार मुआवजा मांगा

कत्लेआम पीड़ितों के रद्द किए 163 लाल कार्ड तत्काल बहाल करने की मांग की

चंडीगढ़/20 फरवरीः 1984 सिख कत्लेआम पीड़ित वेल्फेयर सोसाइटी पंजाब के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज राज्यपाल से अनुरोध किया कि वह जगदीश टाईटलर, कमलनाथ तथा पुलिस अधिकारियों समेत 1984 सिख कत्लेआम के उन सभी दोषियों को उदाहरणीय सजाएं दिलाना सुनिश्चित करें, जो मानवता के खिलाफ इतना घिनौना अपराध करने के 36 साल बाद भी स्वतंत्र घूम रहे हैं।प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली की तर्ज पर 27 हजार पीड़ितों को पांच लाख रूपए प्रति परिवार मुआवजा देने की भी मांग की।

पंजाब के राज्यपाल श्री वीपी सिंह बदनौर को मांग पत्र देने के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए सोसाइटी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह ने कहा कि हम राज्यपाल साहिब के पास उन 1984 पीड़ित परिवारों का दुख दर्द बयान किया है, जिन्हे सरकारी अधिकारियों तथा कांग्रेसी नेताओं के हाथों भेदभाव तथा दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ रहा है। उन्होने बताया कि उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद मोहाली तथा लुधियाना में 1984 पीड़ितों से उनके घर छीन लिए गए थे। परंतु सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य आदेश द्वारा स्पष्ट किया गया था कि लुधियाना में पुड्डा द्वारा पीड़ित परिवारों के लिए 62 गज के मकान बनाकर दिए जाएंगे तथा मोहाली में गमाडा द्वारा पीड़ितों के लिए 22 मकान बनाए जाएंगे। उन्होने बताया कि अभी तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नही हुई है।

163 पीड़ित परिवारों के रद्द किए लाल कार्डों के बारे बताते हुए सोसाइटी की महिला विंग की अध्यक्षा गुरदीप कौर ने बताया कि यह उन गरीब परिवारों के साथ बेहद नाइंसाफी की गई है, जिन्होने विभिन्न जांच कमेटियों के आगे 1984 कत्लेआम पीड़ित के तौर पर अपना स्टेटस साबित करके यह लाल कार्ड हासिल किए थे। उन्होने कहा कि हम मांग करते हैं कि इन्हे रद्द किया जाए, तथा उन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए, जिन्होने 1984 पीड़ितों के दुखों के प्रति मुकम्मल असंवेदनशीलता दिखाते हुए ऐसी गैरकानूनी तथा अनैतिक हरकत की।

प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से यह भी अनुरोध किया कि वह राज्य सरकार को निर्देश दें कि वह 1984 पीड़ितों को दोबारा से 2 लाख रूपए की ग्रांट जारी करें, क्योंकि लुधियाना प्रशासन द्वारा पीड़ित परिवारों से यह राशि जबरदस्ती वापिस ली जा चुकी है। इस बारे जानकारी देते हुए गुरदीप कौर ने बताया कि तीन साल पहले लुधियाना के उन 35 पीड़ित परिवारों को 2 लाख रूपए प्रति परिवार मुआवजा दिया गया था, जिनके पास लाल कार्ड थे। उन्होने बताया कि परंतु कांग्रेसी नेताओं की सिख विरोधी मानसिकता के कारण स्थानीय प्रशासन ने पीड़ितों के स्टेटस के बारे एतराज उठाते हुए उनसे चैक वापिस ले लिए थे। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार को मुआवजे की राशि छीनकर 1984 पीड़ितों के घावों पर नमक नही लगाना चाहिए।

Written By
The Punjab Wire