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सहकारिता मंत्री रंधावा द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के साथ मुलाकात

सहकारिता मंत्री रंधावा द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर के साथ मुलाकात
  • PublishedNovember 28, 2019

जाब के सहकारिता मंत्री स. सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने बुधवार की शाम नयी दिल्ली में केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ मुलाकात करके राज्य के किसानों की बेहतरी के लिए सहकारिता क्षेत्र ख़ासकर गन्ना काश्तकारों के कल्याण के लिए शूगरफैड सैक्टर को मज़बूत करने के अहम मुद्दे विचारे।

सरकारी प्रवक्ता द्वारा आज यहाँ जारी प्रैस बयान में बताया गया कि स. रंधावा ने केंद्रीय कृषि मंत्री के समक्ष राज्य की समूह प्राथमिक कृषि सहकारी सोसाइटियों के कम्प्यूट्रीकरण करने की माँग रखी जिस पर केंद्रीय मंत्री ने अगले वित्तीय वर्ष से विचार करने की बात कही। स. रंधावा ने कहा कि किसानों का सीधा सम्बन्ध जमीनी स्तर पर प्राथमिक सहकारी सोसाइटियों के साथ होता है जिसके लिए इन सोसाइटियों के कामकाज में पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए एकीकृत कम्प्यूट्रीकरण की ज़रूरत है।

स. रंधावा ने कहा कि पंजाब का किसान पूरे देश का पेट भरता है परंतु लागत बढऩे और फसलों के भाव वाजिब न मिलने के कारण राज्य की किसानी का इस समय पर बुरा हाल है। किसानी को इस संकट में से निकालने के लिए सहकारिता क्षेत्र को मज़बूत करने की ज़रूरत है और इसके साथ ही पानी संकट से निपटने के लिए फ़सलीय विभिन्नता को बढ़ावा देने की ज़रूरत है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री के समक्ष गुजारिश की कि गन्ना काश्तकारों को बढ़ावा देने के लिए शुगर सैक्टर को प्राथमिकता देते हुए राज्य की चीनी मिलों की मज़बूती और नवीनीकरण के लिए केंद्रीय सहकारी विकास निगम (एन.सी.डी.सी.) द्वारा विशेष फंड मुहैया करवाए जाएँ। उन्होंंने कहा कि सीमावर्ती और दोआबा क्षेत्र में गन्ने की खेती के अपार सामथ्र्य को देखते हुए गुरदासपुर, बटाला, जालंधर की चीनी मिलों को अपग्रेड किया जाये। इसके साथ ही एन.सी.डी.सी. द्वारा गन्ने की खेती के अनुसंधान और विकास के लिए विशेष फंड दिए जाएँ। उन्होंने कहा कि गेहूँ -धान के फ़सलीय चक्कर में से निकलने के लिए गन्ने की खेती अहम रोल निभा सकती है, जिसको उत्साहित करने के लिए अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाये।

स. रंधावा ने केंद्रीय मंत्री के पास आज एक विशेष मुद्दा उठाते हुए कहा कि सहकारी क्षेत्र के समूचे अदारों को आधार बनाकर राज्य के किये जाने वाले वर्गीकरण में पंजाब देश के विकसित सहकारी क्षेत्रों में आता है जिस कारण पंजाब को इस क्षेत्र में सब्सिडी कम मिलती है। उन्होंने कहा कि पंजाब में सहकारी बैंक, मिल्कफैड, मार्कफैड अदारे मज़बूती के साथ काम करते होने के कारण पंजाब विकसित सहकारी राज्यों में आता है जिस कारण शूगरफैड क्षेत्र को अपेक्षित सब्सिडी आदि की सहायता नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को राज्यों का वर्गीकरण साझे तौर पर सहकारी क्षेत्र का करने की बजाय सहकारी क्षेत्र के अलग -अलग सैक्टरों का अलग -अलग करना चाहिए जिससे पंजाब के शुगर सैक्टर को बनते फंड मुहैया हो सकेंगे। सहकारिता मंत्री की इस माँग पर केंद्रीय मंत्री ने सैद्धांतिक सहमति प्रकटाते हुए पंजाब से विस्तृत प्रस्ताव माँगा।

सहकारिता मंत्री ने पराली का मुद्दा भी उठाते हुए केंद्रीय मंत्री से अपील की कि पराली के प्रबंधन की सुविधाजनक और तर्कसंगत व्यापक नीति बनाई जाये। उन्होंने कहा कि पंजाब में पराली के प्रबंधन के लिए ठोस प्रोजैक्ट लगाया जाये और सहकारी क्षेत्र को इसके साथ जोडक़र इस समस्या का हल निकालने के लिए योजना को अमल में लाया जाये।

इस मौके पर पंजाब से संसद मैंबर डॉ. अमर सिंह और जसबीर सिंह डिम्पा, विधायक प्रगट सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती कल्पना मित्तल बरूहा, रजिस्ट्रार सहकारी सभाएं श्री विकास गर्ग, शूगरफैड के एम.डी. पुनीत गोयल और पंजाब राज्य सहकारी बैंक के एम.डी. डॉ. एस.के. बातिश भी उपस्थित थे।

Written By
The Punjab Wire