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अकाली दल द्वारा बिजली घोटाले के पीछे मंत्रियों का हाथ स्वीकार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का धन्यवाद

अकाली दल द्वारा बिजली घोटाले के पीछे मंत्रियों का हाथ स्वीकार करने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का धन्यवाद
  • PublishedJanuary 16, 2020

बिक्रम मजीठिया ने जाखड़ को बड़ी मछलियों का पर्दाफाश करने के लिए स्वतंत्र जांच की मांग करने के लिए कहा

चंडीगढ़ 16 जनवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज यह स्वीकार करने के लिए पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ का धन्यवाद किया है कि कांग्रेसी मंत्रियों तथा नेताओं ने 4300 करोड़ रूपए का घोटाला करने के लिए प्राईवेट थर्मल प्लांटों तथा कोयला खानों के प्रबंधकों के साथ मिलकर दोस्ताना मैच खेला है तथा इस घोटाले ने पंजाब तथा यहां की इंडस्ट्री का भारी नुकसान किया है।

आज विधानसभा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि चाहे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने इन सभी बड़े बिजली घोटालों का दोष राज्य एडवोकेट जनरल पर थोपने का प्रयास किया है, पर वह इस तथ्य से बच नही सकेगा कि एजी कार्यालय राज्य सरकार के इशारे पर ही काम करता है। उन्होने कहा कि इसका मतलब यही निकलता है कि एजी कार्यालय को सुप्रीम कोर्ट में जानबूझ कर सरकारी पक्ष कमजोर रखने का निर्देश देने के लिए उच्च अधिकारी तथा मंत्री जिम्मेदार हैं। इतना ही नही उन्होने इकलौते कोयले की धुलाई वाले केस में 2700 करोड़ रूपए का फायदा करने के लिए तथ्यों को भी छुपाया था।

उन्होने कहा कि इसी तरह कांग्रेस सरकार को हाईकोट द्वारा फटकार भी डाली जा चुकी है, जिसने इससे पूछा था कि पंचायती ट्रिब्यूनल द्वारा सुनाए 1602 करोड़ रूपए के जुर्माने वाले केस में इसने ढ़ाई साल तक चुप्पी क्यों साधे रखी तथा अपने खिलाफ गए इस फैसले को चुनौती क्यों नही दी?

यह टिप्पणी करते हुए कि यह सभी बातें मिलीभगत से किए बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती हैं, सरदार मजीठिया ने कहा कि कितने दुख की बात है कि सरदार जाखड़ इस समुचे घोटाले की साजिश करने वाली बड़ी मछलियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग करने की बजाय एजी कार्यालय के कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना चाहते हैं। उन्होने कहा कि अकाली दल द्वारा पहले ही इस समुचे घोटाले की स्वतंत्र जांच की मांग की जा चुकी है तथा यदि जाखड़ इस घोटाले के दोषियों का पर्दाफाश करने के बारे सचमुच संजीदा है तो उसे इस जांच के लिए सहमत होना चाहिए न कि मामले को रफा दफा करने की कोशिश करनी चाहिए।

उन्होने कहा कि ऐसा न करना आम आदमी के साथ भारी अन्याय होगा, जिसपर कांग्रेसी हुकूमत ने पिछले तीन सालों के दौरान 22 हजार करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ डाला जा चुका है तथा राज्य के उद्योगों के साथ भी बड़ा धक्का होगा, जिन्होने 5 रूपए प्रति यूनिट बिजली देने का वादा किया गया था, परंतु उन्हे यह बिजली 9 रूपए प्रति यूनिट मिल रही है।

Written By
The Punjab Wire