गुरदासपुर, 14 दिसंबर (मनन सैनी)। कृषि कानून के विरोध में सोमवार को किसानों ने डीसी कार्यालय का घेराव किया। धरने में किसानों के साथ आरएमपी डाक्टर,वकील व विभिन्न समाजिक संगठन भी बैठे थे। हालांकि मिनी सचिवालय के पीछे की साइड भी तीन से चार गेट हैं, जिस कारण डीसी कार्यालय में काम करवाने आने वाले लोगों को कोई परेशानी नहीं हुई। उधर किसान धरने पर केंद्र सरकार के खिलाफ खूब गरजे। उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। किसानों का धरना छह घंटे चला। हालांकि इससे पहले भारी संख्या में किसान नेहरु पार्क में इकट्ठे हुए। जिसके बाद उन्होंने डीसी कार्यालय समक्ष रोष मार्च निकाला।
किसान नेता मक्खन सिंह कोहाड़ ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने कृषि कानून लागू करके किसानों को खत्म करने का प्लान बनाया है। दिल्ली में भीषण सर्दी में किसान दिन रात सड़कों पर बैठ कर धरना दे रहे हैं। लेकिन मोदी सरकार टस से मस नहीं हो रही। किसान तब तक अपने धरने को खत्म नही करेंगे। जब तक केंद्र सरकार इस बिल को रद्द नहीं करती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का कृषि कानून मौत का वारंट हैं। धरने में किसान, उनकी पत्नियां व छोटे बच्चे भी धरने पर बैठे हुए थे। वह अपना हक लेने के लिए आवाज बुलंद कर रहे थे।
धरने में किसानों को विभिन्न संगठनों ने समर्थन देते हुए उनके साथ डीसी कार्यालय समक्ष धरना दिया। संगठनों के नेताओं ने कहा कि वह किसानों के साथ हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ वह केंद्र का अंतिम सांस तक साथ देंगे। उन्होंने कहा कि इस कानून को रद करवाकर ही दम लिया जाएगा। जब तक केंद्र सरकार कृषि कानून को रद नहीं करती। तब तक किसानों के साथ इसी तरह धरने पर बैठा जाएगा। इस मौके पर किसान, हरभजन सिंह,जनक सिंह, गुरबख्श सिंह, परमजीत सिंह, जगतार सिंह के अलावा अन्य उपस्थित थे।