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मुख्यमंंत्री द्वारा सतत विकास लक्ष्यों में बड़े स्तर पर सुधार की सराहना विभागों को कारगुज़ारी में सुधार में और तेज़ी लाने के लिए कहा

मुख्यमंंत्री द्वारा सतत विकास लक्ष्यों में बड़े स्तर पर सुधार की सराहना विभागों को कारगुज़ारी में सुधार में और तेज़ी लाने के लिए कहा
  • PublishedJanuary 1, 2020

चंडीगढ़, 1 जनवरी:पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत अहम क्षेत्रों में बेमिसाल सुधार लाने की प्रशंसा करते हुए विभागों को कारगुज़ारी में और निखार लाने के लिए किये जा रहे प्रयासों को और तेज़ करने का न्योता दिया। नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्यों (एस.डी.जी.) सूची 2019-20, जिसमें 17 लक्ष्यों के अंतर्गत 100 मापदण्ड तय किये गए थे, में कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने खुले में शौच से मुक्त, इन्टरनेट ग्राहकी, प्रधानमंत्री आवास योजना, घरों के दरवाजों से कूड़ा उठाने और स्कूलों में सेकेंडरी स्तर पर औसतन सालाना ड्राप-आऊट की दर में बड़े स्तर पर सुधार लाया है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि 13 लक्ष्यों पर आधारित 62 प्राथमिक मापदण्डों वाली नीति आयोग की पहली रिपोर्ट ‘एस.डी.जी. सूची भारत-2018’ में पंजाब ने 60 अंक प्राप्त करके 10वां स्थान हासिल किया था जबकि भारत के औसतन अंक 57 थे।मुख्यमंत्री ने अलग-अलग विभागों द्वारा लगातार की गई असरदार निगरानी और अधिकारियों के क्षेत्रीय दौरों की प्रशंसा की जिसके स्वरूप पंजाब ने भारत द्वारा दर्ज औसतन 60 अंकों के मुकाबले सूची में 62 अंक प्राप्त किये जिसका खुलासा नीति आयोग द्वारा हाल ही में जारी एस.डी.जी. की सूची 2019-20 में किया गया।

एस.डी.जी रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब ने खुले में शोच से मुक्त क्षेत्र में 40.91 से 90.91 प्रतिशत विस्तार दर्ज किया है। इसी तरह इन्टरनेट ग्राहकों की संख्या में (प्रति सैंकड़ा जनसंख्या) 52.67 से 84.01 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 0.74 से 28.12 प्रतिशत, घरों के दरवाजों से कूड़ा उठाने में भी 65.82 से 97.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पाँच साल से कम उम्र के बच्चों की कुपोषण के कारण बुरे स्वास्थ्य की दर मौजूदा 25.07 से कम होकर 24.03 प्रतिशत रह गई है। इसके अलावा सेकेंडरी शिक्षा के स्तर पर ड्राप-आऊट की दर 8.86 से कम होकर 8.60 रह गई है।इसके उलट कुछ मापदण्डों में नाममात्र गिरावट भी दर्ज की गई है जिसमें मनरेगा के अंतर्गत रोजग़ार के मौके 81.63 से कम होकर 76.12 प्रतिशत हुए हैं, लडक़े-लड़कियों की जन्म दर 893 से 886 हुई है। इसी तरह बच्चों के विरुद्ध जुर्म की दर (एक लाख जनसंख्या के पीछे) 21 से ज्य़ादा होकर 24.03 हुई है।

मुख्यमंत्री ने सतत विकास लक्ष्यों के अंतर्गत मापदण्डों की निरंतर निगरानी करते हुए सभी सम्बन्धित विभागों को निश्चित लक्ष्यों की पूर्ति पूरी तनदेही के साथ करने के लिए कहा जिससे राज्य के लोगों को नागरिक सेवाएं सभ्यक ढंग से मुहैया करवाई जा सकें।जि़क्रयोग्य है कि पंजाब ने संयुक्त राष्ट्र -2030 विकास एजंडे के अंतर्गत 17 सतत विकास लक्ष्य, 169 लक्ष्य और 306 मापदंड तय किये हैं जिनकी पूर्ति के लिए हुई प्रगति की निगरानी मुख्यमंत्री द्वारा निजी स्तर पर निरंतर जारी है।प्रवक्ता ने बताया कि राज्य द्वारा सभी विभागों के लिए 4 साला नीतिगत एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत अब तक 16 विभागों के प्लान बनने के उपरांत मंत्रीमंडल द्वारा मंजूरी प्राप्त की जा चुकी है।इसके अलावा ऑनलाइन निगरानी सिस्टम भी लागू किया गया है जिससे इन सतत विकास नीतियों की समय-समय पर प्रगति का जायज़ा लेने के साथ-साथ विभागों की कारगुज़ारी में और सुधार लाया जा सके।————

Written By
The Punjab Wire