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आतिशबाजी के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए जरुरी कदम उठाए सरकार- जमहूरी अधिकार सभा

आतिशबाजी के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए जरुरी कदम उठाए सरकार- जमहूरी अधिकार सभा
  • PublishedFebruary 14, 2020

विभिन्न समुदाय के धार्मिक संस्थान समारोह के दौरान आतिशबाजी की सख्ती से मनाही करवाएं 

गुरदासपुर। आतिशबाजी के उपयोग को नियंत्रित करने के लिए पंजाब सरकार को जरुरी कदम उठाने चाहिए। इसी के साथ साथ विभिन्न समुदाय के धार्मिक संस्थानों को चाहिए कि वह समारोह के दौरान आतिशबाजी की सख्ती से मनाही करनी चाहिए। उक्त विचार एक प्रैस ब्यान के जरिए   जमहूरी ​अधिकार सभा पंजाब के राज्य प्रधान प्रोफेसर ए.के. मलेरी, जनरल सचिव प्रोफेसर जगमोहन सिंह और प्रैस सचिव बूटा सिंह ने दिए। 

तरनतारन के नजदीक नगर कीर्तन के दौरान पटाखों से भरी ट्राली में धमाका होने से तीन बच्चों की मौत होने और बहुत सारे लोगो के जख्मी लोगो के गंभीर जख्मी होने पर संबंधित परिवारों के साथ हमदर्दी प्रगट करते हुए उन्होने कहा कि इस दर्दनाक हादसे, जिसके लिए प्रशासन और समागम के प्रंबंधक दोनो जिम्मेदार है । जिसे हमारे समाज को गंभीरता से सबक लेने की जरुरत है।

उन्होने बताया कि सभा ने पिछले लंबे समय दौरान बटाला पटाखा फैक्ट्ररी के तथ्यों की जांच कर अपनी रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें जिला प्रशासन की नालायकी और लापरवाही कारोबार के उपर गंभीर सवाल उठाए गए थे। एक तरफ प्रशासनिक बेपरवाही के कारण सुरक्षा उपायों और कायदे कानून की धज्जियां उडा कर ऐसे हादसे जान ले रहे है । वहीं दूसरी तरफ धार्मिक और समाजिक समागमों के प्रंबंधकों की ओर से अपने समागमों में पटाखों और बारुदी हथियारों की लापरवाही के साथ मानव जीवन की बली ले रहे है। उन्होने पंजाब सरकार से मांग की है कि लोगो को आतिशबाजी के उपयोग से गुरेज करने संबंधी जागरुक करने के लिए शिक्षित मु​हिंम चलाई जाए।

पंजाब सरकार और विशेश करके अलग अलग समुदाय की धार्मिक संस्थाए अपने समागमों के दौरान आतिशबाजी के उपयोग की सख्ती से मनाही करें। एसजीपीसी सिख श्रदालुओं के लिए ​आतिशबाजी संबंधी निर्देश जारी करे  क्योंकि आतिशबाजी आदि गलत है और गुरबानी के असूलो शिक्षाओं और उपदेशों के साथ बेमेल है। गुरुबाणी पवन, पानी और मानव स्वस्थ्य सेहत की संभाल के लिए कुदरतमुखी जीवन जांच का संदेश देती है। जबाकि ​आतिशबाजी का आंडबर कुदरती वातावर्ण तथा स्वस्थ्य को गंभीर नुक्सान पहुंचाता है। 

मांग करते हुए उन्होने कहा ​की लोगों के स्वस्थ्य तथा अन्य समाजिक हितों को देखते हुए घरेलू तथा अन्य समय में प्रयोग की जाती ​आतिशबाजी का एक निर्धारित माडल तय किया जाए। पंजाब सरकार एक विशेश कमेटी का गठन करें,  जो आतिशबाजी के उपयोग संबंधी दिशा निर्देश तय करें। सिर्फ ऐसी आतिशबाजी और पटाखे बनाने और बेचने पर केवल उपयोग करने की ही इजाजत दी जाए जो बच्चों के स्वस्थ्य के लिए कम से कम खतरनाक है। कमेटी उन सभी मापदंडो को जो आवाज, धुंआ तथा अन्य रसायनिकों के नुक्सान आदि को ध्यान में रख कर ही आतिशबाजी बनाने के ​लिए लाईसैंस दे। इसके लिए सरकारी विभाग इसकी सख्ती से पालना करवाएं। 

इसी के साथ साथ आतिशबाजी, जवलनशील तथा धमाकेधार सामान बनाने वाले क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ​सिखलाई शिक्षा, वर्दी या उपकरणों के साथ साथ उनके लगातार स्वस्थ्य जांच, मजदूरों को मिलने वाली सुविधाएं दी जाए और रिकार्ड़ रखना जरुरी बनाया जाए। सुरक्षा उपायों और कानून की उलंघना करने वाली फैक्ट्रीयों और इन्हे ढील देने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कारवाई की जाए। 

Written By
The Punjab Wire