गुरदासपुर। सेवा केंद्रों का समय बढ़ाने के रोष स्वरुप कर्मचारियों ने वीरवार को पूरा दिन कामकाज ठप रखकर हड़ताल की। वहीं गुरदासपुर के डीसी मोहम्मद इशफाक को समय चेंज करने की मांग को लेकर ज्ञापन भी सौंपा गया।गौर रहे कि जिले के सभी 40 सेवा केंद्रों में कामकाज ठप रहने के चलते लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं सरकार को भी काफी नुकसान हुआ। दूर दराज गांवों से सेवा केंद्रों में काम करवाने आए लोग बिना काम करवाए बैरंग ही लौट गए।
सेवा केंद्रों के कर्मचारियों ने बताया कि डीसी गुरदासपुर की ओर से सेवा केंद्रों का समय सुबह आठ से लेकर शाम छह बजे तक कर दिया गया है। वहीं यह भी आदेश है कि हर प्रार्थी का काम मुकम्मल करने के बाद ही सेवा केंद्र के मुलाजिम अपने घर जा पाएंगे,चाहे रात के नौ ही क्यों न बज जाएं। उन्होंने बताया कि पिछले पांच साल से बहुत ही इमानदारी व मेहनत से काम कर रहे हैं। लेकिन आज तक इन सेवा केंद्रों के मुलाजिमों बारे सरकार व कंपनी ने कुछ नहीं सोचा। रात के नौ बजे घर पहुंचना पूरे स्टाफ व महिला स्टाफ के साथ मुश्किल है,क्योंकि बहुत से मुलाजिम ग्रामीण क्षेत्रों से भी आते हैं। वहीं अगर रात के अंधेरे में किसी के साथ कोई अप्रिय घटना हो जाए, उसका जिम्मेदार कौन है। उन्होंने बताया कि मुलाजिमों को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सेवा केंद्र के आपरेटरों को आठ हजार रुपये वेतन दिया जा रहा है। जबकि काम 12 घंटे लिया जा रहा है। वहीं मुलाजिमों की छुट्टियां भी रद्द की जा रही हैं। कोरोना महामारी के दौरान उनके वेतन भी काटे गए थे। उन्होंने कहा कि इतने कम वेतन पर लंबी ड्यूटी लेना सही नहीं है। उनका वेतन तो एक मजदूर की दिहाड़ी से भी कम है। यदि कोई सेवा केंद्र का मुलाजिम किसी घरेलू जरुरी काम के लिए छुट्टी करता है त उस दिन का वेतन काट लिया जाता है। पिछले पांच साल से उनके वेतन में किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई। इसलिए समूह सेवा केंद्रों के मुलाजिमों की मांग को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के वेतन बढ़ाए जाएं और साथ ही सरकारी छुट्टियां भी दी जाएं तथा कामकाज का समय सुबह नौ से शाम पांच बजे का पहले की तरह किया जाए। यदि उनकी अधिकारित मांगों को स्वीकार नहीं किया गया और किसी भी आपरेटर को चेतावनी पत्र देकर नौकरी से निकाला जाता है तो वह मजबूरन सेवा केंद्रों का काम पूरी तरह से बंद कर देंगे और सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।