छात्रा के साथ हुए व्यवहार के विरोध में शनिवार को स्कूल के नौंवी व दसवीं के विद्याथियों ने किया परिक्षा का बायकाट
स्कूल की चेयरपर्सन रेणू कौशल का कहना छात्रा को बुखार होने के चलते पेपर लेने से किया मना
गुरदासपुर, 4 सितंबर (मनन सैनी)। बेशक सरकारों की ओर से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्लोगन पर काफी जोर दिया जाता हो। परन्तु कुछ निजी स्कूलों की ओर से होनहार बेटियों के साथ भी धक्केशाही करने से कोई गुरेज नहीं किया जाता। ऐसा ही कुछ मामला गुरदासपुर के बहरामपुर रोड़ स्थित एक निजी स्कूल में सामने आया है। जहां छात्रा के पिता ने आरोप लगाया है कि सालाना चार्जेज न मिलने पर स्कूल की चेयरपर्सन की ओर से उनकी बेटी जोकि दसवीं की छात्रा है को परिक्षा के दौरान पेपर देने से रोक दिया गया तथा बेइज्जत कर कक्षा से बाहर निकाल दिया। इस संबंधी जब अभिभावक स्कूल में बात करने पहुंचे तो उनके साथ भी दुव्यवहार किया गया। जिसके चलते छात्रा के पिता की ओर से मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी, एसपी (डी) को की गई है तथा एक एक कापी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व पंजाब महिला कमिशन को भी भेजी गई है। हालाकि इस संबंधी स्कूल की चेयरपर्सन की ओर से बताया गया कि छात्रा को बुखार होने के चलते जिसके चलते उसकी परीक्षा नही ली गई।
गौर रहे कि वहीं छात्रा के साथ स्कूल प्रंबंधन की ओर से किए गए ऐसे व्यवहार के विरोध में शनिवार को स्कूल के नौवीं व दसवीं कक्षा के समूह विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा का बायकाट कर दिया गया।
आरोप लगाते हुए गुरदासपुर निवासी मोहित सरना ने कहा कि दिल्ली पब्लिक स्कूल के प्रबंधकों की ओर से पिछले लंबे समय से फीसों में बढ़ोतरी व कोविड के दौरान एनुअल चार्ज बढ़ाने को लेकर अभिभावकों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी उक्त स्कूल में दसवीं कक्षा की छात्रा है। शुक्रवार को स्कूल में अंग्रेजी विषय का पेपर चल रहा था। इसी दौरान स्कूल की चेयरपर्सन रेनू कौशल कक्षा में आई और उनकी बेटी का पेपर छीन लिया और उसके साथ अभद्र व्यवहार किया। जिसके चलते उनकी बेटी मानसिक परेशानी से गुजर रही है। उन्होंने बताया कि स्कूल मैनेजमेंट के बच्चे के साथ किए गए इस तरह के व्यवहार के कारण शनिवार को दसवीं व नौवीं कक्षा में पढ़ते समूह विद्यार्थियों द्वारा परीक्षा का बायकाट कर दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत डीईओ सेकेंडरी व पुलिस सहित विभिन्न उच्चाधिकारियों को कर दी है।
इस मामले संबंधी स्कूल की चेयरपर्सन रेणू कौशल से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि संबंधित लड़की को बुखार था। जब उन्हें इस संबंधी पता चला तो उन्होंने परीक्षा लेने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि उक्त लड़की के अलावा भी कई बच्चों द्वारा भी सालाना फीस नहीं दी गई है। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधकों द्वारा उनकी परीक्षा ली गई है। उन्होंने अभिभावकों द्वारा उन पर बच्ची व उनके साथ किए गए अभद्र व्यवहार,जबरी फीस वसूलने के आरोपों को पूरी तरह से बेबुनियाद बताया।
इस मामले संबंधी जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी हरपाल सिंह का कहना है कि उन्होंने उक्त मामले संबंधी शिकायत मिल चुकी है। वह मामले की गंभीरता से जांच करेंगे और उसके बाद जो भी दोषी पाया गया, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।