गांव कोटली भीतेवाड़ में थापर माडल से तैयार किए गए तालाब को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट पर किया लाईक
गुरदासपुर, 12 मार्ज (मनन सैनी) जब जुनून हो स्वच्छ भारत के निर्माण का तो हर कठिन काम भी आसान हो जाता है। ऐसी ही प्रेरक मिसाल पेश करते हुए जिला प्रशासन ने पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित कोटली भीतेवाड़ गाँव के तालाब का सुधार कर एक सुंदर झील में बदल दिया गया है। जिसे स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की वैबसाईट पर डाल कर ट्वीट किया गया। उक्त पोस्ट पर खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आधिकारिक ट्वीट की ओर से लाईक भी किया गया है। प्रधानमंत्री के साथ साथ केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंन्द्र सिंह शेखावत तथा जल शक्ति मंत्रालय के अडिश्नल सचिव अरुण बारोका आदि ने भी लाईक किया।
गौर रहे कि पंजाब में गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक ब्लॉक में स्थित कोटली भीतेवाड़ गाँव में एक मकई के तालाब के सुंदरीकरण तथा सुधार के लिए लगभग 14.48 लाख रुपये खर्च किए गए। यह तालाब अब कचरा और जलकुंभी से मुक्त, होकर एक सुंदर झील में बदल गया है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
इस संबंधी गांव के सरपंच तेजबीर सिंह ने बताया कि तालाब की दशा बदलने से पहले “हम तालाब के बारे में चिंतित थे क्योंकि यह जलकुंभी से भरा था। गांव के लोग उस गंदे तालाब के बारे में बहुत चिंतित है जो वेक्टर जनित बीमारियों में योगदान दे रहा था। अब हम खुश हैं कि हम अपने गाँव के तालाब को नया जीवन देने में सफल हुए हैं।
उन्होने बताया कि गांव के बाहरी भाग में स्थित है तालाब, जो 334 घरों और 1964 की आबादी के लिए बुरी गंध के कारण एक उपद्रव था। वहां से आना जाना बेहद मुश्किल होता था और ग्रामीण समुदाय ने समान रूप से तालाब से निजात पाने की भी सोची, परन्तु कोई समाधान नही मिला।
समाधान की तलाश में, उन्होने तथा गांव वासियों ने इस संबंधी जिला प्रशासन से संपर्क किया। जहां गुरदासपुर के डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक की ओर से बताया गया इसे स्मार्ट ग्राम योजना और मनरेगा के तहत पुनर्निर्मित करवाया जा सकता है। इसके बाद, थापर मॉडल डब्ल्यूएसपी (अपशिष्ट स्थिरीकरण तालाब) प्रौद्योगिकी का उपयोग करके तरल कचरे का प्रबंधन करने के लिए एक प्रणाली रखी गई थी। गांव वासियों का कहना था कि उन्हे खुशी है कि उनके गांव में एक नई संपत्ति बनाई गई है। जो अब सैलानियों को भी आकृषित करता है।
जहां तक संपत्ति के संचालन और रखरखाव का सवाल है, ग्राम पंचायत ने एक कार्य योजना तैयार की है, जो नियमित संचालन और रखरखाव के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं समुदाय को उनके कृषि क्षेत्रों में तालाब से उपचारित पानी का उपयोग करने के लिए निर्देशित और प्रोत्साहित किया गया है।
वहीं इस संबंधी डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने बताया कि जिले में 1278 गांव के अंदर 996 छप्पड़ है। जिनमें से 685 ਛੱਪੜ थापड़ माडल के तहत तैयार विकसित करने के प्रोजेक्ट पास हो गए है। उन्होने बताया कि जल्द सभी की काया कल्प की जाएगी तथा सभी को थापर माडल के तहत विकसित किया जाएगा।