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पर्यटन क्षेत्र में पिछड़े जिला गुरदासपुर को पर्यटन केंद्र बनाने की कवायद शुरु

पर्यटन क्षेत्र में पिछड़े जिला गुरदासपुर को पर्यटन केंद्र बनाने की कवायद शुरु
  • PublishedJanuary 31, 2021

रविवार को बटाला तथा गुरदासपुर से श्रद्धालुओं ने किए ऐतिहासिक स्थानों के किए दर्शन 

पंजाब में सबसे ज्यादा पुरातन इतिहास गुरदासपुर में है मौजूद 

मनन सैनी

गुरदासपुर, 31 जनवरी। पर्यटन क्षेत्र में पिछड़े जिला गुरदासपुर को पर्यटन केंद्र के रुप में विकसित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कवायद शुरु कर दी गई है। जिसके चलते पहले चरण में जिले के ऐतिहासिक स्थानों की ऐ​तिहासिक जानकारियां अर्जित की गई है तथा उनके रुट तैयार किए गए है। इस संबंधी बटाला तथा गुरदासपुर से दो बसों चलाई गई है जो श्रद्धालुओं को मुफ्त में ऐतिहासिक स्थानों पर ले जाकर उन्हे इतिहास से रुबरु करवाएंगी। रविवार को जिला हैरिटेज सोसायटी की ओर बटाला तथा गुरदासपुर से बसे चली तथा गुरदासपुर से चलने वाली बस को डिप्टी कमिश्नर मोहम्मद इश्फाक ने ​हरी झंडी देकर रवाना किया गया। 

गौर रहे कि जिला गुरदासपुर में पंजाब की सबसे प्राचीण धरोहरें तथा इतिहासिक इमारतों से लेकर भारत का पहला कम्यूनिटी रिजर्व केशोपुर छंब मौजूद है, जो देश तथा विदेशों से आने वाले दर्शकों तथा सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जा सकता है। 18 करोड़ की लागत से बने छोटा घल्लूघारा स्मारक, अकबर का ताजपोशी स्थल, कलानौर का ऐतिहासिक मंदिर, बटाला का प्राचीण अच्चलेश्वर धाम आदि बेहद प्राचीण विरासतें मौजूद है। परन्तु अभी तक केवल इन धरोहरों से मिट्टी तब ही साफ हुई जब भी कोई समागम होता। परन्तु इस संबंधी अब डीसी मोहम्मद इश्फाक इस प्रोजेक्ट में विशेष रुचि ले रहे है, जिसके चलते कई प्लान तैयार किए गए है। 

जिला प्रशासन फिलहाल स्थानीय लोगों के जरिए ऐतिहासिक स्थानों को प्रफुल्लित करने पर जोर दे रही है। जिसका मुख्य कारण है कि स्थानीय लोग भी अभी तक जानकारी के आभाव के चलते उक्त स्थानों की ऐतिहासिक महत्वता से वंचित थें। प्रशासन की ओर से बटाला तथा गुरदासपुर दोनों टीमों के साथ एक-एक गाईड दिया गया है। जो लोगों को पूरे दार्शिनिक स्थलों पर लेकर जाने के साथ साथ उन्हे इतिहास से भी अगवत करवाएगा।  वहीं उन्हे मुफ्त में खाना भी उपलब्ध करवाया गया।

पंचायत भवन से चलने वाली विशेश बस में गुरदासपुर से चली बस पहले घल्लूघारा साहिब स्मारक काहनूवान और छोटा घल्लूघारा गुरुद्वारा साहिब, बाबा बंदा सिंह बाहदुर गुरुद्वारा साहिब, गुरदास नंगल,  शिव मंदिर कलानौर, करतारपुर कारिडोर (दर्शन स्थल), गुरुद्वारा चोला साहिब तथा गुरुद्वारा दरबार साहिब, जोड़ा छित्तरां तथा बावा लाल जी के मंदिर ध्यानपुर दर्शन करवाए जाएगें। 

वहीं बटाला से चलने वाली बसों के यात्रियों को बदरुदीन हुसैन की दरगाह, श्री अच्चलेश्वर धाम, गुरुद्वारा अच्चेलश्वर साहिब, बाबा नामदेव जी के अंतिम समाध घुमान, किश्नकोट गांव में पुरातन राधा कृष्ण मंदिर, श्री दमदमा साहिब और गुरु की मसीत, घल्लूघारा साहिब तथा गुरदास नंगल की गढ़ी लेकर गए । 

डीसी  मोहम्मद इश्फाक ने फोन पर बातचीत करते हुए बताया कि गुरदासपुर में पूरे पंजाब की सबसे पुरानी ऐतिहासिक विरासते मौजूद है। परन्तु लोगों की इस संबंधी जानकारी बेहद कम है। उन्होने कहा कि पहले चरण में अभी दो बसे शुरु की गई है तथा अगामी कुछ दिनों में दो और टूर शुरु किए जाएगें।  जिसमें हैरिटेज वाॅक जो बटाला के मेन प्लान कवर करेगी तथा चौथा टूर अमृतसर श्री हरमंदिर साहिब से शुरु कर रहे है तथा वहां की पार्किंग से बस चलेगी जो शनिवार तथा रविवार वहां से बस श्रद्धालुओं को लेकर आएगी। 

डीसी इश्फाक ने कहा कि पर्यटन को मुख्य रखते हुए नैश्नल हाईवें पर बैनर और बोर्ड लगाए जाएगें जिसमें गुरदासपुर जिले के सभी ऐतिहासिक स्थलों के नाम तथा स्मारकों के बोर्ड़ लगगें। यह बोर्ड रेलवें स्टेशन तथा बस स्टैड़ इत्यादि सभी मुख्य जगहों पर लगाए जाएगें ताकि लोगों को पता लग सकें। 

वहीं उन्होनें बताया कि फिश पार्क तथा छोटा घल्लूघारा  में हफ्तावारी रविवार को लाईट एंड साऊड शो चलाया जाएगा। अभी वह इस पर काम कर रहे है। वहीं घल्लूघारा में मिनी थिएटर चलाने का भी प्रावधान है। वहीं बताया कि इस जिले में पर्यटन के बढ़ने से रोजगार के साधन भी बढ़ेगें ।

केशोपुर छंब को विदेशी सैलानियों तथा स्थानीय लोगों के लिए विकसित संबंधी पूछे गए सवाल पर डीसी इश्फाक ने कहा कि वह उस पर ध्यान दे रहे है और जल्द ही उस संबंधी भी सक्रात्मक नतीजे निकलेंगे।  

Written By
The Punjab Wire