चंडीगढ़/.9जनवरीः शिरोमणी अकाली दल ने आज छठे पंजाब वेतन आयोग की रिपोर्ट को अगले छह महीने तक लटकाने के कांग्रेस सरकार के फैसले को राज्य के कर्मचारियों से किया सबसे बड़ा विश्वासघात करार दिया है। पार्टी ने वित्तमंत्री मनप्रीत बादल की कर्मचारियों का बकाया देने के लिए हमेशा खाली खजाने का बहाना बनाने परंतु नए नियुक्त किए सलाहकारो तथा चेयरमैनों पर करोड़ों रूपए बर्बाद करने के लिए सख्त निंदा की है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता जनमेजा सिंह सेखों ने कहा कि राज्य सरकार ने छठे पंजाब वेतन आयोग की अवधि में एक अन्य बढ़ोतरी की घोषणा करके राज्य के कर्मचारियों तथा पैंशनरों की पीठ में एक बार फिर छुरा घोप दिया है। उन्होने कहा कि वित्तमंत्री मनप्रीत बादल ने जनवरी 2020 से छठा वेतन आयोग लागू करने का वादा किया था। अब इसे लागू करने की तारीख 30 जून 2020 तक स्थगित कर दी गई है, जिसमें अन्य बढ़ोतरी किए जाने की संभावना है।
विधानसभा चुनावों के अवसर पर लोगों से किए सभी वादों से मुकरने के लिए कांग्रेस सरकार पर फटकार लगाते हुए अकाली नेता ने कहा कि सरकार की तरफ सरकारी कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते के 4 हजार करोड़ रूपए का बकाया खड़ा है। लगभग 27 हजार कर्मचारी नियमित किए जाने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होने कहा कि कुछ देने की बजाय यह सरकार कर्मचारियों को दी सुविधाएं भी छीन रही है। इस सरकार द्वारा पुलिस कर्मियों को मिलने वाला 13वां वेतन बंद करने की योजना बनाई जा रही है। इससे पहले यह अध्यापकों का वेतन 40,000 रूपए से घटाकर 15,000 रूपए कर चुकी है।
यह टिप्पणी करते हुए कि अकाली दल सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलकर छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट जारी करवाने के लिए सरकार को मजबूर करेगा, सरदार सेखों ने कहा कि हम लोगों से किए पर अधूरे पड़े सभी वादों के बारे चर्चा करने के लिए भी एक विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग करते हैं। जिस तरह सरकार ने छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट अतिशीघ्र लागू करने का वादा किया था। इसी तरह कांग्रेस ने मुकम्मल कर्जा माफी, नौजवानों को नौकरी तथा समाज कल्याण योजनाओं के लाभ बढ़ाने के वादे किए थे। इनमें से कोई भी वादा पूरा नही किया। हम चाहते हैं कि इन मुद्दों के बारे चर्चा करने के लिए विधानसभा के आगामी सत्र में बढ़ोतरी की जाए।