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गुमशुदा हुए सांसद देओल, नौजवानों ने लगाए पोस्टर, मांगा इस्तीफा कहा लोग सुधार सके अपनी गलती

गुमशुदा हुए सांसद देओल, नौजवानों ने लगाए पोस्टर, मांगा इस्तीफा कहा लोग सुधार सके अपनी गलती
  • PublishedJune 8, 2021

कहा न दिया किसान आंदोलन में साथ, न ​हलके में दर्ज करवाई हाजिरी,पूछा क्या सांसद का काम सिर्फ पार्टी की गतिविधयों शेयर करना और ट्वीट कर बधाई देना मात्र है ?

शहर में सनी देओल के पोस्टर लगा कर नौजवानों ने जताया रोष

गुरदासपुर, 8 जून (मनन सैनी)। लोकसभा हलका गुरदासपुर में नौजवानों के दिलों दिमाग से अब स्टारडम का जादू उतरता दिख रहा है और आए दिन कभी पठानकोट और आज गुरदासपुर के नौजवान उनके इस्तीफे की मांग करते हुए सांसद की गुमशुदगी के पोस्टर शहरों में लगा रहे है। नौजवानों का कहना है कि सांसद इस्तीफा दें ताकि लोकसभा हलका गुरदासपुर के लोग अपनी गलती सुधार सकें और यहां पर कोई ठोस काम करने वाला सांसद दोबारा बनाया जा सके। नौजवानों का कहना है कि वह समझे थे कि सांसद यहां स्टेडियम बनाएगें, रोजगार उपलब्ध करवाएगें, स्वस्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाएगें परन्तु सनी देओल ने ऐसा कुछ नही किया। इस लिए वह उनका इस्तीफा मांग रहे है क्योंकि लोगों के आखों पर पड़ी स्टाडम की पट्टी अब उतर चुकी है।

बताते चले कि ऐसा ही जादू पहली बार लोकसभा हलका गुरदासपुर की जनता पर तब चढ़ा था जब स्वर्गीय विनोद खन्ना पहली बार चुनाव लड़ने आए थे तब उन्होने सुखबंस कौर भिंडर को 1998 में 1 लाख 6 हजार 833 मतों से पराजित किया था। परन्तु फिर अचानक खन्ना की हाजरी हलके से नदारद रही और अगले ही साल सरकार गिर जाने के कारण 1999 में दोबारा चुनाव होने पर एक लाख से अधीक लीड़ से जीतने वाले खन्ना का अंतर 1399 रह गया। जिसके बाद उन्होने हलके की सुध ली।

मंगवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े नौजवानों ने मिल कर मंगलवार को शहर भर में सांसद के गुमशुदगी के पोस्टर लगाते हुए रोष मार्च भी किया। विभिन्न संगठनों से जुड़े नौजवान नेताओं द्वारा शहर में सांसद सन्नी देओल की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए गए व हाथों में पोस्टर लेकर शहर में रोष मार्च भी निकाला गया।

रोष मार्च को संबोधन करते हुए नौजवान नेता इंद्रपाल सिंह व अमरजोत सिंह ने कहा कि सांसद सन्नी देओल हलके से नादारद रहने के चलते अकसर विवादों में रहते है। जिसके चलते उन्होंने शहर में सन्नी देओल की गुमशुदगी के पोस्टर लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सांसद द्वारा कोरोना महामारी के दौरान हलके में कोई बैठक नहीं की गई। लोगों के असली मुद्दे, उनका दर्द जानने की कोई कौशिश नही की गई। जिसके चलते उन्हें नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफा देना चाहिए ताकि हलके के काम में रुचि रखने वाले किसी अन्य नेता को उक्त पद मिल सकें।

वक्ताओं ने कहा कि चुनाव में नौजवानों व हलके के लोगों ने सन्नी देओल को बड़े स्तर पर वोट डालकर जीत दिलाई थी, लेकिन सनी देयोल ने जीतने के बाद हलके के लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। सनी देयोल ने न तो किसानों के संघर्ष में उनका कोई साथ दिया और न ही कोरोना जैसी बड़ी महामारी के दौरान हलके के लोगों के साथ खड़े हुए। जिसके चलते समूह नौजवान वर्ग सनी देओल से काफी निराज है। नौजवानों का कहना था कि क्या सांसद का काम मात्र भाजपा की गतिविधियों संबंधी ट्ववीट करना तथा बधाई देना होता है।

Written By
The Punjab Wire