बिना वर्दी व बंदूक के सैनिक की भांति पिछले 24 वर्षों से शहीद परिवारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे हैं कुंवर विक्की
मनन सैनी
गुरदासपुर ,29 दिसम्बर । सदियों की गुलामी के बाद देश को जो बहुमूल्य आजादी मिली, उसके पीछे कुर्बानियों का लंबा इतिहास रहा है। उस आजादी की गरिमा को बरकरार रखने हेतु हमारे कई जांबाज सैनिक आए दिन अपने बलिदान दे रहे हैं। उन सैनिकों की शहादतों से उनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट जाता है, परिवार जिंदा लाशें बन कर रह जाते हैं। ऐसे लोगों का दुख दर्द बांटने के लिए व उनके रिस्ते जख्मों पर मरहम लगाने हेतु पंजाब की एकमात्र गैर राजनीतिक संस्था बनी है, शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद, जिसके महासचिव हैं,कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की, जोकि पिछले 24 वर्षों से इन शहीद परिवारों की आवाज बन कर बिना वर्दी व बंदूक के एक सैनिक की तरह इन परिवारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते हुए उन्हें फिर से अपने पैरों पर खड़ा कर उन्हें जीने की राह दिखा रहे हैं। कुंवर विक्की द्वारा निष्काम भाव से निभाई जा रही सेवाओं व उत्कृष्ठ कार्यशैली को देखते हुए पिछले दिनों पंजाब सरकार द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘रणजोधे’ में उनके कार्यों की सराहना करते हुए उनके सम्मानित होने की तस्वीर प्रकाशित कर सरकार ने उन्हें शहीद परिवारों का मसीहा करार दिया। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद पंजाब की एकमात्र ऐसी संस्था है, जिसे इस पुस्तक में स्थान मिला है। इसके लिए कुंवर रविन्द्र विक्की ने परिषद की तरफ से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व रक्षा सेवाएं भलाई विभाग पंजाब के डायरैक्टर ब्रिगेडियर सतिन्द्र सिंह औलख का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह भविष्य में भी आखिरी सांस तक शहीद परिवारों के अधिकारों व मान-सम्मान की बहाली हेतु इसी तरह संघर्ष करते रहेंगे।
गणतंत्र दिवस पर हो चुके हैं स्टेट आवार्ड से सम्मानित
राष्ट्र की बलिवेदी पर प्राणों की आहुति देने वाले देश के जांबाज सैनिकों की अमिट स्मृति को शाश्वत रखने हेतु जगह- जगह श्रद्धांजलि समारोह आयोजित करके शहीद परिवारों का सम्मान करते हुए उनका मनोबल बढ़ाना व समाज में देशभक्ति की अलख जगा अपने सैनिकों का सम्मान करने के लिए भावी पीढ़ी को जागृत करने जैसी सराहनीय सेवाओं को देखते हुए इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर गुरदासपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में मुख्यातिथि राज्यपाल वी.पी.सिंह बदनौर द्वारा कुंवर विक्की को स्टेट आवार्ड से सम्मानित करते उनका मनोबल बढ़ाया गया था।
विदेश से भी मिल चुका है प्राईड ऑफ इंडिया का सम्मान
यह पूर्णतया सत्य है कि इंसान को उसका हुनर ईश्वरीय देन होती है, देखना यह होता है कि इंसान उसे जीवन में कैसे उसका प्रयोग करते हुए अपनी पहचान फर्श से अर्श तक लेकर जाता है। प्रत्येक इंसान का काम ही उसकी पहचान होती है। परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की जो दिन रात शहीदों व उनके परिजनों के मान सम्मान की बहाली के लिए निरंतर संघर्ष करते हुए अपने परिवार तक को तवज्जो नहीं देते। यूं तो उन्हें उनके अद्वितीय प्रयासों के लिए कई बार प्रशासनिक अधिकारियों व सरकारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है, परन्तु उन्हें वैश्विक स्तर पर भी सम्मान मिला है। जोकि अपने आपमें उनकी सात समुन्द्र पार बढ़ती लोकप्रियता व उनके कार्यों को मिला सम्मान है। कुंवर विक्की को कैनेडा के वैनस्कोए निवासी जैसन पीटर ने उनके कार्यों से प्रभावित होकर उन्हें प्राईड ऑफ इंडिया की उपाधि देते हुए अखरोट की तराशी हुई लकड़ी पर शहीद परिवारों के लिए किए गए कार्यों को विशिष्ट सम्मान देते हुए शानदार नक्काशी की है।
प्रेरणास्त्रोत है, कुंवर विक्की की सेवाएं : ब्रिगेडियर औलख
रक्षा सेवाएं भलाई विभाग पंजाब के डायरैक्टर ब्रिगेडियर सतिन्द्र सिंह औलख ने इस अवसर पर कहा कि जब भी किसी के घर का चिराग राष्ट्र की बलिवेदी पर कुर्बान हो जाता है तो उस सैनिक का परिवार पूरी तरह से बिखर कर रह जाता है। इन हालातों में उन परिवारों को संभालते हुए उन्हें फिर से पैरों पर खड़ा करने का जो प्रयास शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविन्द्र सिंह विक्की कर रहे हैं, उनकी यह सेवाएं देश की भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणास्त्रोत है, क्योंकि आज के इस बदलते प्रवेश में हर कोई अपने लिए जीता है। बहुत कम ऐसे लोग हैं, जो किसी की पीड़ा को अपनी पीड़ा समझते हुए उनके हक के लिए लड़ते हैं।