गुरदासपुर, 13 मई (मनन सैनी)। कोविड़ वायरस का प्रकोप पंजाब में अपनी रफ्तार पकड़ता जा रहा है। वहीं गुरदासपुर जिले में संक्रमित आने वालों की दर गुरुवार को भी दो आंकड़े से कम ही रह कर 8.90 प्रतिशत पर रही। वहीं जिले में कुल 297 संक्रमित एवं आठ संक्रमितों की मौत दर्ज की गई। जबकि ठीक होने वालों का आंकड़ा की काफी अच्छा रहा तथा 318 लोग ठीक हुए । कुल संख्या की अगर बात करें तो जिले में अब तक कुल 590 संक्रमितों की मौत हो चुकी है।
जिले के विभिन्न अस्पतालों में 250 बैड़ों के करीब क्षमता है। जिसमें कोरोना एवं संदिग्ध मिला कर 140 के करीब मरीज दाखिल है। संदिग्धों में ज्यादातर वह मरीज है जिनके आरटी-पीसीआर या एंटीजन टैस्ट नैगेटिव आए है परन्तु सीटी स्कैन में उनका स्कोर ज्यादा पाया गया है। वहीं कुछ ऐसे मरीज है जिनमें कोविड़ के पूरे लक्ष्ण है परन्तु उनका टैस्ट नैगेटिव आया। हालाकि ठीक होने, डिस्चार्ज होने या मरीज शिफ्ट होने का सिलसिला निरंतर जारी है। गौर रहे कि संक्रमित मरीजों में कई सिप्टोमेटिक और कई ए-सिप्टोमेटिक शामिल है। जिनमें कईयों को होम आईसोलेशन में भेजा जाता है।
स्वस्थ्य एवं जिला प्रशासन की अगर बात की जाए तो उनकी ओऱ से कोरोना की चेन तोड़ने के प्रयास किए जा रहे है और इतिहास साॅफ्टवेयर का इस्तेमाल करते हुए ट्रैक, टैस्ट, ट्रेस, आईसोलेट परन्तु लोगों में अभी भी कोरोना वायरस को लेकर संजीदगी नही दिखाई जा रही। संक्रमण से मरने वालों में ज्यादातर वह मरीज है जो हालत गंभीर होने के बाद अस्पताल पहुंचे या उन्होने अपने स्तर पर ही बगैर टैस्ट करवाए निजी डाक्टरों, आर एम पी आदि की सलाह पर उपचार करवाते रहे। स्वस्थ्य विभाग के माहिरों की ओर से बार बार इस बात पर जोर दिए जाने के बावजूद लोग टैस्ट करवाने के बजाए या तो टायफड की दवा ले रहे और या खांसी या देसी काड़ों का इस्तेमाल कर रहे है और तब अस्पताल जाते है जब वायरस सीधा उनके फेफड़ो को नुक्सान पहुंचा चुका होता है। जिस पर प्रशासन की ओर से नकेल कसी जा रही है तथा सख्त रुख अख्तियार किया जा रहा है।
क्या कहते है डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर मोहम्मद इश्फाक
वहीं गुरदासपुर के डिप्टी कमिशनर मोहम्मद इश्फाक की ओर से अपने लाईव सैशन के दौरान बताया गया कि कोरोना बीमारी के फैलाव को रोकने के उद्देश्य से जिले में कोरोना टेस्टिंग प्रक्रिया को और तेज किया जा रहा है। रोजाना छह हजार कोरोना टेस्टिंग की जाएगी।
डीसी ने कहा कि मौतों का आंकड़ा बढ़ना गंभीर चिंता का विषय है। कोरोना टेस्टिंग, ट्रेसिंग व कंटेनमेंट डोन में सेहत विभाग की टीमों द्वारा तेजी से टेस्टिंग की जा रही है तथा खास करके रेहड़ी व दुकानदारों की टेस्टिंग के लिए 35 टीमें गठित की गई है। उन्होंने कहा कि टेस्टिंग बढ़ाने के मुख्य उद्देश्य बीमारी के फैलाव को रोकना व पीड़ित का समय पर इलाज कर उसको मौत के मुंह में जाने से बचाना है।
वहीं उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा कोविड बीमारी के पीड़ितों के लिए सहायता के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं तथा उनको कोई मुश्किल न आए,को यकीनी बनाया गया है। पीड़ितों के सदस्यों की मदद के लिए व्हट्सअप ग्रुप बनाया गया है.ताकि उनको किसी चीज की जरुरत हो तो उसको पूरा किया जा सके। इसके अलावा गुरदासपुर व बटाला के सिविल अस्पतालों में सुबह सात से रात नौ बजे तक के समय के दौरान हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं.ताकि पीड़ितों व उनके परिवारिक सदस्यों को कोई दवाई आदि या अन्य सहायता लेने के िलए कोई परेशानी न आए। घरों में एकांतवास पीड़ितों के लिए छह मेडिकल टीमों का गठन किया गया है.जो पीड़ित की लगातार निगरानी करती हैं।
उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि कुछ लोग खास करके बटाला में आक्सीजन गैस का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिसको बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले ही जिले में आक्सीजन का दुरुपयोग रोकने के लिए आदेश जारी किए गए हैं तथा जो व्यक्ति एेसा करता पाया गया तो उसको बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने बताया कि आक्सीजन की सप्लाई केवल अस्पतालों, डिफेंस व दवाइयां बनाने के लिए ही की जाएगी। इसके अलावा यदि आक्सीजन का इस्तेमाल किसी अन्य उद्देश्य के लिए की जाती है तो संबंधित आरोपित के खिलाफ एपीडेमिक एक्ट 1897 व डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के अधीन कार्रवाई अमल में लाई जाएगी