जम्मू-कश्मीर के पुंछ सैक्टर में 10 दिन पहले आतंकियों से लड़ते गए मनदीप ने पिया था शहादत का जाम
गुरदासपुर 20 अक्टूबर। जब भी किसी दुश्मन की नापाक दृष्टि भारत मां के पाक दामन पर पड़ी तो देश के रणबांकुरों ने दुश्मन को धूल चटाते हुए उनके कुत्सित इरादों को नेस्तोनाबूद कर राष्ट्र की एकता व अखंडता को बरकरार रखा है तथा खुद शहादतों का जाम पीकर अपना नाम शहीदों की श्रेणी में अंकित करवाया है। ऐसा ही एक जांबाज सैनिक सेना की 16 राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट का 30 बर्षीय नायक मनदीप सिंह था जिसने आज से 10 दिन पहले जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर के सुरनकोट क्षेत्र में आतंकियों से लड़ते हुए अपनी डयूटी को कर्तव्यप्रायणता से निभाते हुए कश्मीर की वादियों से देशवासियों को अन्तिम सैल्यूट कर शहादत का जाम पीते हुए अपना नाम शहीदों के श्रेणी में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा लिया।
इस वीर योद्धा के जीवन संबंधी जानकारी देते हुए शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया नायक मनदीप सिंह का जन्म 16 अक्टूबर 1991 को माता मनजीत कौर व पिता इन्द्र सिंह के घर गांव चट्ठा में हुआ। गुरु नानक पब्लिक स्कूल डाला चक्क से दसवीं व श्री बाबा लाल दयाल सरकारी सीनियर सैकेण्डरी स्कूल ध्यानपुर
से 12वीं कक्षा पास करने के बाद सितम्बर 2011 को यह सेना की 11 सिख रेजिमेंट में भर्ती होकर देश सेवा में जुट गये। अप्रैल 2021 को इन्हें 16 राष्ट्रीय राइफल्स में शामिल कर आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्र पुंछ सैक्टर भेज दिया गया। खतरों से खेलने के शौंकीन मनदीप वालंटियर होकर 16 राष्ट्रीय राइफल्स में शामिल हुए थे। 11 अक्टूबर मनदीप अपनी सैन्य टुकड़ी के साथ आतंकियों के सर्च अभियान पर थे कि इनकी मुठभेढ़ पाक प्रशिक्षित आतंकियों से हो गई, मनदीप ने वीरता के साथ उनका मुकाबला किया मगर आतंकी द्वारा दागी एक गोली इनके सीने को भेदते हुए निकल गई जिस से इस रणबांकुरे ने शाहदत का जाम पी लिया। नायक मनदीप सिंह एक बहादुर सैनिक के साथ-साथ फुटबाल के उच्चकोटी के खिलाड़ी भी थे।
कुंवर विक्की ने बताया कि इस शूरवीर की शहादत को नमन करने के लिए 20 अक्टूबर को इनके गांव चट्ठा में इनकी अंतिम अरदास व श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कई राजनीतिक, प्रशासनिक व सैन्याधिकारी शामिल होकर शहीद नायक मनदीप सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।