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पुलवामा हमले के शहीदों के सम्मान में बलिया से निकली शौर्याजंलि यात्रा पहुंची शहीद मनिन्दर के घर

पुलवामा हमले के शहीदों के सम्मान में बलिया से निकली शौर्याजंलि यात्रा पहुंची शहीद मनिन्दर के घर
  • PublishedFebruary 8, 2020

संग्राम सिंह तोमर ने शहीद परिवार के चरणों की धूली से तिलक कर भेंट की 11 हजार रूपये की आर्थिक सहायता

मनन सैनी

गुरदासपुर, 8 फरवरी । राष्ट्र की बलिवेदी पर प्राणों की आहुति देने वाले देश के वीर सैनिकों के परिजनों के बनते मान सम्मान को बेशक सरकारें व प्रशासन भुला दें, मगर देशभक्ति के जज्बे से भरपूर कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो शहीदों के बलिदानों की गरिमा को बहाल रखने व देश की युवा पीढ़ी में देश भक्ति की अलख जगाने के लिए देश भर में शहीदों के घर पहुंच कर उनके परिजनों को आर्थिक सहायता भेंट कर उनका मनोबल बढ़ा रहे हैं।

ऐसा ही एक 48 वर्षीय अविवाहित नौजवान संग्राम सिंह तोमर जोकि यू.पी के बलिया जिले के करम्मर गांव का रहने वाला है, जिन्होंने शहीदों के सम्मान में समीर सेवा संस्थान संगठन बनाया तथा पिछले तीन वर्षों से वह देश भर में एक जीप जिस पर शहीदों व विंग कमांडर अभिनंदन के चित्र लगे हैं, पर भ्रमण करते हुए शौर्याजंलि यात्रा निकाल शहीद परिवारों से भेंट कर उन्हें आर्थिक सहायता भेंट कर रहे हैं।

 पिछले वर्ष 14 फरवरी को पुलवामा में सी.आर.पी.एफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में देश ने अपने 40 सैनिक कुर्बान कर दिए थे तथा पूरा राष्ट्र इस दुखदायी हमले से दहल उठा था, अपने जवानों की शहादत से संग्राम सिंह तोमर भी अंदर तक हिल गए तथा  उन्होंने संकल्प लिया कि इस हमले में शहीद हुए जवानों के परिवारों से मिल कर उन्हें आर्थिक सहायता भेंट कर उनके चरणों की धूली से तिलक करेंगे। इसी कड़ी में आज संग्राम सिंह तोमर ने 23 जनवरी को पुलवामा हमले के शहीदों के सम्मान में शौर्यांजलि यात्रा की शुरूआत की तथा आज वह उस हमले में शहीद हुए स्थानीय आर्यनगर निवासी कांस्टेबल मनिन्दर सिंह के घर पहुंचे तथा उनके पिता सतपाल अत्री, भाई लखवीश सिंह व बहन लवली के चरणों की धूली से तिलक करते हुए उन्हें 11 हजार रूपये की राशि का चैक भेंट किया। 

बलिया के शहीद विजेन्द्र की शहादत से मिली प्रेरणा

संग्राम सिंह तोमर ने बताया कि 2017 में बलिया के सैनिक विजेन्द्र सिंह जोकि बी.एस.एफ में तैनात थे तथा कश्मीर में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उन्होंने बताया कि शहादत के 13 दिनों तक तो राजनेता, प्रशासनिक अधिकारी व स्थानीय लोग परिवार से संवेदना व्यक्त करते आते रहे मगर 14वें दिन वह परिवार अकेला रह गया तथा उस दिन उन्होंने विजेन्द्र के परिवार से भेंट कर यह संकल्प लिया कि अब बाकी की जिन्दगी वह इन परिवारों का दुख बांटने में  लगा देंगे। तब से लेकर वह शहीदों की स्मृति में देश भर में शौर्यांजलि यात्रा निकालते हैं तथा अब तक वह 40 शहीद परिवारों को 11-11 हजार रूपये की राशि भेंट कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनकी नोएडा में प्लास्टिक इंजेक्शन मॉडलिंग की फैक्टरी है तथा उस कमाई का 25 प्रतिशत हिस्सा वह शहीद परिवारों के लिए निकालते हैं। 

उन्होंने बताया कि उनकी यह शौर्याजंलि यात्रा 23 जनवरी को बलिया से शुरू हुई  थी, जिनमें 5 लोग टीना सिंह, प्रिंस ठाकुर, राघवेन्द्र सिंह व राजा प्रसाद शामिल थे। इनमें तीन लोग दिल्ली से ही वापिस चले गए तथा वह व टीना सिंह देवरिया, गोरखपुर, लखनऊ, शाहजहांपुर, बरेली, गाजियाबाद, दिल्ली, सोनीपत, कैथल, पटियाला, जालन्धर, तरनतारण, अमृतसर से होते हुए आज यहां पहुंचे हैं तथा इसके बाद वह हिमाचल से होते हुए जम्मू जाएंगे ओर 14 फरवरी को वह पुलवामा हमले की प्रथम बरसी पर पुलवामा में पहुंचेंगे तथा जिस जगह हमला हुआ  था, उसी जगह की मिट्टी को नमन करते हुए इक्कठ्ठी कर अपने साथ लाएंगे। उन्होंने बताया कि इस यात्रा में वह मन्दिर, गुरूद्वारों व धर्मशाला में ठहरते हैं। 

यू.पी रत्न से हो चुके हैं सम्मानित

संग्राम सिंह तोमर ने बताया कि शहीद परिवारों की सहायता के अलावा वह गरीब बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी व कैंसर रोगियों की भी आर्थिक सहायता करते हैं। उनकी सेवाओं को देखते हुए वहां के राज्यपाल ने उन्हें यू.पी रत्न से सम्मानित करके उनका हौंसला बढ़ाया है। 

संग्राम सिंह तोमर की देशभक्ति के जज्बे को देश का सलाम : कुंवर विक्की

इस अवसर पर शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की ने कहा कि संग्राम सिंह तोमर अपना घर परिवार त्याग कर अपने कारोबार की परवाह न करते हुए शहीदों के सम्मान में देश भ्भर में शौर्याजंलि यात्रा निकाल शहीद परिवारों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। उनके देशभक्ति के जज्बे को देश का सलाम है। उन्होंने कहा कि आज के इस बदलते परिवेश में जहां किसी के पास समय तक नहीं हैं, वहीं संग्राम सिंह जैसे लोग शहीदों के सम्मान की बहाली हेतु जिस मिशन पर काम कर रहे हैं, उससे शहीद परिवार यह महसूस कर रहे हैं, कि उनके जिगर के टुकड़ों की शहादत जाया नहीं गई तथा आज भी  ऐसे लोग हैं, जो इस दुख की घड़ी में उनके साथ हैं। 

Written By
The Punjab Wire