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मां के कंधे पर विदा हुए मनदीप…. सैन्य सम्मान से नायक मनदीप का हुआ अंतिम संस्कार

मां के कंधे पर विदा हुए मनदीप…. सैन्य सम्मान से नायक मनदीप का हुआ अंतिम संस्कार
  • PublishedOctober 13, 2021

शमशानघाट में लगे शहीद मनदीप अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद, भारतीय सेना जिंदाबाद व भारत माता की जय के नारे

गुरदासपुर, 13 अक्तूबर (मनन सैनी)। जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर के क्षेत्र सुरनकोट में आतंकियों से लड़ते हुए शहादत का जाम पीने वाले सेना की 16 राष्ट्रीय राइफल्स (11 सिख) के नायक मनदीप सिंह का उनके पैतृक गांव चट्ठा में सैन्य सम्मान से अंतिम संस्कार किया गया। तिब्बड़ी कैंट से आई 19 सिख रेजीमेंट के जवानों द्वारा शस्त्र उल्टे कर, बिगुल की मातमी धुन व हवा में गोलिया दागते हुए शहीद को सलामी दी। इससे पहले पुंछ से तिरंगे में लिपटी हुई शहीद मनदीप की पार्थिव देह जब बटाला पहुंची तो गांव च_ा के युवा हाथ में तिरंगे लेकर मोटरसाइकिल काफिले के साथ शहीद मनदीप को जब अपने गांव लेकर पहुंचे तो माहौल अत्यंत गमगीन हो उठा। मां मनजीत कौर व पत्नी मनदीप कौर की करुणामयी चीखें पत्थरों का कलेजा छलनी कर रही थी।

मां व फौजी भाई ने दिया मनदीप की अर्थी को कंधा
शहीद नायक मनदीप सिंह की मां मनजीत कौर व भाई हवलदार जगरुप सिंह ने जब वर्दी में उसकी अर्थी को कंधा दिया तो शव यात्रा में मौजूद हजारों आंखें नम हो उठी। सेना के जवान पाइप बैंड की मातमी धुन के साथ मनदीप के शव को शमशानघाट लेकर पहुंचे। शहीद की चिता को जब उसके चार वर्षीय बेटे मनताज व बड़े भाई जगरुप ने अगिन दिखाई तो सारा श्मशानघाट शहीद मनदीप अमर रहे, पाकिस्तान मुर्दाबाद, भारतीय सेना जिंदाबाद व भारत माता की जयघोष के साथ गूंज उठा।

इन लोगों ने दी श्रद्धांजलि
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, स्टेशन कमांडर तिब्बड़ी कैंट ब्रिगेडियर नरिंदर सिंह, कर्नल डीके तिवारी, डीसी मोहम्मद इशफाक, एसएसपी डा. नानक सिंह आईपीएस, एसडीएम डेरा बाबा नानक हरप्रीत सिंह, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की, विधायक बटाला लखबीर सिंह लोधीनंगल, पूर्व मंत्री सुच्चा सिंह छोटेपुर, शहीद के बड़े भाई हवलदार जगरुप सिंह, छोटे भाई गुरपिंदर सिंह, पत्नी मनदीप कौर, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग पंजाब के डिप्टी डायरेक्टर कर्नल जसबीर सिंह, लेफ्टिनेंट वरुण चड्डा, शहीद की युनिट के नायब सूबेदार अमनदीप सिंह, हवलदार कुलविंदर सिंह, हवलदार सुखवंत सिंह, हवलदार कमलजीत, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह आदि ने रीथ चढ़ाकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। डीसी मोहम्मद इशफाक की ओर से लोकसभा स्पीकर व राज्यपाल की ओर से शहीद को रीथ चढ़ाकर नमन किया।

शहीद परिवार को मिलेंगे 50 लाख व नौकरी-बाजवा
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि नायक मनदीप सिंह की अमूल्य शहादत की कमी को पूरा तो नहीं किया जा सकता। मगर फिर भी इस परिवार का मनोबल बढ़ाने के लिए पंजाब सरकार की तरफ से 50 लाख रुपए की एक्सग्रेशिया ग्रांट व परिवार के एक सदस्य को योगयता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाएगी तथा शहीद की याद में गांव के बाहर एक यादगिरी गेट व उनके नाम पर स्टेडियम बनाया जाएगा ताकि गांव के युवा इनकी शहादत से प्रेरणा ले सकें।

पत्नी बोली-दोनों बेटों को भी भेजूंगी फौज में-
शहीद नायक मनदीप सिंह की पत्नी मनदीप कौर ने कहा कि मेरे पति आज भी मेरे लिए जिंदा है। मेरे दोनों बेटे मेरी ताकत बनेंगे तथा उन्हें भी मैं फौज में भेजकर अपने शहीद की पति के सपनों को साकार करूंगी। उन्होंने कहा कि मुझे अपने पति की शहादत पर मान है, जिसने देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर अपना सैन्य धर्म निभाया।

मां बोली-पहले सिर का साईं गया, अब जिगर का टुकड़ा हुआ वतन पर कुर्बान-
शहीद नायक मनदीप सिंह की मां मनजीत कौर ने नम आंखों से कहा कि तीन साल पहले उनके पति का देहांत हो गया था। उस सदमे से वह अभी उभर भी नहीं पाई थी कि उसके जिगर का टुकड़ा वतन पर कुर्बान हो गया। उसने कहा कि बेटे के जाने का दुख तो बहुत है, लेकिन इस बात का गर्व भी है कि वो देश की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति देकर मुझे एक शहीद की मां का दर्जा दे गया।

मनदीप कहता था-फौजियों का गांव है, नहीं बना अभी तक कोई शहीदी गेट, लगता मेरा ही बनेगा-
शहीद नायक मनदीप सिंह जब भी गांव छुट्टी आता तो अकसर अपने दोस्तों से कहता कि इस गांव के 30 सैनिक है, जिनमें से 18 युवा अभी भी भारतीय सेना में नौकरी कर रहे हैं। मगर अभी तक गांव में कोई शहीदी गेट नहीं बना, लगता है कि मेरा ही बनेगा। अपनी कही हुई बातों को मनदीप ने अपनी शहादत देकर सच्च कर दिखाया। वह सारे गांव का चहेता था तथा फुटबाल का आला दर्जे का खिलाड़ी था।

आतंक के पौषक पाक को एक और सर्जिकल स्ट्राइक की जरुरत-कुंवर विक्की
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि आतंक के पौषक पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद से आए दिन हमारे जवान शहीद हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितने सैनिक कश्मीर में अब तक शहीद हो चुके हैं, उतने तो 1965 व 1971 की जंग में भी नहीं हुए थे। इस लिए सरकार को चाहिए कि आतंकवाद का फन कूचलने के लिए कोई ठोस नीति बनाएं। उन्होंने कहा कि आतंक के पौषक पाकिस्तान पर जब तक एक सर्जिकल स्ट्राइक नहीं की जाती, तब तक इन शहीदों की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। इस मौके पर शहीद के चचेरे भाई गुरविंदर सिंह, शहीद लांसनायक संदीप सिंह शौर्य चक्र के पिता जगदेव सिंह, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही प्रगट सिंह के पिता प्रीतम सिंह, शहीद की युनिट के नायक गगनदीप सिंह, हवलदार कमलजीत सिंह, नायब गुरविंदर सिंह, जिला रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के सुपरिटेंडेंट सुदेश कुमार, फील्ड अफसर मेजर सिंह, सुरिंदर सिंह, दलबीर सिंह व रुपिंदर सिंह आदि उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire