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अकाली विधायक दल के नेता शरनजीत ढ़िल्लों ने स्पीकर से कहा कि उनके कार्यालय को राजनीति से उपर रहना चाहिए

अकाली विधायक दल के नेता शरनजीत ढ़िल्लों ने स्पीकर से कहा कि उनके कार्यालय को राजनीति से उपर रहना चाहिए
  • PublishedFebruary 7, 2020

अकाली दल ने स्पीकर को याद दिलाया कि चार विधायकों के आप से इस्तीफा देने के बाद पार्टी ने उन्हे अयोग्य ठहराए जाने की मांग करते हुए शिकायत दी थी

कहा कि स्पीकर के कार्यालय पर लग रहे दोषों से पीछा छुड़ाने के लिए विधायकों को अयोग्य करार दे देना चाहिए

चंडीगढ़/07फरवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज विधानसभा स्पीकर को याद दिलाया कि एक पार्टी प्रतिनिधिमंडल उन्हे व्यक्तिगत तौर पर मिला था तथा नाजर सिंह मानशाहिया समेत उन चार विधायकों को अयोग्य ठहराएं जाने की मांग करने वाली शिकायत दी थी, जिन्होने आप की प्राथमिक मैंबरशीप से इस्तीफे दे दिए थे तथा वह कांग्रेस पार्टी यां दूसरी राजनीतिक संगठनों में शामिल हो गए थे।

यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली विधायक दल के नेता शरनजीत सिंह ढ़िल्लों ने कहा कि कितने अफसोस की बात है कि विधानसभा स्पीकर राणा केपी सोढ़ी यह कहते हुए कि पूर्व आप विधायक नाजर सिंह मानशाहिया के खिलाफ अयोग्य ठहाराने की कार्रवाई पर रोक लगा दी है क्योंकि उसने अपना इस्तीफा सही ढ़ंग से नही लिखा तथा उसके खिलाफ कोई भी शिकायत नही आई है। उन्होने कहा कि इसी तरह बलदेव सिंह तथा अमरजीत संदोआ के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नही की गई है। जबकि सुखपाल सिंह खैहरा के खिलाफ दल-बदल रोकू कानून के तहत् कार्रवाई बहुत ही धीमी गति से चल रही है।

रिकॉर्ड को दुरूसत करते हुए अकाली विधायक दल के नेता ने कहा कि अकाली विधायक 11 सितंबर 2019 को स्पीकर से मिले थे तथा उन्होने चार विधायकों के खिलाफ एक लिखित शिकायत दी थी तथा जन प्रतिनिधित्व एक्ट का उल्लंघन करने के लिए सिर्फ उन्हे अयोग्य ठहराने की ही मांग नही की थी, बल्कि 15वीं विधानसभा के शेष कार्यकाल तक उनके किसी भी चुनाव में लड़ने पर पाबंदी लगाने की मांग की थी।

यह टिप्पणी करते हुए कहा कि यह मामला बिल्कूल सीधा तथा स्पष्ट है, सरदार ढ़िल्लों ने कहा कि संविधान की 10वीं अनुसूची कहती है कि ‘किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबधित सदन का कोई भी सदस्य यदि अपनी मर्जी से उस राजनीतिक पार्टी की सदस्यता को छोड़ देता है तो वह सदन के मैंबर के तौर पर अयोग्य हो जाएगा। उन्होने कहा कि क्योंकि चार विधायक आप की प्राथमिक मैंबरशीप से इस्तीफा दे चुके हैं, इसीलिए वर्तमान केस में संवैधानिक नियमों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

सरदार ढ़िल्लों ने कहा कि स्पीकर के उच्च कार्यालय को राजनीति से उपर रहना चाहिए। उन्होने कहा कि सवैंधानिक नियमों के अनुसार चारो विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने में की जा रही देरी के कारण स्पीकर के कार्यालय पर कई तरह के दोष लग रहे हैं। उन्होने कहा कि मैं तुम्हे तत्काल ठोस कदम उठाने का आग्रह करता हूं ताकि सदन की प्रतिष्ठा पर कोई दाग न लगे।

अन्य जानकारी देते हुए अकाली नेता ने कहा कि नाजर सिंह मानशाहिया 25 अप्रैल 2019 को कांग्रेस पार्टी में शामिल हुआ था तथा उसने घोषणा की थी कि उसने सही ढ़ंग से लिखा इस्तीफा सौंप दिया है तथा इसकी एक कापी मीडिया को भी जारी की थी। उन्होने कहा कि अमरजीत सिंह संदोआ के मामले में यही हुआ था कि उसकी स्पीकर तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ खड़े होकर यह घोषणा करते हुए की तस्वीरें सामने आई थी कि वह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गया है। उन्होने बताया कि सुखपाल खैहरा तथा बलदेव सिंह ने अपनी मां-पार्टी छोड़कर पंजाब एकता पार्टी नाम की नई जत्थेबंदी बना ली थी तथा इस नई पार्टी के चुनाव निशान पर लोकसभा के चुनाव लड़े थे। यह सब सार्वजनिक रिकॉर्ड में पड़ा है।

विधायक दल के नेता ने यह भी बताया कि इन विधायकों द्वारा वेतन तथा अन्य सुविधाओं के रूप में, जो सिर्फ योग्य विधायकों के लिए होती हैं, सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। यह सब लोकतांत्रिक नियमों के खिलाफ है तथा उन वोटरों के साथ भद्दा मजाक है, जो चाहते हैं कि इन चारों सीटों को रिक्त घोषित किया जाए तथा ताजा चुनाव करवाएं जाएं। उन्होने कहा कि इन सभी तथ्यों की मद्देनजर स्पीकर को चारों विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोगों का लोकतांत्रिक ढ़ांचे तथा सवैंधानिक संस्थानों में विश्वास बहाल हो सके।

Written By
The Punjab Wire