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विजीलैेंस ब्यूरो द्वारा चंडीगढ़ के नजदीक बेशकीमती जमीन के राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करने का पर्दाफाश

विजीलैेंस ब्यूरो द्वारा चंडीगढ़ के नजदीक बेशकीमती जमीन के राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करने का पर्दाफाश
  • PublishedMay 9, 2021

चार राजस्व अधिकारियों और सात प्राईवेट व्यक्तियों के विरुद्ध फौजदारी मुकदमा दर्ज – बी.के. उप्पल

घपले में शामिल चार दोषी किये गिरफ्तार, तीन दिनों का लिया पुलिस रिमांड, बाकियों की तलाश जारी

चंडीगढ़/एस.ए.एस. नगर 9 मई: पंजाब विजीलैेंस ब्यूरो ने चंडीगढ़ के साथ लगते एस.ए.एस. नगर जिले के गाँवों की बेशकीमती जमीन पर लैंड माफिया के द्वारा राजस्व अधिकारियों के साथ मिलीभगत के द्वारा राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके कब्जा करने या लाभ कमाने के लिए किये बड़े घपले का पर्दाफाश किया है। इस सम्बन्धी चार राजस्व अधिकारियों समेत सात प्राईवेट व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करके चार दोषियों इकबाल सिंह पटवारी समेत प्राईवेट व्यक्तियों में से रवीन्द्र सिंह, परमजीत सिंह और हँसराज को गिरफ्तार करके तीन दिनों का पुलिस रिमांड ले लिया गया है जबकि बाकी दोषियों की तलाश जारी है।

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये विजीलैेंस ब्यूरो के मुख्य डायरैक्टर-कम-डी.जी.पी. श्री बी.के. उप्पल ने बताया कि प्रापर्टी डीलरों और भू माफियों के साथ जुड़े कुछ व्यक्तियों ने गाँव माजरियां, सब तहसील माजरी, जिला एस.ए.एस नगर की जमीन के तक्सीम के इंतकाल मौके पर राजस्व अधिकारी के साथ मिलीभगत के द्वारा राजस्व रिकार्ड में हेराफेरी करके खेवट नंबर में मल्कीयत तबदील की गई और गलत मुखत्यारनामों के द्वारा आम लोग के नाम और तबदील कर दी गई जिससे बड़ा लाभ कमा जा सके। उन्होंने बताया कि इससे पहले भी नवंबर 2020 में विजीलैेंस ब्यूरो ने इसी इलाके में स्थित गाँव करोरां की बेशकीमती जमीन को ऐसी मिलीभगत के द्वारा मल्कीयत तबदील करके आगे बेचे जाने का पर्दाफाश किया था।

अन्य विवरण देते हुये उन्होंने बताया कि गाँव माजरियां के राजस्व रिकार्ड की जांच के बाद भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, और आई.पी.सी. की धाराओं 409, 420, 465, 467, 468, 471, 477 -ए, 201, 120-बी के अंतर्गत थाना विजीलैस ब्यूरो, उडऩ दस्ता -1, पंजाब में मुकदमा दर्ज किया गया है जिनमें दोषियों के तौर पर वरिन्दरपाल सिंह धूत नायब तहसीलदार, रुपिन्दर सिंह मणकू ज्वाइंट सब-रजिस्ट्रार, दौलत राम और इकबाल सिंह (दोनों राजस्व पटवारी), श्याम लाल और हंस राज दोनों वासी गाँव माजरियां (पत्ती गूड़ा) जिला एस.ए.एस. नगर, रब्बी सिंह वासी गाँव करोरां, जिला एस.ए.एस. नगर, धर्म पाल निवासी अमलोह जिला फहेतगढ़ साहिब, सुच्चा राम वासी गाँव कैम्बाला, यू.टी. चंडीगढ़, परमजीत सिंह वासी गाँव हरदासपुरा, जिला पटियाला, रवीन्द्र सिंह गाँव सौढा जिला फतेहगड़ साहिब शामिल हैं।

बी. के. उप्पल ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि गाँव माजरियां हसबसत नंबर 343 के राजस्व रिकार्ड की जमाबंदी साल 1983-1984 में गाँव माजरियां के कुल क्षेत्रफल में से तकरीबन 29,000 कनाल जमीन शामलात दिखाई गई थी। साल 1991 में यह जमीन चकबंदी अफसर के हुक्मों अनुसार इंतकाल नंबर 2026 तारीख 07.05.1991 के द्वारा इसकी मल्कीयत आम लोगों के नाम पर तबदील की गई। इस जमीन में से 7113 कनाल क्षेत्रफल की तक्सीम इंतकाल नंबर 3159, तारीख 21.05.2004 के द्वारा किया जाना पाया गया है। जांच के दौरान पाया गया है कि उक्त तक्सीम के इंतकाल नंबर 3159 में छेड़छाड़ करके 14 व्यक्तियों के नाम फर्जी दर्ज किये और उनके नामों पर तकरीबन 558 एकड़ जमीन लगाई गई है। आगे से इस जमीन को साल 2010-11 में प्रापर्टी डीलर और भू माफिया का काम करने वाले दोषी श्याम लाल और हँसराज दोनों निवासी गाँव माजरियां, जिला एस.ए.एस. नगर, सुच्चा राम निवासी कैम्बवाला (चंडीगड़), ईश्वरीय सिंह निवासी गाँव करोरां, एस.ए.एस नगर और धर्मपाल निवासी अमलोह के द्वारा राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, जिनमें इकबाल सिंह पटवारी, नायब तहसीलदार रुपिन्दर मणकू आदि शामिल थे, की मदद से साल 2010 -2011 में अपने नामों परन्तु मुखत्यारे आम बनाऐ गए और इन मुखत्यारनामों के द्वारा उपरोक्त जमीन आम व्यक्तियों को बेच दी गई।

उन्होंने यह भी बताया कि इसके अलावा तारीख 18.06.2014 और तारीख 19.06.2014 को केवल 2 दिनों में ही तकरीबन 578 एकड़ जमीन के 10 तबादले फर्जी किये जाने पाये गए जिनके सह दस्तावेजों की पड़त पटवार और पड़त सरकार के साथ यह दस्तावेज, जिनके आधार पर यह तबादले किये गए थे, राजस्व विभाग के रिकार्ड में से खुर्द-बुर्द कर दिए गए। इन फर्जी तबादलों के इंतकाल पटवारी दौलत राम और उस वक्त के नायब तहसीलदार वरिन्दरपाल सिंह धूत के द्वारा तस्दीक किये गए हैं। इन तबादलों के द्वारा फर्जी मल्कीयतें बनाकर बनारसी पुत्र बाबू राम, रवीन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह, परमजीत सिंह पुत्र पाल सिंह, श्याम लाल पुत्र कालू राम आदि के द्वारा आम व्यक्तियों को यह जमीनें अलग-अलग वसीकों के द्वारा बेच दी गई।

विजीलैेंस ब्यूरो के प्रमुख ने बताया कि उपरोक्त के अलावा 43 व्यक्तियों का फर्जी तक्सीम केस तैयार करके उसका फैसला दौलत राम पटवारी, वरिन्दरपाल सिंह धूत, नायब तहसीलदार और प्रापर्टी डीलर और भू माफिया श्याम लाल निवासी गूड़ा माजरियां की मिलीभगत से तारीख 20.12.2017 को मंजूर किया जाना पाया गया है। इस फर्जी तक्सीम केस में किसी भी पटीशनर या रिसपोडैंट को कोई सूचना नहीं करवाई गई, न ही किसी वकील का वकालतनामा नत्थी किया गया और अखबार में तारीख 14.04.2014 को छपे एक फर्जी इश्तिहार का प्रयोग किया गया है। इसके बावजूद इस तक्सीम सम्बन्धी इंतकाल नंबर 4895 तारीख 21.12.2017 को फैसले के अगले दिन ही दौलत राम पटवारी के द्वारा दर्ज कर दिया गया है जिसको तारीख 27.12.2017 को नायब तहसीलदार वरिन्दरपाल सिंह धूत के द्वारा मंजूर किया गया। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे जांच जारी है और दोषियों को किसी भी कीमत पर नहीं बक्शा जायेगा।

Written By
The Punjab Wire